रशिया-यूक्रैन युद्ध में जारी दुष्प्रचार को रोकने के लिए रशिया में नया कानून – ट्विटर और फेसबूक पर पाबंदी का ऐलान

मास्को – रशिया-यूक्रैन युद्ध के बीच में पश्‍चिमी देशों के माध्यम एवं सोशल मीडिया पर भारी मात्रा में दुष्प्रचार जारी होने का बयान करके रशियन सरकार ने इसके खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाई हैं| रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने नए कानून पर हस्ताक्षर किए हैं और इसके ज़रिये सरकार विरोधी दुुष्प्रचार करनेवालों को १५ साल जेल की सज़ा सुनाई जाएगी| रशिया के इस नए कानून पर अमरीका और यूरोप के कई समाचार चैनल एवं वृत्तसंस्थाओं ने रशिया में शुरू अपना काम बंद करने का निर्णय किया हैं|

पिछले १० दिनों से जारी रशिया-यूक्रैन युद्ध में विभिन्न प्रकार के वीडियो एवं फोटो प्रसार माध्यम एवं सोशल मीडिया पर जारी हो रहे हैं| रशिया के हमले में मारे गए यूक्रैन के नागरिक, रशिया विरोधी युद्ध में उतरें यूक्रैन के सैनिक, यूक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष ने सेना की वर्दी पहन कर दी हुई भेट जैसीं घटनाओं को सोशल मीडिया के माध्यम से बड़ी प्रसिद्धी दी जा रही हैं| लेकिन, इन घटनाओं के दिखाए जा रहें वीडियो और फोटो दुष्प्रचार का हिस्सा होने की बात स्पष्ट हुई हैं| यूक्रैन की युवती ने हाथों में गन उठाकर खिंचा फोटो एवं रशिया के मिसाइल हमलों के फोटो भी दुष्प्रचार के तौर पर सामने आए|

इस बढ़ते दुष्प्रचार के विरोध में रशिया ने आक्रामक कदम उठाना शुरू किया हैं| दो दिन पहले ही रशिया की संसद ने ‘फेक न्यूज’ विरोधी विधेयक पारित किया और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इसपर हस्ताक्षर किए हैं| इस कानून के नुसार रशिया में युद्ध संबंधित झुठी जानकारी फैलानेपर १५ साल जेल की सज़ा दी जाएगी| ऐसें लोगों पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया जा सकता हैं, यह जानकारी रशियन सूत्रों ने साझा की| यह कार्रवाई प्रमुखता से रशिया विरोधी भूमिका अपनाने वाले पश्‍चिमी समाचार चैनलों के खिलाफ होने की बात कही जा रही हैं|

प्रसार माध्यमों के साथ ही सोशल मीडिया के विरोध में भी रशिया ने कदम उठाएँ हैं| फोटो और वीडियोज् के माध्यम से फैल रहें दुष्प्रचार को रोकने में असफल होने की वजह बताकर रशिया ने ट्विटर और फेसबूक इन दो सोशल मीडिया वेबसाईटस् पर रशिया ने रोक भी लगाई हैं|

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