यूरोप के एक तिहाई देश भीषण महंगाई का सामना कर रहे हैं – ब्रिटीश अखबार का इशारा

लंदन – इस्टोनिया, लिथुयानिया, बल्गेरिया, चेक गणतंत्र, रोमानिया, लाटविया, पोलैण्ड और स्लोवाकिया जैसे यूरोपिय देश फिलहाल भीषण महंगाई का सामना कर रहे हैं। इन देशों में महंगाई निदेशांक दस प्रतिशत से आगे जा पहुँचा है, ऐसा इशारा ब्रिटेन के प्रमुख अखबार ने दिया है। इस वजह से यूरोप में उत्पादकता कम हुई है, यह दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

इन यूरोपिय देशों में से बाल्टिक देशों में सबसे अधिक महंगाई होने की बात ब्रिटीश अखबार ने कही है। इनमें से इस्टोनिया का महंगाई निदेशांक बड़ी उछाल के साथ १९ प्रतिशत पर पहुँचा है। इसके अलावा बाल्टिक के लिथुयानिया, बल्गेरिया में महंगाई का दर क्रम के अनुसार १६.८ और १४.४ तक पहुँचा है।

पूर्व यूरोप के चेक प्रजासत्ताक, रोमानिया, लाटविया, पोलैण्ड और स्लोवाकिया में महंगाई निदेशांक ११ से १५ प्रतिशत तक पहुँचा है, यह जानकारी ब्रिटीश अखबार ने प्रदान की। साल २००८ की मंदी में अर्थव्यवस्था पूरी तरह से टूटने का सामना करनेवाले ग्रीस में महंगाई निदेशांक १०.२ प्रतिशत होने की चिंता इस अखबार ने व्यक्त की।

नाटो के सदस्य देश एवं यूरोपिय महासंघ के उम्मीदवार तुर्की में महंगाई ७० प्रतिशत से अधिक बढी है। इन सभी यूरोपिय देशों में बढी हुई महंगाई के लिए रशिया-यूक्रेन युद्ध कुछ हद तक ज़िम्मेदार होने का दावा किया जा रहा है। ईंधन के लिए रशिया पर निर्भर देश इस युद्ध से बाधित होने की बात स्पष्ट हुई है। इनमें लिथुयानिया का समावेश है।

लिथुयानिया अपने अधिकांश ईंधन की ज़रूरत रशिया से पूरी करता है। इस वजह से युद्ध शुरू होने के बाद लिथुयानिया के ईंधन आयात पर बड़ा असर पडा। ऐसे में रशिया से अपनी माँग के ५० प्रतिशथ ईंधन का आयात कर रहे स्लोवाकिया और ग्रीस भी महंगाई के भंवर में फंसे है, इस पर ब्रिटीश अखबार ने ध्यान आकर्षित किया।

यूक्रेन में जारी युद्ध की वजह से फिलहाल यूरोपिय देशों में ईंधन के अलावा बिजली, गेहूं, अनाज एवं निर्माण कार्य के क्षेत्र पर असर पडा है। इन क्षेत्रों में महंगाई यूरोपिय देशों पर मंड़रा रहे आर्थिक संकट की तीव्रता अधिक बढ़ा रही है, ऐसा दावा विश्लेषक कर रहे हैं।

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