चीन की हुकूमत द्वारा उइगरवंशियों का वंशसंहार कराया जा रहा है – कनाडा की संसद में प्रस्ताव

ओटावा/बीजिंग – ‘पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चायना द्वारा उइगरवंशीय तथा अन्य तुर्की वंशीय मुस्लिमों के खिलाफ वंशसंहार कराया जा रहा है’, ऐसा प्रस्ताव कनाडा की संसद में मंजूर किया गया। अमरीका के बाद उइगरवंशियों के मुद्दे पर ऐसी आक्रामक भूमिका अपनाने वाला कैनेडा यह दूसरा देश बना है। कैनेडियन संसद के चीन बौखला गया होकर, यह प्रस्ताव तथ्यों को नजरअंदाज करने वाला है, ऐसा चीन के विदेश मंत्रालय ने जताया है। इसी बीच, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने, उइगरवंशियों पर होने वाले अत्याचारों की तहकिक़़ा़त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संगठन फौरन चीन के झिंजिआंग प्रांत में पथक भेजें, ऐसी आग्रही माँग की है।

सोमवार को कनाडा की संसद में चीन के उइगरवंशियों के मुद्दे पर दो स्वतंत्र प्रस्ताव मंजूर किए गए। संसद सदस्य मायकल डी. चॉंग ने प्रस्तुत किए पहले प्रस्ताव में, चीन की हुकूमत द्वारा उइगरवंशियों का वंशसंहार जारी होने का आरोप रखा गया है। इसमें, संयुक्त राष्ट्र संगठन ने वंशसंहार के संदर्भ में मंजूर किए प्रस्ताव का उल्लेख किया गया है। उसी समय, अमरीका ने भी उइगरवंशियों के विरोध में जारी हरकतों को ‘वंशसंहार’ कहने के लिए मान्यता दी है, इसकी याद भी दिलाई गई है। यह प्रस्ताव २६६ बनाम शून्य मतों से मंजूर किया गया।

दूसरे प्रस्ताव में, चीन की सत्ताधारी हुकूमत ने यदि उइगरवंशियों के विरोध में वंशसंहार जारी रखा, तो आन्तर्राष्ट्रीय ऑलिंपिक समिती चीन में सन २०२२ मैं होनेवाली ऑलिंपिक प्रतियोगिता को दूसरे देशों में स्थानांतरित करें, ऐसी माँग की गई है। यह प्रस्ताव २३० बनाम २८ मतों से मंजूर किया गया होने की जानकारी कनाडा की संसद द्वारा दी गई। कनाडा की संसद ने उइगरवंशियों पर जारी अत्याचारों को ‘वंशसंहार’ करार देने के बाद, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्य्रुड्यू चीन के विरोध में अधिक आक्रामक भूमिका अपनाएँ, ऐसी माँग राजनीतिक दायरे समेत प्रसारमाध्यम और सोशल मीडिया में होने लगी है।

कनाडा की संसद में यह प्रस्ताव मंजूर होने के कारण चीन बहुत ही बौखला गया है। चीन के विदेश विभाग ने यह आरोप किया है कि इस प्रस्ताव में तथ्यों को तोड़ मरोड़ दिया है। इस मामले में चीन ने आक्रामक शब्दों में निश्चित दर्ज किया होने का दावा भी विदेश विभाग के प्रवक्ता वँग वेन्बिन ने किया। कनाडा में नियुक्त चीन के राजदूत कॉंग पीवु ने, झिंजिआंग में वंशसंहार वगैरा कुछ हुआ ही नहीं है, ऐसा कहा है। कनाडा चीन के अंदरूनी मामले में दखलअंदाजी करना रोकें, ऐसी माँग भी चीनी राजदूत ने की।

इसी बीच, अमरीका और कनाडा के बाद ब्रिटेन ने भी उइगरवंशियों के मुद्दे पर अपनी भूमिका सख्त करने के संकेत दिए हैं। विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने, संयुक्त राष्ट्र संगठन की ‘जीनिव्हा फोरम’ में हुई चर्चा में, उइगरवंशियों पर जारी अत्याचारों का मुद्दा उपस्थित किया। झिंजिआंग में उइगरवंशियों पर बेरहमी से अत्याचार जारी होकर, हालात आपे से बाहर हो गए हैं, ऐसा दोषारोपण ब्रिटिश विदेश मंत्री ने किया है। उसी समय संयुक्त राष्ट्र संगठन एक स्वतंत्र विशेषज्ञ की सहायता से झिंजिआंग में तुरंत पथक भेजकर जांच करें, ऐसी मांग भी विदेश मंत्री राब ने की।

चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट हुकूमत द्वारा पिछले कुछ वर्षों से लगातार झिंजिआंग प्रांत में अल्पसंख्य उइगरवंशियों पर अत्याचार जारी हैं। उइगरवंशियों को आतंकवादी और गुनाहगार करार देकर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा होकर, पूरे प्रांत में लष्करी और निमलष्करी यंत्रणाएँ तैनात कीं गईं हैं। इन यंत्रणाओं द्वारा झिंजिआंग में लगभग ११ लाख से अधिक उइगरवंशियों को कब्जे में किया गया होकर, उन्हें विभिन्न इलाकों में बनाये गए कॉन्संट्रेशन कैंप्स में कैद कर रखा गया है।

इन कैम्प्स में उनसे बेगारों की तरह काम करवाया जाता है, ऐसी धक्कादाई जानकारी सामने आई है। उसी समय, चिनी यंत्रणाएँ झिंजिआंग की उइगरवंशीय महिलाओं का लैंगिक शोषण कर रहीं होने की खबरें भी सामने आईं हैं। उइगरवंशियों के इस वंशसंहार के लिए चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ही जिम्मेदार हैं, ऐसा कुछ अभ्यासगुटों की रिपोर्ट से सामने आया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.