अमरीका रक्षाखर्च एक ट्रिलियन डॉलर्स तक बढ़ाएँ – विश्‍लेषक की मॉंग

वॉशिंग्टन – रशिया-यूक्रैन युद्ध एवं चीन के बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर अमरीका ने अपने रक्षाखर्च के लिए एक ट्रिलियन डॉलर्स का प्रावधान करना होगा, ऐसा दावा विश्‍लेषक रिच लॉली ने किया हैं| रशिया ने यूक्रैन पर किए हमले का ज़िक्र करके लॉरी ने यह कहा कि, अमरीका को एक ही समय पर यूरोप और एशिया का मोर्चा संभालने की क्षमता रखनी होगी| थलसेना, नौसेना एवं वायुसेना के साथ अंतरिक्ष क्षेत्र, सायबर, आर्टिफिशल इंटेलिजन्स, क्वांटम कॉम्प्युटिंग, डायरेक्टेड एनर्जी के क्षेत्र में अमरीका ने बढ़त बनानी ही होगी, ऐसी सलाह अमरिकी विश्‍लेषक ने दी|

चीन ने कुछ दिन पहले ही अपने रक्षाखर्च में सात प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी करने का ऐलान किया था| इस नई बढ़ोतरी के बाद चीन का रक्षाखर्च २३० अरब डॉलर्स तक जाएगा| पिछले सात वर्षों से चीन अपने रक्षा खर्च में लगातार छह प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी कर रहा हैं| इस बढ़ते रक्षाखर्च के जोरों पर चीन ने कुछ साल पहले अमरिकी नौसेना को पीछे छोड़कर विश्‍व की सबसे बड़ी नौसेना होने का कारनामा किया था| दूसरी ओर हायपरसोनिक मिसाइल, स्पेस वेपन्स, लेज़र्स के क्षेत्र में भी चीन ने अमरीका को पीछे छोड़ने की सफलता हासिल की हैं, इसपर भी रिच लॉरी ने अपने लेख के माध्यम से ध्यान आकर्षित किया|

इसी दौरान रशिया भी अपनी रक्षा क्षमता भारी मात्रा में बढ़ा रही हैं और यूक्रैन पर किए हमले में रशियन रक्षा यंत्रणाओं ने बड़ी तबाही मचाई दिख रही हैं| रशिया और चीन की ऐसीं बढ़ती क्षमताओं का ज़िक्र करके रिच लॉरी ने अगले दिनों में अमरीका को इन दोनों मोर्चों पर संघर्ष करना पड़ सकता हैं, यह इशारा दिया| इस वजह से आनेवाले दौर में रक्षा क्षमता बढ़ाने के साथ ही यूरोप और एशिया इन दोनों महाद्विपों की तैनाती का विचार होना चाहिये, इस ओर लॉरी ने ध्यान आकर्षित किया|

एक ही समय पर दोनों मोर्चोंपर तैनाती करने के लिए हथियारों का भंड़ार काफी बढ़ाना होगा, ऐसा उन्होंने कहा हैं| ‘अमरिकी नौसेना ने अपने बेड़े के युद्धपोतों की संख्या बढ़ाकर ५०० करनी होगी| रक्षाबलों में लंबी दूरी के ‘हाय प्रिसिजन मिसाइल्स’ की संख्या बढ़ाना भी ज़रूरी हैं| ‘न्यूक्लिअर फोर्स’ का आधुनिकीकरण, नए स्टेल्थ लड़ाकू विमान, टैंकों के नए दल बनाने की दिशा में गतिविधियॉं करनी होगी’, इसका अहसास रिच लॉली ने अपने लेख में कराया हैं|

‘फिलहाल अमरीका का रक्षा खर्च ७७० अरब डॉलर्स हैं| अगले वर्ष यह ८०० अरब डॉलर्स होना चाहिये और इसके बाद रक्षा क्षेत्र के लिए एक ट्रिलियन डॉलर्स का प्रावधान करना होगा’, यह दावा भी लॉरी ने किया हैं|

लॉरी जैसें विश्‍लेषक अमरीका का रक्षाखर्च सवा दो सौ अरब डॉलर्स से भी अधिक मात्रा में बढ़ाने की मॉंग कर रहे हैं और इसी दौरान अमरीका के साथ पुरे विश्‍व में अलग ही चर्चा हो रही हैं| अमरीका के ‘मिलिटरी इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स’ यानी हथियार बनानेवाली कंपनियॉं पूरे विश्‍व में संघर्ष भड़काकर लाभ उठा रही हैं, ऐसें आरोप लगाए जा रहे हैं| फिलहाल यूक्रैन में जारी युद्ध के पीछे भी अमरीका का यही गुट होने के दावे अमरिकी नेता कर रहे हैं| ऐसी स्थिति में लॉरी ने रखी मॉंग ध्यान आकर्षित कर रही हैं|

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