ईरान के ड्रोन्स के विरोध में इस्रायल हवाई सुरक्षा मज़बूत करेगा

जेरूसलम – ईरानी ‘ड्रोन्स’ से खतरों को ध्यान में रखकर इस्रायल की सेना ने हवाई सुरक्षा यंत्रणा मज़बूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं। अगले दो वर्षों में ऐसी हवाई सुरक्षा यंत्रणा तैयार होगी, यह जानकारी इस्रायल की वृत्तसंस्था ने जारी की। चार दिन पहले सीरिया में स्थित अमरिकी लष्करी अड्डे पर ड्रोन हमला हुआ था। ईरान या ईरान से जुड़े गुटों ने इस हमले को अंजाम देने का आरोप लगाया जा रहा है। इसके बाद इस्रायल ने ड्रोन विरोधी हवाई सुरक्षा यंत्रणा विकसित करने के संकेत दिए हैं।

ईरान के ड्रोन्सइस्रायली सेना के बेड़े में रॉकेटस्‌, मिसाइल एवं लड़ाकू विमानों के हमलों को रोकने के लिए आवश्‍यक प्रगत हवाई सुरक्षा यंत्रणा मौजूद है। छोटी दूरी के रॉकेटस्‌ के लिए इस्रायली सेना द्वारा इस्तेमाल हो रही ‘आयर्न डोम’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा खरीदने के लिए अमरीका भी उत्सुक है। इसके अलावा इस्रायली सेना ने ‘डेविडस्‌ स्लिंग’, ‘एरो’, ‘पैट्रियॉट’ जैसी प्रगत हवाई सुरक्षा प्रणाली सीरिया और लेबनान की सीमा पर तैनात करने का दावा किया जा रहा है। लेकिन, बीते कुछ वर्षों से ईरान के ड्रोन हमलों का खतरा बढ़ने का दावा इस्रायली माध्यम कर रहे हैं।

इसके लिए वर्ष २०१९ में सौदी के अराम्को र्इंधन प्रकल्प पर ड्रोन हमले का दाखिला माध्यम दे रहे हैं। अराम्को पर हुए हमलों के बाद ड्रोन्स का खतरा बढ़ा है, ऐसा माध्यम कह रहे हैं। कुछ महीने पहले पर्शियन खाड़ी में मालवाहक जहाज़ों पर ड्रोन हमला हुआ था। तीन महीने पहले सीरिया से उड़ान भरकर ड्रोन ने जॉर्डन की सीमा से इस्रायल में घुसपैठ करने की नाकाम कोशिश की थी, इस बात की याद भी यह माध्यम दिला रहे हैं।

ईरान में ड्रोन्स का बड़ा अड्डा मौजूद है और इसके फोटो और जानकारी रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने बीते महीने में ही जारी की थी। इसी दौरान कुछ दिन पहले ईरान ने हवाई युद्धाभ्यास का आयोजन किया था। इसमें बॉम्बर विमानों के साथ ड्रोन्स भी शामिल थे। लेबनान में हिज़बुल्लाह, इराक-सीरिया के ईरान से जुड़े गुट, येमन में स्थित हौथी विद्रोही ईरानी निर्माण के ड्रोन्स से लैस हैं।

इनमें से हौथी विद्रोहियों के ड्रोन हमले सौदी अरब की सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो रहे हैं, यह इशारा सौदी एवं खाड़ी क्षेत्र के विश्‍लेषक दे रहे हैं। बीते कुछ दिनों में सौदी के हवाई अड्डों के साथ यात्री हवाई अड्डों पर भी हौथी के विद्रोहियों ने ड्रोन हमले किए हैं। बीते हफ्ते सीरिया के अल-तन्फ में स्थित अमरिकी लष्करी अड्डे पर हुए ड्रोन हमले के पीछे भी ईरान का ही हाथ होने के आरोप अमरीका के अधिकारी लगा रहे हैं।

इसकी वजह से आनेवाले दिनों में ईरान सरेआम या सीरिया में स्थित ईरान से जुड़ी आतंकी संगठनों की सहायता से ड्रोन हमले करके इस्रायल की सुरक्षा को चुनौती दे सकता है। इस पृष्ठभूमि पर ड्रोन हमलों को नाकाम करने के लिए इस्रायली सेना स्वतंत्र हवाई सुरक्षा यंत्रणा विकसित कर रही है। अगले दो वर्षों में यह यंत्रणा सक्रिय होगी, यह दावा इस्रायली अखबार ने किया है।

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