पाकिस्तान का आयएसआय तालिबान और हक्कानी गुट की सहायता करता है: भूतपूर्व अफगानी अधिकारी

काबूल, दि. १५ (वृत्तसंस्था) – अमरिकी काँग्रेस में, आतंकवाद के खिलाफ चलनेवाली जंग में पाकिस्तान का योगदान तथा ईमानदारी पर शक किया जा रहा है| ऐसी पृष्ठभूमि पर, भूतपूर्व अफगानी अधिकारी द्वारा, पाकिस्तान की कुख्यात ख़ुफ़िया एजन्सी और आतंकवादी संगठनों के बीच चल रहे सहयोग का पर्दाफाश किया गया है| भूतपूर्व अफगानी अफसर द्वारा इस बारे में पुख्ता सबूत पेश किये गये हैं तथा आरोप लगाया गया है कि पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजन्सी द्वारा आतंकवादी संगठनों को दी जानेवाली सहायता अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिये ख़तरा साबित हो रही है|

अफगानीसन २०१४ और २०१५ में ‘आयएसआय’ यह ‘अफगान तालिबान’ तथा ‘हक्कानी गुट’ के संपर्क में था| इन दोनों आतंकवादी संगठनों को ‘आयएसआय’से पूरी तरह सहायता मिल रही थी, ऐसा आरोप अफगानिस्तान की गुप्तचरयंत्रणा ‘एनडीएस’ के भूतपूर्व प्रमुख ‘रेहमातुल्ला नबिल’ ने किया है| ‘आयएसआय’ और आतंकवादी संगठनों के बीच की मिलीभगत तथा अन्य गतिविधियों के दस्तावेज़ और सबूत होने का दावा करते हुए, नबिल द्वारा ये सबूत माध्यमों के सामने पेश किये गये|

पाकिस्तानी सेना के खुफिया विभाग द्वारा, अफगान तालिबान के नेताओं के पेशावर में सुरक्षित इंतजाम किये गये हैं, यह बतानेवाला ख़त भी इसमें शामिल है| ‘हक्कानी नेटवर्क’ को भेजे गये खत में ‘आयएसआय’ के अधिकारियों द्वारा, खैबर-पख्तूनवाला स्थित नोशेरा, मर्दान और स्वाबी में रहनेवाले आतंकवादियों की जानकारी पूछी गयी है|

एक अन्य ख़त में, काबूल हवाईअड्डे पर किये गये सफल हमले के लिए, ‘हक्कानी नेटवर्क’ के चार आतंकवादियों को करीब २४ हजार डॉलर्स भत्ता देने की माँग की गयी है| नाबिल ने पेश किये सबूतों की वजह से पाकिस्तान की इज़्ज़त और मिट्टी में मिल रही है, ऐसा दिखाई देने लगा है|

चार दिन पहले अफगानी राष्ट्राध्यक्ष अब्दुल गनी द्वारा पाकिस्तान की आलोचना की गयी थी| उन्होंने माँग की थी कि अफगानिस्तान में घातपात करनेवाले आतंकवादियों को पाकिस्तान देश से बाहर निकाल दें| भारत, अफगानिस्तान, अमरीका एक ही समय पर, पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को दी जानेवाले सहायता की कड़ी आलोचना कर रहे हैं| ईरान ने भी आरोप लगाया है कि उनके सरहदी इलाक़े में हमले करनेवाले पाकिस्तान मे पनाह ले रहे हैं| इस वजह से पाकिस्तान की स्थिति गंभीर होती जा रही है| आनेवाले समय में पाकिस्तान को इसके नतीजे बर्दाश्त करने पडेंगे, ऐसे संकेत दिखाई दे रहे हैं|

अमरिकी काँग्रेस के सामने चल रही सुनवाई में, पाकिस्तान से अमरीका आनेवाले लोगों पर पाबंदी लगाने की माँग की गयी है| अमरिकी काँग्रेस के सदस्यों ने कहा है कि इसमें पाकिस्तान से अमरीका आ रहे छात्रों को भी समाविष्ट किया जाना चाहिए|

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