इस्रायल के प्रधानमंत्री की यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष को रशिया का प्रस्ताव स्वीकारने की सलाह

– यूक्रैन के अधिकारी का आरोप

किव/जेरूसलम – ‘आपके स्थान पर यदि हम होते तो यूक्रैन के नागरिकों की जान का खयाल करके रशिया का प्रस्ताव स्वीकार लिया होता’, ऐसी सलाह इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष को दी| यूक्रैन के अधिकारी ने इस्रायली माध्यमों से यह जानकारी साझा की| इस्रायल ने इस वृत्त से इन्कार किया है| रशिया-यूक्रैन का युद्धविराम कराने की कोशिश इस्रायल कर रहा है, ऐसा इस्रायली प्रधानमंत्री के दफ्तर ने स्पष्ट किया|

चार दिन पहले इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने रशिया का दौरा करके राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी| इसके बाद वापसी में प्रधानमंत्री बेनेट ने यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष वोलोदोमीर ज़ेलेन्स्की से तीन बार फोन पर बातचीत की| इस युद्ध में रशिया के खिलाफ यूक्रैन को सैन्य सहायता प्रदान करने का आवाहन अमरीका ने इस्रायस से किया था| इस्रायल ने इस पर स्पष्ट रूप से इन्कार किया था|

israel-pm-ukraine-russiaइस्रायल के रशिया और यूक्रैन से अच्छा संबंध हैं| इसकी वजह से अमरीका और यूरोपिय देशों के दबाव के सामने बिना झुके इस्रायल ने इस संघर्ष में यूक्रैन को सैन्य सहायता देने से इन्कार करके तटस्थ भूमिका अपनाई थी| ऐसी स्थिति में इस्रायल के प्रधानमंत्री ने रशिया दौरे के बाद यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष से चर्चा की थी| रशिया और यूक्रैन का युद्धविराम कराने के लिए इस्रायल ने की हुई पहल ध्यान आकर्षित कर रही थी|

लेकिन, यूक्रैन के वरिष्ठ अधिकारी ने इस्रायली माध्यमों के साथ बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि, प्रधानमंत्री बेनेट ने यूक्रैन को रशिया की शरण में जाने की सलाह दी| लेकिन, ज़ेलेन्स्की की सरकार रशिया के सामने नहीं झुकेगी, ऐसा इस अधिकारी ने कहा|

रशिया ने क्रिमिया पर जो दावा किया है उसे यूक्रैन स्वीकार करे, साथ ही डोनेस्क और लुहान्स्क की स्वतंत्रता भी कबूल करे एवं नाटो में शामिल होने का विचार छोड़ दे, ऐसी रशिया की माँगें हैं| जेरूसलम में रशिया-यूक्रैन के नेताओं की चर्चा आयोजित करने के लिए इस्रायल तैयार है, यह खबरें भी सामने आयी थीं| लेकिन, यूक्रैन ने इस्रायल का यह प्रस्ताव ठुकराया था|

इसी बीच, इस्रायल ने इस संघर्ष में अपनाई तटस्थ भूमिका छोड़ दे, यह माँग अमरीका और नाटो कर रहे है| अमरीका के कुछ नेताओं ने इस्रायल की आलोचना करने की खबरें भी प्रसिद्ध हुईं थी| तो, यूक्रैन ने भी सैन्य सहायता देने से इन्कार कर रहे इस्रायल को फटकार लगाई थी| लेकिन, बायडेन प्रशासन ने ईरान के साथ परमाणु समझौता करने की पहल करके इस्रायल की सभी आपत्तियों को ठुकराया था| इसे लौटाने के लिए इस्रायल अब यूक्रैन के मसले पर अमरीका से सहायता करने के लिए इन्कार कर रहा है| साथ ही फिलहाल रशिया ने पश्‍चिमी देशों के साथ हो रहा ईरान का परमाणु समझौता रोक रखा है| यह बात इस्रयाल के लिए अनुकूल है| इसकी वजह से फिलहाल रशिया और इस्रायल के हित एकसमान दिख रहे हैं| ईरान के साथ परमाणु समझौता करके अमरीका को वैश्विक स्तर पर ईंधन की सप्लाई बढ़ानी है|

परमाणु समझौता होते ही ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए जाएँगे और इस देश का ईंधन वैश्विक बाज़ार में उतारा जाएगा| यूक्रैन युद्ध की वजह से और रशिया पर लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से फिलहाल ईंधन की कीमतें चरम स्तर पर हैं और यह कीमतें कम होंगी एवं अमरीका दबाव से मुक्त होगी, ऐसी बायडेन प्रशासन की योजना है| लेकिन, मौजूदा समय में रशिया और इस्रायल एवं खाड़ी के देश अमरीका की यह योजना सच्चाई में उतरने ना देने की तैयारी कर रहे हैं| इसके लिए इस्रायल और सौदी-यूएई जैसे ईरान के खिलाफ खड़े हुए खाड़ी के देश फिलहाल रशिया के समर्थन में खड़े हुए दिख रहे हैं|

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