लष्करी क्षमता के बल पर चीन पश्चिमी देशों के मोरचे पर हावी होगा – कनाडा के लष्करप्रमुख की चेतावनी

ओटावा/बीजिंग – ‘चीन ने हायपरसोनिक तंत्रज्ञान, आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स और क्वांटम कॉम्प्युटिंग के आधार पर प्रचंड लष्करी क्षमता विकसित की है। १९४० के दशक के बाद पहली ही बार किसी देश ने इतने बड़े पैमाने पर लष्करी सामर्थ्य प्राप्त किया होकर, उसके बल पर चीन पश्चिमी देशों के मोरचे पर भी हावी हो सकता है’, ऐसी चेतावनी कनाडा के लष्करप्रमुख लेफ्टनंट जनरल वेन आयर ने दी। चीन के इस बढ़ते सामर्थ्य के कारण, अमरीका के नेतृत्व में होनेवाली अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था खतरे में पड़ गई है, ऐसा भी जनरल आयर ने जताया।

China-Canada-300x160कनाडा की संसद की ‘सिनेट कमिटी फॉर नॅशनल सिक्युरिटी ऍण्ड डिफेन्स’ के सामने हुई सुनवाई में कनाडा के लष्करप्रमुख ने चीन के बढ़ते रक्षा खर्च पर तीव्र चिंता ज़ाहिर की। ‘चीन अपनी लष्करी क्षमता बढ़ाने के लिए भारी मात्रा में निवेश कर रहा है। इस निवेश के बल पर मिली क्षमता, दर्जा और संख्या इन दोनों मामलों में पश्चिमी देशों को पिछड़नेवाली है’, ऐसा लेफ्टनंट जनरल वेन आयर ने डटकर कहा। चीन के लष्करी सामर्थ्य के संदर्भ में चेतावनी देते समय ही उन्होंने चीन की विस्तारवादी नीति की आलोचना की।

China-Canada-01-300x169चीन की सत्ताधारी हुकूमत अपनी इच्छा को जबरदस्ती से पड़ोसी देशों पर थोप रही होने का आरोप कनाडा के लष्करप्रमुख ने किया। चीन की बढ़ती लष्करी क्षमता और नीतियों के कारण, अमरीका के नेतृत्व में चलनेवाली, कानून पर आधारित अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था खतरे में पड़ी होने का दावा भी जनरल आयर ने किया। जनरल आयर का यह बयान कनाडा की चीन विरोधी आक्रामक नीति का संकेत माना जाता है।

China-Canada-02-300x200पिछले कुछ सालों से कनाडा ने अमरीका का अनुसरण करके चीन के खिलाफ आक्रामक फैसले करने की शुरुआत की है। चिनी कंपनी ‘हुवेई’ के सर्वोच्च अधिकारियों की गिरफ्तारी, हुवेई पर लगाई पाबंदी, कोरोना महामारी के मुद्दे पर चीन की आलोचना करना, साउथ चाइना सी में नौसेना की तैनाती और उइगरवंशियों के संदर्भ में अपनाई भूमिका, ये बातें उसकी पुष्टि करनेवालीं साबित होतीं हैं। चीन ने कनाडा पर दबाव डालने की कोशिशें जारी रखने के बावजूद भी कनाडा की चीन विरोधी भूमिका ना बदली होकर, लष्करप्रमुख की चेतावनी उसीका भाग साबित होती है।

कुछ महीने पहले नाटो की एक बैठक में भी कनाडा ने, चीन की हरकतों के खिलाफ आग्रही भूमिका अपनाकर आलोचना की थी। साथ ही, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन को रोकने के लिए विकसित हो रहे ‘क्वाड’ में सहभागी होने के लिए कनाडा भी उत्सुक होने की खबरें प्रकाशित हुईं थीं। भारत, अमरीका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के ‘क्वाड’ संगठन का विस्तार करके ‘क्वाड प्लस’ की संकल्पना प्रस्तुत की जा रही है। उसमें कनाडा भी सहभागी हो सकता है, ऐसा कुछ सामरिक विश्लेषकों का कहना है। 

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