वैश्विक अर्थव्यवस्था को अगले साल मंदी से नुकसान होगा – अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के प्रमुख की चेतावनी

वॉशिंग्टन – ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था का भविष्य अधिक बिगाड़ने वाली स्थिति पिछले तीन महीनों में बनी है। इस वजह से अर्थव्यवस्था के खतरों में अधिक बढ़ोतरी हुई है और अगले साल वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी से नुकसान होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता’, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने दी। साल २०२२ में भी आर्थिक विकास की गति पिछले साल की तुलना में कम रहेगी, यह संकेत भी मुद्राकोष की प्रमुख ने दिए। रिकॉर्ड महंगाई, बढ़ते हुए ब्याज दर, चीन के आर्थिक विकास की गति में गिरावट और रशिया-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे इसके लिए कारण होने की बात जॉर्जिवा ने स्पष्ट की।

वैश्विक अर्थव्यवस्थाएक निजी समाचार संस्था को दिए गए साक्षात्कार के दौरान मुद्राकोष की प्रमुख ने मंदी का अनुमान व्यक्त किया। ‘हाल ही में प्राप्त हुए आँकड़ों में चीन, रशिया समेत प्रमुख देशों की आर्थिक गिरावट लगातार दूसरी तिमाही में देखी गयी है। खतरे लगातार बढ़ रहे हैं। यह साल काफी कठिन रहेगा और अगले साल २०२३ में खतरे अधिक बढ़ेंगे। आर्थिक मंदी का सबसे अधिक खतरा साल २०२३ में होगा’, ऐसी चेतावनी क्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने दी। महंगाई पर काबू पाकर दरों को स्थिर करना हो तो इसके लिए अर्थव्यवस्था की मंदी ही कीमत बन सकती है, इसका अहसास भी उन्होंने कराया।

वैश्विक अर्थव्यवस्थाकोरोना की महामारी के कारण साल २०२० और २०२१ के पहले छह महीनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को काफी बड़ा नुकसान भुगतना पड़ा था। इसके बाद अर्थव्यवस्था कुछ हद तक संभलने लगी थी। पिछले साल वैश्विक अर्थव्यवस्था ने छह प्रतिशत से अधिक विकास दर पाने की सफलता हासिल की थी। साल २०२२ में अर्थव्यवस्था नई गति प्राप्त करेगी, यह उम्मीद जतायी जा रही थी।

लेकिन, रशिया-यूक्रेन युद्ध से स्थिति अधिक बिगाड़ने लगी। मुद्राकोष ने अप्रैल में जारी किए हुई रपट के अनुसार साल २०२२ में वैश्विक अर्थव्यवस्था की ३.६ प्रतिशत तक गिरावट होने की संभावना है।

मुद्राकोष इस महीने के अन्त में नई रपट जारी कर रही है। इसमें विकास दर की अधिक गिरावट दर्ज़ होगी, ऐसे संकेत मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्तालिना जॉर्जिवा ने दिए हैं। मुद्राकोष के अलावा ‘वर्ल्ड बैंक’, ‘बैंक ऑफ अमरीका’, ‘नोमुरा होल्डिंग्ज्‌‍’ जैसी विश्व की प्रमुख वित्तसंस्थाओं ने भी वैश्विक मंदी का अनुमान व्यक्त किया है।

कुछ ही दिन पहले, ‘यूएन डेवलपमेंट प्रोग्राम’ (यूएनडीपी) की रपट में पूरे विश्व की यंत्रणा महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याजदर बढ़ा रही है और इससे मंदी की शुरूआत होने के ड़र पर ध्यान आकर्षित किया गया था।

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