‘हुवेई’ पर हुई कार्रवाई के बाद चीन में अमरिकी कंपनियों को लक्ष्य करने की गतिविधियां शुरू

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरबीजिंग – ‘हुवेई’ के साथ चीन की बडी कंपनियों को अमरिका में रोकने की कोशिश शुरू होते हुए अब चीन में भी इसे जवाब देने के लिए कदम उठाना शुरू हुआ है| चीन की हुकूमत ने नए ‘सायबर लॉ’ की तैयारी शुरू की है और इसमें माहिती और तकनीकी क्षेत्र की विदेशी कंपनियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से गारन्टी देनी होगी, इस स्वरूप का प्रावधान किया जा रहा है| इसके पहले भी चीन ने विदेशी कंपनियों के कारोबार में अडंगा लाने की कई कोशिश की है, ऐसी शिकायत अमरिकी एवं यूरोपिय कंपनियों ने की थी| इसमें नया कानून और प्रावधान होने पर पश्‍चिमी कंपनियां चीन से बाहर निकल सकती है, यह संकेत प्राप्त हो रहे है|

दो सप्ताह पहले अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने विदेशी दूरसंचार कंपनियों के विरोध में ‘नैशनल इमर्जन्सी’ का ऐलान किया था| यह घोषणा करते समय ट्रम्प ने अमरिका की अर्थव्यवस्था के समेत राष्ट्रीय सुरक्षा को बन रहा खतरा रेखांकित किया था| इस दौरान ट्रम्प ने जारी किए आदेशों में चीन की कंपनियों का जिक्र नही था, फिर भी यह इमर्जन्सी चीन की कंपनियों के विरोध में ही होने की बात कही जा रही है| इस ऐलान के बाद अमरिका के व्यापार विभाग ने जारी की हुई ‘ब्लैक लिस्ट’ में चीन की ‘हुवेई’ के समेत अन्य ७० कंपनियों के नाम दर्ज है|

अमरिका की इस कार्रवाई के विरोध में चीन ने स्पष्ट शब्दों में अपनी नाराजगी व्यक्त की थी| उसके बाद चीन अब अमरिका के विरोध में व्यापार युद्ध और ‘हुवेई’ पर हुई कार्रवाई को प्रत्युत्तर देने के लिए कई विकल्पों पर विचार करने के दावे हो रहे है| इसमें तकनीकी क्षेत्र के लिए अहमियत रखनेवाले ‘रेअर अर्थ’ खनिज की सप्लाई रोकना, अमरिका के बांड की बिक्री करना और अमरिकी कंपनियों पर कार्रवाई करके शेअर बाजार को झटका देने के प्रावधान का समावेश रहा|

शुक्रवार के दिन चीन की ‘सायबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ ने सायबर कानून में सुधार करने का प्रस्ताव रखा है| चीन के ‘सायबर लॉ’ में कुछ बदलाव करने का सुझाव रखा गया है और यह बदलाव विदेशी कंपनियों को लक्ष्य करनेवाले होने की जानकारी सूत्रों ने दी| चीन के माहिती एवं तकनीकी क्षेत्र की सुरक्षा और नियंत्रण मजबूत करने के लिए कुछ कदम उठाने का जिक्र संबंधित प्रस्ताव में है| इसमें विदेशी उत्पाद और सेवाओं का इस्तेमाल करते समय राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बनते खतरों की सही जानकारी देने का सुझाव रखा गया है|

इन प्रावधानों का इस्तेमाल चीन अमरिकी तकनीकी कंपनियों को रोकने के लिए कर सकता है और इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का कारण आगे करेगा, यह दावा सायबर सुरक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञ कर रहे है| चीन ने इसके पहले वर्ष २०१७ में सायबर सुरक्षा विषयक कानून संमत किया था| इस कानून में किए प्रावधानों पर पश्‍चिमी कंपनियां एवं देशों ने कडी आपत्ति जताई थी| चीन में कार्यरत विदेशी कंपनियों को नियंत्रित करने के लिए इस कानून का इस्तेमाल होगा, यह डर जताया जा रहा था| नया प्रस्ताव और इसमें रखे गए प्रावधानों की वजह से यह डर सच्चाई में उतरता दिख रहा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.