कश्मीर भारत की अंदरूनी समस्या नहीं: पाक़िस्तानी प्रधानमंत्री का दावा

इस्लामाबाद, दि. २० (पीटीआय) – ‘काश्मीर भारत की अंदरूनी समस्या नहीं है| भारत बल का प्रयोग करते हुए काश्मीर की जनता की आवाज़ दबा नही सकता’, ऐसा पाक़िस्तान के प्रधानमंत्री नवाझ शरीफ ने कहा|

Front-from-Lahore-to-Islamabad - काश्मीर

साथ ही, कश्मीरी जनता को समर्थन देने के लिए पाक़िस्तान भारत के अत्याचारों के खिलाफ़ ‘काला दिन’ मना रहा है, ऐसा दावा भी प्रधानमंत्री शरीफ ने किया| इसीके साथ शरीफ ने कश्मीर में जनमतसंग्रह लेने की माँग फिर से उठाई है| इसी बीच, हफ़ीज़ सईद, सय्यद सलाहुद्दीन और मसूद अझहर इन आतंकवादियों ने, लाहोर से इस्लामाबाद तक मोर्चा निकाला है और ‘यह मोर्चा जम्मू-कश्मीर तक ले जायेंगे’ ऐसी घोषणा की है|

२० जुलाई को ‘काला दिन’ मनाने की घोषणा पाक़िस्तान सरकार ने की थी| इसलिए पाक़िस्तान सरकार ने अपने कर्मचारियों को, हाथ पर काली रिबन बाँधने की सूचना की थी| प्रधानमंत्री नवाझ शरीफ ने भारत के खिलाफ़ जहर उगलते हुए, जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, ऐसा इल्ज़ाम लगाया है| भारत बलप्रयोग करते हुए कश्मीर की जनता की आवाज़ नहीं दबा सकता| कश्मीर की जनता को आज़ादी मिलेगी, ऐसा विश्‍वास शरीफ ने जताया| साथ ही, कश्मीर में जनमतसंग्रह लेने की माँग, इस समय शरीफ ने की है| प्रधानमंत्री शरीफ दबाव के चलते,  कश्मीर मुद्दे पर आक्रामक भूमिका ले रहे हैं, ऐसा दावा पाक़िस्तान के पूर्व विदेश सचिव रियाझ खोखर ने किया है|

पाक़िस्तानी लष्कर देश की सत्ता अपने हात में ले लें, ऐसी माँग हो रही है| इस वजह से शरीफ पर दबाव बढा है|  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मैत्रिपूर्ण संबंध बनानेवाले नवाझ शरीफ ने काश्मीर की बलि चढ़ायी है, ऐसी आलोचना विरोधी पक्षनेता खुर्शिद शहा ने की| इससे पहले ‘पाक़िस्तान पीपल्स पार्टी’ के नेता बिलावल भुत्तो ने भी कश्मीर मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री शरीफ की कड़ी आलोचना की थी| ऐसे बढ़ते दबाव के कारण शरीफ को मजबूरन कश्मीर के मुद्दे पर आक्रामक टिप्पणी करनी पडी है, ऐसा दिखाई दे रहा है| प्रधानमंत्री शरीफ कश्मीर के सिलसिले में जब ऐसी बयानबाज़ी कर रहे हैं, तभी आतंकी नेताओं ने, लाहोर से इस्लामाबाद तक मोर्चे का आयोजन करते हुए पाक़िस्तान सरकार पर दवाब बढाया है|

मुंबई पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाईंड और ‘जमात-उल-दवा’ इस आतंकी संगठन का नेता हफ़ीज सईद, ‘हिज़बुल मुजाहिद्दीन’ का नेता ‘सय्यद सलाहुद्दीन’ ने इस मोर्चे का आयोजन किया था| यह मोर्चा इस्लामाबाद से, पाक़िस्तान के कब्जेवाले कश्मीर के मुझफ्फराबाद में लेकर जानेवाले हैं| यहाँ से यह मोर्चा जम्मू-कश्मीर तक लेकर जायेगे, ऐसी वल्गना हफ़ीज़ सईद ने की थी| कश्मीर की आज़ादी तक यह लडाई जारी रहेगी, ऐसा दावा भी सईद ने किया था|

पठानकोट हमले से काश्मीर युवकों का उत्साह बढा है, ऐसा दावा ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का प्रमुख ‘मसूद अझहर’ ने किया है| इस वजह से जम्मू-कश्मीर के असंतोष का सभी स्तर से लाभ उठाने की कोशिश पाक़िस्तान ने की है, ऐसा दिखाई दे रहा है|

लेकिन इस संदर्भ में भारत ने ठोस भूमिका अपनायी है और ‘कश्मीर मुद्दा भारत की अंदरूनी समस्या है’ ऐसा कड़े शब्दो में कहा| इसी के साथ, ‘आगे भी भारत आंतकवाद के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई करता रहेगा’ ऐसा भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंग ने कहा है|

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