अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में इंधन की दरों में भारी उछाल – क्रूड ऑयल 112 डॉलर्स और नैसर्गिक इंधन वायु 2200 डॉलर्स पर

मॉस्को/लंडन/न्यूयॉर्क – रशिया-युक्रेन युद्ध की गूंजे अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में सुनाई दीं हैं। बुधवार को कच्चे तेल के दामों ने ज़बरदस्त उछाल लेते हुए 110 डॉलर्स प्रति बैरल का स्तर पार किया। वहीं, नैसर्गिक ईंधन वायु की दरें प्रति हज़ार घन मीटर 2,200 डॉलर्स तक पहुंची हैं। नैसर्गिक इंधन वायु की दरों ने पहली ही बार यह रिकॉर्ड स्तर कायम किया होने की जानकारी सूत्रों ने दी। उसी समय, रशिया की करेंसी रूबल की भी गिरावट जारी होकर, अमरीका और युरोप के शेयर बाजारों को भी बड़ा झटका लगा है।

रशिया ने युक्रेन पर किए हमले को सात दिन बीते होकर, युद्ध की तीव्रता बढ़ी होने का चित्र दिखाई दे रहा है। युद्ध शुरू रहते समय ही, अमरीका, युरोप और मित्र देशों ने रशियन अर्थव्यवस्था पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लगाए हैं। युद्ध और पश्चिमी देशों ने लगाए प्रतिबंध इसके बड़े परिणाम मार्केट्स में दिखाई देने लगे हैं।

बुधवार को कच्चे तेलों की दरों ने लगभग साढ़ेसात प्रतिशत की उछाल लेते हुए 112 डॉलर्स प्रति बैरल का पड़ाव पार किया। पिछले 7 सालों में यह सर्वोच्च स्तर है। अगले कुछ दिनों में ये दरें 120 से 130 डॉलर्स प्रति बैरल तक जा सकती हैं, ऐसी चेतावनी विश्लेषकों ने दी। कच्चे तेल के बाद नैसर्गिक ईंधन वायु की दरों में भी उछाल आई है। बुधवार को युरोप के मार्केट में हुए व्यवहारों में प्रति हज़ार घनमीटर 2,226 डॉलर्स ऐसी रिकॉर्ड दर दर्ज़ की गई। नैसर्गिक ईंधन वायु के मार्केट के इतिहास में यह अब तक का सर्वाधिक स्तर होने की जानकारी सूत्रों ने दी। रशिया-युक्रेन संघर्ष की वजह से अगले कुछ दिन नैसर्गिक ईंधन वायु की दरों में लगातार वृद्धि होगी, ऐसा दावा विशेषज्ञों द्वारा किया गया है।

यहाँ ईंधन की दरें भड़क रही है और दूसरी तरफ अन्तर्राष्ट्रीय शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट आई है। अमरीका और युरोप के शेयर निर्देशांक डेढ़ से तीन प्रतिशत से नीचे गिरे हैं। उसके परिणाम एशियाई शेयर मार्केट में भी दिखाई देने लगे होकर, जापान, दक्षिण कोरिया, चीन, हाँगकाँग तथा भारत के शेयर बाजारों में भारी मात्रा में गिरावट आई बताई जाती है। रशिया के शेयर बाजारों ने व्यवहार बंद रखे होकर, करेंसी रुबेल में जारी गिरावट अभी भी कायम है। रशिया पर लगाए गए सख्त प्रतिबंधों के बाद अग्रसर बैंक्स तथा कंपनियों ने युरोप के अपने उपक्रम बंद करने का फैसला किया है। रशिया के ईंधन क्षेत्र पर हालांकि अभी भी प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं, फिर भी अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में रशिया रियायती दरों में ईंधन की बिक्री कर रहा होने की खबर सामने आई है।

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