अमरीका ‘ताइवान’ को सार्वभौम राष्ट्र के तौर पर स्वीकृति प्रदान करें – अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ की मॉंग

ताइपे/वॉशिंग्टन/बीजिंग – अमरीका ‘ताइवान’ को मुक्त एवं सार्वभूम राष्ट्र के तौर पर स्वीकृति प्रदान करें| इसका ताइवान के भविष्य की आज़ादी से संबंध नहीं| सीर्फ इसके ज़रिये हमें वास्तव स्वीकार करना हैं| ताइवान की आज़ादी का ऐलान करने की ज़रूरत नहीं, क्यों कि असल में ही वह स्वतंत्र देश हैं| इस देश का नाम रिपब्लिक ऑफ ताइवान हैं| अमरिकी सरकार और जनता ने इस राजनीतिक, सियासी और सार्वभूमक वास्तव को स्वीकारना आवश्यक हैं’, ऐसी मॉंग अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने रखी|

रशिया-यूक्रैन युद्ध की पृष्ठभूमि पर चीन ताइवान पर हमला करने की संभावना होने के इशारे माध्यम और विश्‍लेषक लगातार दे रहे हैं| इस वजह से अमरीका ने ताइवान के साथ जारी सहयोग अधिक मज़बूत करने की दिशा में कदम उठाएँ  हैं| कुछ दिन पहले ही अमरीका ने अपने विध्वंसक को ताइवान के समुद्री क्षेत्र में रवाना किया था| अमरीका ने नए ‘इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटेजी’ का ऐलान किया हैं| इसमें ताइवान की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया हैं| इस दौरान अमरीका ने अपनी ‘इंडो-पैसिफिक नीति’ में यह ज़िक्र किया है कि, अमरीका ताइवान को आत्मरक्षा की क्षमता प्राप्त करने के लिए सहायता प्रदान करेगी|

अमरीका का एक शिष्टमंड़ल ताइवान की यात्रा पर दाखिल हुआ था| इसी पृष्ठभूमी पर अमरीका के पूर्व विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने भी ताइवान की यात्रा की| अपने इस दौरे में पॉम्पिओ ने ताइवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग-वेन से मुलाकात की| इसके बाद ताइवान के एक अभ्यासगुट में किए भाषण के दौरान उन्होंने ताइवान को राजनीतिक स्वीकृति प्रदान करने की मॉंग उठायी|

इस दौरान उन्होंने यह दावा भी किया है कि, ताइवान पर कब्ज़ा करने की घटना चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग की चीन पर बनी पकड़ अधिक मज़बूत करने वाली होगी| पॉम्पिओ की मॉंग का ताइवान में जोरदार स्वागत हुआ हैं और अमरिकी विश्‍लेषक एवं सांसदों ने भी इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया हैं| लेकिन, चीन ने पॉम्पिओ की इसपर आलोचना की हैं| ‘पॉम्पिओ’ यह सियासी नेता हैं और उनका किसी भी तरह का सम्मान बचा नहीं हैं| वह फिज़ूल बड़बड़ा रहे हैं और इसे कभी भी सफलता हासिल नहीं होगी’, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा हैं|

इसी बीच, अमरीका के ‘एअरफोर्स सेक्रेटरी’ फ्रैंक केंड़ाल ने अमरीका की सुरक्षा के लिए होनेवाली सबसे बड़ी चुनौती चीन ही होने का दावा किया| ‘अमरीका जल्द ही अपनी सुरक्षा एवं रक्षा संबंधित नीति का ऐलान करेगी| फिलहाल सभी ओर अलग अलग घटनाएँ हो रही हैं, फिर भी इनमें सबसे बड़ी चुनौती चीन ही रहेगा, इसपर दूमत नहीं’, ऐसा केलॉग ने कहा| केलॉग का यह बयान सामने आ रहा था, तभी अमरिकी वायु सेना ने जापान के हवाईअड्डे पर व्यापक हवाई युद्धाभ्यास करने की जानकारी सामने आयी हैं|

अमरीका की जारी इन गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर चीन ने शुक्रवार को वियनताम के करीब व्यापक नौसेनीक युद्धाभ्यास का ऐलान किया हैं| यह युद्धाभ्यास एक हफ्ता चलेगा, यह भी चीन की नौसेना ने स्पष्ट किया हैं|

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