रशिया यूक्रैन के खारकिव पर जोरदार कार्रवाई करने की तैयारी मे

मास्को – अगले कुछ घंटों में रशिया यूक्रैन के खारकिव शहर पर जोरदार सैन्य कार्रवाई करेगी, ऐसें स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने खारकिव से भारतीय नागरिकों को जलद गति से शहर छोड़ने का संदेश दिया है। खारकिव पर कब्ज़ा करने के साथ ही रशिया यूक्रैन की राजधानी किव पर अहम निर्णय करेगी, ऐसी चर्चा हैं। यूक्रैन के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष व्हिक्टर यानुकोविच को रशिया ने बेलारूस में लागाय हैं और जल्द ही रशिया उन्हें यूक्रैन के अधिकृत राष्ट्राध्यक्ष घोषित कर सकती हैं, ऐसा कुछ विश्‍लेषकों का कहना हैं।

यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की को पद से हटाना ही अपने यूक्रैन पर हमला करने का ध्येय होने की बात रशिया ने पहले ही स्पष्ट की थी। यही रशिया की प्रमुख माँग होने का दावा किया जा रहा हैं। इसके लिए राजधानी किव पर कब्ज़ा करके झेलेन्सकी के स्थान पर यानुकोविच को राष्ट्राध्यक्ष नियुक्त करने की रशिया की योजना हैं। जैसें ही इस देश का नियंत्रण फिर से यानुकोविच के हाथों में जाता हैं, वैसें ही यूक्रैन, अमरीका और पश्‍चिमी देशों ने रखी उम्मीद की भूमिका से रशिया दूर हटेगी। इसके लिए रशिया ने सैन्य सामर्थ्य का इस्तेमाल किया, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना हैं।

यानुकोविच को सीधे यूक्रैन में लाने के बजाय पड़ोस के बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में लाया गया हैं। यूक्रैन के साथ रशिया की जारी चर्चा में यानुकोविच को भी शामिल करने का विचार रशिया का हैं, ऐसें भी दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, अभी इसकी पुष्टी नहीं हुई है। लेकिन, राजधानी किव पर कब्ज़ा करके यूक्रैन को हमेशा के लिए पैरो तले रखने का रशिया का विचार नहीं हैं, ऐसा रशियन नेता बार बार कह रहे हैं। इस वजह से यूक्रैन में सत्ता परिवर्तन कराना ही रशिया के हमले का उद्देश्‍य होने की बात सामने आ रही हैं।

लेकिन, रशिया की इस रणनीति की पूरी कल्पना रखनेवाले अमरीका और नाटो के सदस्य देशों ने यूक्रैन में दूसरें किसी भी नियुक्त होनेवाले नेता को मंजूरी ना देने का ऐलान पहले ही किया था। इस वजह से यूक्रैन में अधिक जोरदार संघर्ष भड़केगा और इसकी गूंज विश्‍वभर में सुनाई देगी, यह स्पष्ट होने लगा हैं। एक ओर अमरीका और नाटो के सदस्य देश रशिया विरोधी सैन्य कार्रवाई करने के लिए यूक्रैन की सेना के साथ जनता को भी विद्रोह करने के लिए उकसा रहे हैं। इसकी तैयारी अमरीका और यूरोपिय देशों ने रखी होने के दावे विश्‍लेषक कर रहे हैं। इसी के लिए यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष झेलेन्स्की का अमरीका प्रभावी पद्धती से इस्तेमाल कर रही हैं और उन्हें नायक के तौर पर विश्‍व के सामने पेश कर रही हैं। लेकिन, रशिया को इस युद्ध को लंबा चलाने में रुचि नही हैं और यूक्रैन में सत्ता परिवर्तन करके अपने सुरक्षा संबंधित हितसंबंधों की रक्षा करने के लिए रशिया सबसे अधिक अहमियत देती दिख रही हैं।

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