रशिया पर प्रतिबंध लगाकर यूरोप ‘एनर्जी सुसाईड’ कर रहा है – रशियन ईंधन कंपनी के प्रमुख का इशारा

मास्को – अमरीका के इशारों पर नांचकर रशिया पर प्रतिबंध लगा रहे यूरोपिय देश ‘एनर्जी सुसाईड’ कर रहे हैं। यानी की रशिया के ईंधन और ईंधन वायु का आयात बंद करके यूरोपिय देश अपने ही पैरों पर कुल्हाडी मार रहे हैं’, ऐसा इशारा रशियन ईंधन कंपनी रोझनेफ्ट के प्रमुख इगोर सेशीन ने दिया। इसके साथ ही यूरोपिय देश रशिया के ईंधन से मूंह मोड़ रहे हैं और ऐसे में ब्रिटीश ईंधन निर्माण कंपनी अब भी रोझनेफ्ट में भागीदारी बनाए रखने की जानकारी सेशीन ने साझा की।

रशिया की प्रमुख ईंधन कंपनी ‘गाझप्रोम’ ने पिछले कुछ दिनों से जर्मनी को प्रदान हो रही नैसर्गिक ईंधन वायु की आपूर्ति घटाना शुरू किया है। पिछले पांच दिनों में रशिया ने ‘नॉर्ड स्ट्रीम १’ ईंधन पाइपलाइन के माध्यम से हो रही आपूर्ति भारी ६० प्रतिशत कम की है। इससे पहले रशिया ने बल्गेरिया, डेन्मार्क और फिनलैम्ड जैसे देशों की ईंधन आपूर्ति बंद की थी। ऐसे में दो दिन पहले जर्मनी, फ्रान्स, इटली और ऑस्ट्रिया की ईंधन कंपनियों ने भी रशियन ईंधन वायु की आपूर्ति कम होने के दावे किए थे। करीबी दिनों में रशिया यूरोपिय देशों को हो रही नैगर्सिक ईंधन वायु की आपूर्ति रोक सकती है, ऐसे संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं।

इसके लिए रशिया ने तकनीकी समस्या का कारण बताया है। लेकिन, रशिया की यह वजह समझ के बाहर है और ईंधन वायु की आपूर्ति घटाने का यह निर्णय राजनीतिक उद्देश्‍यों से प्रेरित होने का आरोप जर्मनी ने लगाया था। लेकिन, अमरीका का साथ देकर यूक्रेन को हथियारों से सज्जित कर रहे और रशिया पर प्रतिबंध लगा रहे यूरोपिय देशों को सबक सिखाने के लिए रशिया ने यह कार्रवाई की, यह दावा हो रहा है। रशिया के इस निर्णय का तीव्र असर ठंड़ के मौसम में भुगतना पड़ेगा, ऐसी चिंता यूरोपिय विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर शुक्रवार को ‘सेंट पीटस्‌बर्ग इंटरनैशनल इकॉनॉमिक फोरम’ में बोलते समय रोझनेफ्ट के प्रमुख इगोर सेशीन ने यूरोपिय देशों को और एक इशारा दिया।

यूरोपिय देशों ने अमरीका की सुनकर रशिया पर प्रतिबंध लगाए तो इसके परिणाम यूरोपिय देशों पर ही होगा, यह इशारा भी सेशीन ने दिया। लेकिन, यूरोप के प्रमुख देश रशिया से ईंधन खरीद ना करने की अपनी भूमिका पर कायम हैं। इसका परिणाम यूरोपिय देशों में ईंधन की कीमतों पर दिखाई देने लगा है। यूरोप में ईंधन की कीमतें काफी बढ़ी हैं और यूरोपिय देशों को अगले कुछ महीनों में इससे बड़ा नुकसान होगा, यह दावा किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.