युरोप में तैनात अमरिकी परमाणुबमों का रशिया मुँहतोड़ जवाब देगा

वरिष्ठ अधिकारी की चेतावनी

Mikhail Ulyanov

अमरीका द्वारा युरोपीय देशों में तैनात किये जा रहे अत्याधुनिक परमाणु-अस्त्रों का रशिया मुँहतोड़ जवाब देगा, ऐसी कड़ी चेतावनी रशिया के वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। युरोप स्थित नाटो के बेसेस् (आपूर्ति छावनियाँ) पर अमरीका ने ‘बी-६१’ श्रेणि के तक़रीबन १८० परमाणुबमों का संग्रह कर रखा है। अगले पाँच सालों में इन बेसेस् पर ‘बी६१-१२’ यह विकसित आवृत्ति तैनात होनेवाली है। अमरीका की यह योजना यानी रशिया के विरोध में नाटो के सदस्य देशों को शस्त्रसज्जित बनाने के कार्यक्रम का भाग है, यह कहकर रशिया ने उसपर सख़्त ऐतराज़ जताया है।

‘लष्करी दायरे में एक सर्वसाधारण नियम है। यहाँ की हर एक गतिविधि पर उसका जवाब देनेवाली कार्रवाई होती है। अमरीका द्वारा, युरोप में नये विकसित परमाणुबम तैनात करने के सिलसिले में शुरू की गयी गतिविधियों का भी रशिया मुँहतोड़ जवाब देगा। यह जवाब क्या होगा, यह उस गतिविधि के विश्लेषण के बाद ही तय होगा’ ऐसी चेतावनी रशिया के विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मिखाईल उल्यानोव्ह ने दी। उल्यानोव्ह विदेश विभाग के ‘डिपार्टमेंट फ़ॉर नॉन-प्रोलिफ़रेशन अँड आर्म्स कंट्रोल’ विभाग के संचालक हैं।

अमरीका की यह नयी तैनाती यानी नाटो के द्वारा ‘परमाणु-अस्त्र-प्रसारबंदी समझौते’ का खुलेआम उल्लंघन होने का आरोप भी रशियन अधिकारी ने किया। नाटो के इन कारनामों पर केवल रशिया द्वारा ही नहीं, बल्कि अलिप्त राष्ट्र परिषद के सदस्यदेशों द्वारा भी चिंता ज़ाहिर की गयी होने की बात पर उल्यानोव्ह ने ग़ौर फ़रमाया। अमरीका द्वारा, नये परमाणुबमों की तैनाती के बारे में की गयी घोषणा यह नाटो द्वारा रशिया के विरोध में जारी रहनेवालीं आक्रामक गतिविधियों का ही भाग है, यह स्पष्ट हो रहा है।

russia will get back at america atom bombs

कुछ ही दिन पहले अमरीका ने युरोप की सुरक्षा के लिए एक या उससे अधिक लष्करी ‘ब्रिगेड’ भेजने के संकेत दिये थे। ‘युरोपियन रिअश्युरन्स इनिशिएटिव्ह’ कार्यक्रम के तहत ये ब्रिगेड तैनात करने की योजना होकर, तीन से पाँच हज़ार अमरिकी सैनिक युरोप के बेसेस् पर दाख़िल होनेवाले हैं। ‘ब्रिगेड’ तैनाती के संकेत देने से पहले अमरीका ने तीन ‘बी-५२ न्युक्लीअर बाँबर्स’ स्पेनस्थित बेस पर तैनात किये होने की जानकारी सामने आयी है।

इसी दौरान, फिलहाल अमरीका एवं रशिया के बीच निर्माण हुआ तनाव और रशिया का आक्रामक दृष्टिकोण इसके लिए कुछ हद तक अमरीका की नीतियाँ ही ज़िम्मेदार होने का दावा अमरीका के पूर्व रक्षामंत्री विल्यम पेरी ने किया। नाटो के पूर्वीय विस्तार के लिए अमरीका के द्वारा किये जानेवाले क्रियाकलाप, युरोप में क्षेपणास्त्रभेदी यंत्रणा बिठाने का निर्णय और रशिया के पड़ोसी देशों में कराया गया ‘कलर रिव्हॉल्युशन’ इन जैसी बातों के कारण रशिया का अमरीका के प्रति रहनेवाला रवैया अधिक ही आक्रामक बन गया है, ऐसा पेरी ने कहा।

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