पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में चिनी सैनिकों की गतिविधियाँ

पाक़िस्तान में ३ हज़ार सैनिक तैनात करने की चीन की तैयारी, भारतीय सुरक्षायंत्रणा सतर्क

Layout 1

भारत-पाक़िस्तान नियंत्रणरेखा के पास, पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में चिनी सैनिकों की आवाजाही देखी गयी है। उसी समय, पाक़िस्तान में चीन द्वारा विकसित किये जा रहे ‘चीन-पाक़िस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ (सीपीईसी) की सुरक्षा के लिए तक़रीबन ३ हज़ार सैनिक तैनात करने की तैयारी चीन ने शुरू की होने की जानकारी भारतीय यंत्रणाओं को मिली है। इस पार्श्वभूमि पर, भारत-पाक़िस्तान सीमावर्ती इलाक़े में भारतीय यंत्रणाओं को अधिक ही सतर्क रहना पड़नेवाला है। इस घटनाक्रम में भारतीय सुरक्षा एवं गुप्तचर यंत्रणाओं द्वारा, पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में हो रहीं चीन की गतिविधियों पर बारिक़ी से नज़र रखी जाने की ख़बर है।

‘सीपीईसी’ के माध्यम से चीन पाक़िस्तान में पूरे ४६ अरब डॉलर्स का निवेश कर रहा है। इसके तहत, चीन के झिजियांग प्रांत से पाक़िस्तान के ग्वादर बंदरगाह तक महामार्ग तथा रेल्वे के साथ साथ अन्य बुनियादी सुविधाएँ भी विकसित की जा रहीं हैं। उनमें पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में स्थित काराकोरम् महामार्ग का भी समावेश है। भारत ने इससे पहले ही ‘सीपीईसी’ को ज़ोरदार विरोध दर्शाया है। पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर भारत का भाग होकर, यहाँ पर चीन की गतिविधियाँ भारत को मंज़ूर नही हैं, यह भारत ने स्पष्ट किया है। पिछले वर्ष ही प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी ने अपने चीन दौरे में, इस मामले में भारत को रहनेवाले आक्षेप स्पष्ट रूप से दर्ज़ किये थे।

इससे पहले भी पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में चीन की गतिविधियाँ दिखायी दी थीं। लेकिन उस समय भारत ने जताये हुए ऐतराज़ के बाद, अपनी सेना वहाँ पर तैनात न होने का खुलासा चीन ने किया था। लेकिन अब चिनी सैनिकों की गतिविधियाँ भारत-पाक़िस्तान नियंत्रणरेखा के नज़दीक बिलकुल साफ़ साफ़ नज़र आयी हैं। उत्तर कश्मीर के नावगाम सेक्टर एवं तंगधर सेक्टर के पास चिनी सैनिकों की गतिविधि दिखायी दी है। पाक़िस्तान के लष्करी अधिकारी तथा चिनी अधिकारी के बीच हुआ दूरभाष पर का संभाषण भी भारतीय यंत्रणाओं ने पकड़ा होकर, उसके अनुसार पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में बुनियादी सुविधाओं के निर्माण हेतु चिनी सैनिक इस इलाक़े में दाख़िल हुए होने की बात स्पष्ट हो चुकी है।

पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में चिनी सेना की आवाजाही बारे में भारतीय लष्कर ने अधिकृतरूप में जानकारी या प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन चीन की गतिविधियों पर बारिक़ी से नज़र रखी जा रही होकर, गुप्तचर यंत्रणा एवं सुरक्षा यंत्रणाएँ समन्वय के साथ काम कर, चीन की हर एक गतिविधि की ख़बर सरकार तक पहुँचा रही हैं।

गत वर्ष के अंत में चिनी सैनिकों की गतिविधियाँ तंगधर सेक्टर के नज़दीक पहली बार दिखायी दीं। यहाँ पर चीन की सरकारी कंपनी ‘गेझूबा ग्रुप’ झेलम नदी पर ९७० मेगावॅट क्षमता के जलविद्युत प्रकल्प का निर्माण कर रही है। भारत उत्तर कश्मीर में बिंदनापुर में किशनगंगा जलविद्युत प्रकल्प का निर्माण कर रहा होकर, उसके जवाब में पाक़िस्तान-चीन झेलम नदी पर जलविद्युत प्रकल्प का निर्माण कर रहा है, ऐसा बताया जा रहा है।

इसी दरमियान, चिनी और पाक़िस्तानी अधिकारियों के बीच के पकड़े हुए संभाषण से यह पता चला है कि पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर की लिपा व्हॅली में, किसी भी प्रकार के हवामान में परिवहन के लिए उपयुक्त साबित हों, ऐसे सुरंगी मार्ग का भी निर्माण किया जा रहा है। इससे, किसी भी हवामान में काराकोरम हायवे तक पहुँचने के लिए चीन को वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा।

‘सीपीईसी’ प्रकल्प के तहत शुरू रहनेवाले बांधकामों और सड़कों की रक्षा के लिए पाक़िस्तान की स्पेशल सिक्युरिटी डिव्हिजन (एसएसडी) के १५ हज़ार और स्पेशल सर्व्हिस ग्रुप (एसएसजी) के ५ हज़ार सैनिक तैनात हैं। इसके अलावा पाक़िस्तान ने चीन को ‘सीपीईसी’ सहित आर्थिक एवं व्यापारी हित की रक्षा के लिए खुद की सेना तैनात करने की अनुमति दे दी है। रक्षायंत्रणाओं को प्राप्त जानकारी के अनुसार पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में चीन अपनी सेना की तीन ब्रिगेड़्स् तैनात करनेवाला है।

एक अहवाल के अनुसार, पाकव्याप्त कश्मीर में तैनात किया जानेवाले चिनी लष्कर को एक स्थानीय सुरक्षा एजन्सी के नाम से दर्ज़ करने का प्रस्ताव विचाराधीन है, जिससे कि भारत उस तैनाती पर ऐतराज़ न जता सकें।

सुरक्षाविषयक विशेषज्ञों के अनुसार, चीन की ये गतिविधियाँ भारत की परेशानी को बढ़ानेवालीं हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से, चीन की ये गतिविधियाँ ख़तरों भरीं होकर, पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में होनेवाली चीन की व्यूहरचनात्मक योजना को ठीक से समझकर ही भारत को कदम उठाने पड़ेंगे, ऐसा मशवरा विशेषज्ञों ने दिया है। ‘पाक़िस्तानव्याप्त कश्मीर में चल रहीं चीन की गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है’ ऐसा एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published.