उइगरवंशियों के मुद्दे पर अमरीका और ब्रिटेन के बाद कनाड़ा ने भी किया चीन के खिलाफ कार्रवाई करने का ऐलान

ओटावा – अमरीका और ब्रिटेन के बाद अब कनाड़ा ने भी उइगरवंशियों पर हो रहे अत्याचारों के मुद्दे पर चीन को लक्ष्य किया है। कनाड़ा के विदेशमंत्री फ्रैंकोईस फिलिप और ‘इंटरनैशनल ट्रेड मिनिस्टर’ मेरी एन्जी ने झिंजिआंग प्रांत से आयात हो रहे उत्पादनों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया। इस दौरान कनाड़ा ने चीन की शासक कम्युनिस्ट हुकूमत उइगरवंशियों पर कर रहे अत्याचारों के मुद्दे पर तीव्र चिंता व्यक्त की है और ऐसी घटनाएं मानव अधिकारों का उल्लंघन करनेवाली होने की बात भी स्पष्ट की है। विश्‍व के प्रमुख देश एक के बाद एक चीन को मानव अधिकारों के मुद्दे पर लक्ष्य करने लगे हैं और इस वजह से चीन की हुकूमत की घेराबंदी होने की बात समझी जा रही है।

चीन के झिंजिआंग प्रांत में इस्लामधर्मी उइगरवंशियों की संख्या काफी ज्यादा है। इस इलाके में आतंकी एवं अलगाववादी गतिविधियां बढ़ने का कारण आगे करके चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने वहां पर बड़ी मात्रा में लष्करी तैनाती की थी। लेकिन, बीते कुछ वर्षों में चीन ने उइगरवंशियों का दमन करने के लिए व्यापक मुहिम चलाई है और इसके तहत उत्पीड़न शिविरों का भी निर्माण किया गया है। इन शिविरों में लाखों उइगरों को जबरन कैद किया गया है और उनके हाथों कई काम कराए जा रहे हैं।

झिंजिआंग में कार्यरत कई बड़ी चीनी कंपनियां कामगारों के तौर पर उइगरों का इस्तेमाल कर रही हैं। वर्ष २०१८ में संयुक्त राष्ट्रसंघ की एक रपट में भी चीन ने लगभग ११ लाख उइगरवंशियों को इन उत्पीड़न शिविरों में कैद कर रखा है, इस बात की पोल खोलके सबको चौंका दिया था। चीन ने यह आरोप ठुकराए हैं और यहां के शिविर ‘री-एज्युकेशन कैम्प’ होने का दावा किया है। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय समुदाय चीन के इन दावों पर भरोसा करने के लिए तैयार नहीं है।

अमरीका यह मुद्दा बड़ी आक्रामकता से पेश कर रही है और इस पर चीन की हुकूमत को लगातार लक्ष्य करने लगी है। बीते वर्ष अमरीका ने उइगरों के मुद्दे पर दो कानून पारित किए और इस क्षेत्र से हो रहा रुई और अन्य सामान का आयात बंद किया है। अमरीका ने अपनी कंपनियों के लिए भी इस मसले पर अलर्ट जारी किया है और झिंजिआंग की कंपनियों के साथ जारी संबंध तोड़ने के आदेश भी दिए हैं। अमरीका के बाद ब्रिटेन ने भी अपनी कंपनियों को झिंजिआंग की कंपनियों से संबध तोड़ने का आवाहन किया है। इसका पालन ना होने पर बड़ा दंड़ वसुलने का इशारा भी दिया है।

कनाड़ा ने मंगलवार के दिन किया ऐलान इसी मुहिम का अगला चरण है। कनाड़ा की सरकार ने झिंजिआंग से सामान का आयात बंद करने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही इसके लिए सरकार किसी भी तरह की सहायता प्रदान करने के लिए तैयार होने के संकेत भी दिए हैं। इसी बीच ब्रिटेन ने किए निर्णय पर चीन ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की है और चीनी कंपनियों की सुरक्षा के लिए सरकार उचित कदम उठाएगी, यह इशारा भी चीनी प्रवक्ता झाओ लिजिअन ने दिया है।

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