संयुक्त राष्ट्रसंघ के मुख्यालय के बाहर पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर के नेताओं के प्रदर्शन

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‘पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर का इस्तेमाल पाक़िस्तान ‘आतंकवादियों के लाँचिंग पॅड’ के रूप में कर रहा है। ‘लष्कर-ए-तोयबा’, ‘जैश-ए-मोहम्मद’ तथा अन्य आतंकवादी संगठनों के आतंकी वहाँ खुलेआम विचरण करते रहते हैं’ ऐसा आरोप पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर के नेताओं ने किया। फिलहाल संयुक्त राष्ट्रसंघ के मानवाधिकार कौन्सिल का ३१ वा सत्र शुरू होकर, ‘मानवाधिकार एवं आतंकवाद’ इस विषय पर चर्चा शुरू है। इस दौरान, पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर, सिंध, बलुचिस्तान के नेताओं ने जीनिव्हा में संयुक्त राष्ट्रसंघ के मुख्यालय के बाहर ज़ोरदार प्रदर्शन कर, आतंकवादविरोधी लड़ाई में सहभागी होने का पाक़िस्तान का दावा महज़ एक दिखावा है, ऐसा आरोप भी किया।

पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में आतंकवादी खुलेआम विचरण करते हैं। उन्हें रोकनेवाला पाक़िस्तान में कोई भी न होकर, ‘लश्कर’, ‘जैश’ और पठाणकोट हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार करनेवाले ‘जिहादी कौन्सिल’ जैसे संगठनों के, बेझिझक विचरण करनेवाले आतंकियों को पाक़िस्तान सरकार का पूर्ण सहयोग होने का दावा यहाँ के प्रदर्शनकारियों ने किया। पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर से निकाल बाहर कर दिये गए ‘युनायटेड कश्मीर पीपल्स नॅशनल पार्टी’ (युकेपीएनपी) इस संगठन के महासचिव शौक़त अली ने उनके प्रदर्शन के दरमियान पाक़िस्तान पर कई गंभीर आरोप किए। पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में आतंकवादियों के बेस अभी भी कार्यरत  होकर, पाक़िस्तान इस क्षेत्र का इस्तेमाल भारत में आतंकी भेजने के लिए ‘लाँचिंग पॅड’ की तरह कर रहा है, ऐसा भी उन्होंने स्पष्ट किया। तालिबान के कई नेताओं को पाक़िस्तान सरकार का समर्थन होकर पाक़िस्तान की आतंकवादविरोधी नीतियों का असली चेहरा इसमें से दिखायी देने लगता है, ऐसा शौक़त अली ने कहा है।

पाक़िस्तान ने गिलगिट बाल्टिस्तान में लष्करी न्यायालयों का निर्माण किया होकर, इन न्यायालयों का इस्तेमाल वहाँ के सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक नेता इनके विरोध में हो रहा है, ऐसा आरोप भी शौक़त अली ने किया है।

पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर की जनता पर अत्याचार हो रहे होकर, उनके मानवाधिकारों का लगातार हनन किया जा रहा है। सिंधी, बलुच, पश्तुन्स और पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर की जनता के मानवी अधिकारों को क्रूरतापूर्वक पैरों तले कुचला जा रहा है, ऐसा दावा वर्ल्ड सिंधी काँग्रेस के अध्यक्ष लाखू लुहाना ने इस समय किया।

पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में लष्करी न्यायालयों की स्थापना करके पाक़िस्तान ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रस्ताव का उल्लंघन किया है, ऐसा आरोप ‘गिलगिट बाल्टिस्तान थिंकर फ़ोरम’ के अध्यक्ष कर्नल वजाहत मिर्झा ने इस समय किया। हाल ही में, नौ साल के एक बच्चे पर आतंकवादविरोधी क़ानून के तहत कार्रवाई की गयी, यह जानकारी मिर्झा ने इस समय उपस्थित माध्यमों को दी। अत्यधिक क्रूरता से पाकिस्तान इस इलाक़े में दमनतंत्र का इस्तेमाल कर रहा है, ऐसा भी उन्होंने कहा।

आंतर्राष्ट्रीय समुदाय को चाहिये कि वह पाक़िस्तान पर का दबाव बढ़ायें और देशद्रोह के झूठे इल्ज़ाम लगाकर पाक़िस्तान ने जेल में बंद किये हुए कई नेताओं की रिहाई की माँग करें, ऐसा आवाहन ‘युकेपीएनपी’ के प्रवक्ता नासीर अज़िज़ खान ने किया है।

निकाल बाहर कर दिये गए बलुच नेता महरान मारी ने, बलुचिस्तानी जनता पर पाक़िस्तान द्वारा किये जा रहे दमनतंत्र की दख़ल संयुक्त राष्ट्रसंघ लें, ऐसा आवाहन किया है।

इसी दौरान, गत कुछ समय में पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में और बलुचिस्तान में पाक़िस्तान द्वारा अपनाये जा रहे दमनतंत्र के ख़िलाफ़ कई प्रदर्शन किये जा चुके हैं। बलुचिस्तान के नेताओं ने पाक़िस्तान से आज़ादी की माँग की है। गत वर्ष पाक़िस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के वॉशिंग्टन दौरे पर रहते हुए, उनके भाषण के दौरान बलुच नेता अहमद मुस्ती खान ने पाक़िस्तान के विरोध में नारें लगाये थे। ‘बलुचिस्तान को आज़ादी दो, तुम लादेन के दोस्त हो’ ऐसा खान ने उस समय नवाज़ को सुनाया था। इसलिए प्रधानमंत्री शरीफ़ को बड़ी ही बेइज़्ज़ती का सामना करना पड़ा था।

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