मई महीने में चीन ने किया रशियन ईंधन का विक्रमी आयात

बीजिंग/मास्को – यूरोपिय महासंघ रशियन ईंधन के आयात पर पाबंदी लगा रहा है और इसी दौरान विश्‍व के अन्य देशों ने रशिया से विक्रमी आयात करना शुरू करने की बात सामने आ रही है। रशिया के प्रमुख व्यापारी भागीदार देश चीन ने रशियन कच्चे तेल का आयात बड़ी मात्रा में बढ़ाया है। चीन ने मई में रशिया से प्रतिदिन २० लाख बैरल्स तेल का आयात करने की बात स्पष्ट हुई है। इस वजह से रशिया ने सौदी अरब को भी पीछे छोड़ने की बात कही जा रही है।

जून के शुरू में यूरोपिय महासंघ ने रशिया से कच्चे तेल का आयात करने पर पाबंदी लगाने के लिए मंजूरी प्रदान की थी। इस वजह से रशियन ईंधन क्षेत्र और अर्थव्यवस्था मुश्‍किल में पड़ गई, ऐसे दावे यूरोपिय महासंघ कर रहा था। वास्तव में रशियन ईंधन क्षेत्र संभलकर सामान्य होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। रशिया ने मई में प्रति दिन १.०२ करोड़ बैरल्स ईंधन उत्पादन शुरू करने की एवं इसका निर्यात १३ प्रतिशत बढ़ाने की जानकारी रशियन माध्यमों ने प्रदान की थी।

इस बढ़ोतरी के पीछे चीन और भारत दोनों का प्रमुख योगदान है। चीन ने पिछले साल की तुलना में ५५ प्रतिशत अधिक रशियन कच्चे तेल का आयात करने की बात स्थानीय सूत्रों ने कही। कोरोना की वजह से चीन में माँग घटने के बावजूद तेल का आयात बढ़ाने के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। अतिरिक्त आयात में ईस्ट सैबेरिया ईंधन पाइपलाइन से प्राप्त होनेवाला तेल और जहज़ों से लाए जा रहे तेल का भी समावेश है। रशिया अपने कच्चे तेल की रिहायत के दर से बिक्री कर रही है और इसका लाभ उठाने के लिए चीन ने आयात बढ़ाने का दावा विश्‍लेषकों ने किया।

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