रशिया और यूक्रैन का संघर्ष रोकने का समय खत्म नहीं हुआ हैं – इस्रायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट

जेरूसलम – ‘जिम्मेदार नेता के तौर पर फिलहाल हो रहा रक्तपात रोकने की ज़िम्मेदारी हमपर हैं। यह संघर्ष युद्धभूमि से राजनीतिक बातचीत की ओर ले जाने की आवश्‍यकता हैं। अभी भी यह युद्ध रोकने का समय खत्म नहीं हुआ हैं। ऐसें संघर्ष की कीमत काफी बड़ी होती हैं, इसका अनुभव हमनें लिया है। इस बार इस संघर्ष की कीमत अधिक भयंकर हो सकती हैं’, यह इशारा इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने दिया।

जर्मनी के चान्सरल ओलाफ शोल्झ बुधवार को इस्रायल पहुँचे। जर्मनी का नियंत्रण स्वीकारने के बाद चान्सलर शोल्झ की यह पहली इस्रायल यात्रा हैं। रशिया और यूक्रैन के बीच संघर्ष भड़कने से पहले शोल्झ की यह इस्रायल यात्रा तय हुई थी। लेकिन, यह संघर्ष अधिक से अधिक भड़क रहा हैं और तभी जर्मन चान्सलर शोल्झ और इस्रायल के प्रधानमंत्री बेनेट की इस भेट को देखा जा रहा हैं। शोल्झ और बेनेट की चर्चा के दौरान भी रशिया-यूक्रैन का संघर्ष प्रमुख मुद्दा था।

रशिया और यूक्रैन का जारी युद्ध जल्द ही रोकने की आवश्‍यकता होने का बयान इस्रायली प्रधानमंत्री बेनेट ने किया। इस रक्तपात को रोकने के लिए आवश्‍यक सब कुछ करने के लिए इस्रायल तैयार हैं, ऐसा प्रधानमंत्री बेनेट ने स्पष्ट किया। अपने पूरे भाषण मे इस्रायल के प्रधानमंत्री ने यूक्रैन का स्पष्ट ज़िक्र किया। लेकिन, रशिया का ज़िक्र करने से इस्रायली प्रधानमंत्री दूर रहें, इस ओर जर्मन माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

इस्रायल ने यूक्रैन को हथियारों की आपूर्ति करें, यह माँग जर्मनी के चान्सलर ने इस दौरान रखी। पत्रकारों ने भी इस्रायल के प्रधानमंत्री से यही सवाल किया। गौरतलब हैं कि, कुछ दिन पहले अमरीका के बायडेन प्रशासन ने भी इस्रायल के सामने यूक्रैन को हथियार प्रदान करने की माँग रखी थी। लेकिन, रशिया-यूक्रैन इन दोनों देशों से सहयोग रखनेवाले इस्रायल ने बायडेन प्रशासन तक अपना इन्कार पहुँचाया था।

जर्मन चान्सलर शोल्झ की माँग पर भी इस्रायल ने तोलमोल से भूमिका अपनाई कही जा रही हैं। साथ ही यूक्रैन को मानवीय सहायता प्रदान करने की बात कहकर प्रधानमंत्री बेनेट ने इस्रायल की भूमिका स्पष्ट की। साथ ही इस संघर्ष के दौर में जर्मनी ने अपनी अबतक की भूमिका में बदलाव करके यूक्रैन को हथियारों की सहायता करने का बड़ा साहसी निर्णय किया हैं, ऐसी फटकार बेनेट ने लगाई।

रशिया-यूक्रैन संघर्ष के साथ ही ईरान के साथ हो रही बातचीत पर भी जर्मनी और इस्रायल के राष्ट्रप्रमुख की चर्चा हुई। ईरान के साथ परमाणु समझौता होना चाहिये, यह उम्मीद चान्सरल शोल्झ ने व्यक्त की। ऐसें में कोई भी नया परमाणु समझौता इस्रायल को मंजूर नहीं होगा, यह बात प्रधानमंत्री बेनेट ने ड़टकर कही।

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