इस्रायली प्रधानमंत्री का स्वागत करके युएई ने फिलिस्तीनियों का विश्वासघात किया – ईरान के विदेश मंत्रालय की आलोचना

uae-palestine-israel-2तेहरान – ‘ पिछले 70 सालों से अरब और इस्लामिक देशों में बनी असुरक्षा, तनाव और युद्ध के लिए ज़िम्मेदार होनेवाले गैरकानूनी देश के प्रधानमंत्री का स्वागत करके युएई ने फिलिस्तीनियों का विश्वासघात किया है। फिलिस्तीनी जनता तथा इस क्षेत्र के नागरिक और स्वतंत्रतायोद्धा इसे कभी भी नहीं भूलेंगे’, ऐसी आलोचना ईरान की विदेश मंत्रालय ने की। इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने सोमवार को युएई का दौरा करके क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन झायद से मुलाकात की थी। उस पर ईरान से यह प्रतिक्रिया आई है।

इस्रायल के प्रधानमंत्री बेनेट ने रविवार को अचानक युएई का दौरा घोषित किया। सोमवार को क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन झायद के साथ हुई मुलाकात में प्रधानमंत्री बैनेट ने चार घंटे चर्चा की। इसमें इस्रायल और युएई के बीच के व्यापारिक और तंत्रज्ञान विषयक सहयोग का मुद्दा था। उसी के साथ युएई ने इस्रायल को ‘आयर्न डोम’ की खरीद के बारे में पूछा होने की खबरें भी प्रकाशित हुई थी। वही कमा वियना में ईरान के परमाणु समझौते को लेकर जारी बातचीत पर भी चर्चा संपन्न होने की बात कही जाती है। उसके बाद इस्रायल के प्रधानमंत्री बेनेट ने अपने युएई के दौरे को उल्लेखनीय बताया।

uae-palestine-israel-1इस्रायल और युएई के नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात पर ईरान से क्रोधित प्रतिक्रिया आई है। इस्रायल के नेता का यह दौरा इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरनाक होने का दावा ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातिबझादेह ने किया। इस्रायल के साथ किसी भी प्रकार के सहयोग को ईरान डटकर विरोध करेगा, ऐसा खातिबझादेह ने स्पष्ट किया। उसी के साथ, जेरूसलम पर होनेवाला इस्रायल का कब्ज़ा हटाने के लिए इसके आगे भी संघर्ष जारी रखने की घोषणा खातिबझादेह ने की।

जेरूसलम पर कब्ज़ा करनेवाला इस्रायल दुनिया भर के अरब-इस्लामी देशों का शत्रु है। इसलिए इस्रायल के साथ अगर सहयोग स्थापित किया, तो वह फिलिस्तीन के निर्माण को झटका देनेवाला साबित होगा’, ऐसी आलोचना खातिबझादेह ने की। इस्रायल के साथ सहयोग स्थापित करनेवाले युएई का यह फैसला फिलिस्तीनी जनता कभी भी नहीं भूलेगी, ऐसा खातिबझादेह ने कहा। इसी बीच, इस्रायल के साथ अब्राहम समझौता करनेवाले युएई को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे, ऐसी धमकी ईरान ने इससे पहले ही दी थी। 

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