‘मंकीपॉक्स वायरस’ तेज़ फैलने का खतरा – ‘डब्ल्यूएचओ’ के वरिष्ठ अधिकारी का इशारा

जिनेवा – ‘मंकीपॉक्स वायरस’ की महामारी अगले कुछ महीनों में अधिक फैलने का खतरा है, ऐसा इशारा ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन’ (डब्ल्यूएचओ) के वरिष्ठ अधिकारी हैन्स क्लुग ने दिया। पिछले दो हफ्तों से इस विषाणु के लगभग १०० संक्रमित पाए गए हैं। १४ देशों में यह संक्रमण फ़ैला है और इनमें से १० देश यूरोप के हैं। दो हफ्ते पहले नाइजीरिया से पहुँचा एक ब्रिटीश नागरीक ‘मंकीपॉक्स’ का संक्रमित पाया गया था। इसके बाद इस विषाणु का फैलाव तेज़ होने से ‘डब्ल्यूएचओ’ ने आपात बैठक का आयोजन किया था।

अफ्रीका महाद्विप के नाइजीरिया से ब्रिटेन पहुँचा एक व्यक्ति १० मई को ‘मंकीपॉक्स वायरस’ से संक्रमित पाया गया था। इस संक्रमित पर ब्रिटीश अस्पताल में इलाज हो रहा है। इसके बाद पिछले दो हफ्तों में ब्रिटेन में ‘मंकीपॉक्स वायरस’ के २० से अधिक संक्रमित पाए गए हैं। ब्रिटेन के अलावा यूरोप के अन्य देशों में भी ‘मंकीपॉक्स वायरस’ के संक्रमित सामने आने लगे हैं। यूरोप के फ्रान्स, जर्मनी, इटली, स्पेन, पुर्तुगाल, नेदरलैण्डस्‌, बेल्जियम, स्वीडन और स्वीत्ज़र्लैण्ड में ‘मंकीपॉक्स वायरस’ के संक्रमीत पाए गए हैं।

यूरोपिय देशों के अलावा अमरीका, कैनाड़ा, ऑस्ट्रेलिया और इस्रायल में ‘मंकीपॉक्स वायरस’ के संक्रमित सामने आने लगे हैं। विश्व के कुल १४ देशों में पाए गए ‘मंकीपॉक्स’ संक्रमितों की कुल संख्या ९० हुई है। इसके अलावा लगभग ५० संदिग्धों का परीक्षण हो रहा है, यह जानकारी ‘डब्ल्यूएचओ‘ ने साझा की। साल २०१७ में नाइजीरिया में फैली महामारी के बाद शुरू हुई ‘मंकीपॉक्स वायरस’ की यह पहली महामारी है।

‘मंकीपॉक्स वायरस’ का संक्रमण पशुओं से पशुओं में और मनुष्य में होता हैं। मानवों में आमतौर पर एक-दूसरे से इसका संक्रमण नहीं होता, फिर भी संक्रमण मानव से मानव में फैलने लगा है। इस वजह से इस महामारी का संक्रमण तेज़ होगा, यह ड़र ‘डब्ल्यूएचओ’ के अधिकारी ने जताया। यूरोपिय देशों में गर्मी के दिनों में बड़े समारोह, पार्टियों का आयोजन होता है और इससे बिमारी का फैलाव अधिक बढ़ सकता है, यह इशारा ‘डब्ल्यूएचओ यूरोप’ के संचालक हैन्स क्लुग ने दिया।

‘मंकीपॉक्स वायरस’ देवी की बिमारी विषाणु के जैसा ही विषाणु है और साल १९७० में अफ्रीका के ‘डीआर कांगो’ में इसका पहला संक्रमित पाया गया था। इसके बाद लगभग १० अफ्रीकी देशों में ‘मंकीपॉक्स वायरस’ की महामारी फैली थी। साल २००३ में अमरीका में भी इस विषाणु की महामारी का फैलाव हुआ था। अफ्रीका के बाहर ‘मंकीपॉक्स वायरस’ पाए जाने का यह पहला अवसर था। ‘मंकीपॉक्स वायरस’ का पुख्ता इलाज अभी तक नहीं है और मौजूदा स्थिति में उपलब्ध टीका ८५ प्रतिशत तक ही प्रभावी होने की बात कही जा रही है। बुखार, सिरदर्द, सूजन, स्नायूओं में उठते दर्द जैसे आसार दिखानेवाले इस बिमारी के दौरान शरीर पर भारी मात्रा में फफोले और मुँहासे दिखाई देते हैं। इस विषाणु से संक्रमितों की मौत का औसत ३ से ३.५ प्रतिशत बतायी जाती है।

फिलहाल विश्वभर में कोरोना की महामारी कोहराम मचा रही है और इसी दौरान दूसरी बिमारी का फैलाव शुरू होने की तीव्र चिंता जतायी जा रही है।

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