‘ब्रेक्ज़िट डील’ के मछली पकड़ने के मुद्दे पर ब्रिटेन-फ्रान्स के ताल्लुकात बिगड़े

uk-france-brexit-2लंदन/पैरिस – ब्रिटेन यूरोपिय महासंघ से बाहर निकलकर कई महीने बीत चुके हैं, फिर भी ‘ब्रेक्ज़िट’ को लेकर विवाद अभी खत्म नहीं हुए है। आयर्लैंड़ एवं ‘सॉसेजस्‌’ के विवाद के बाद अब ब्रिटेन और फ्रान्स में मछली पकड़ने के अधिकारों को लेकर तनाव निर्माण हुआ है। फ्रान्स ने ब्रिटेन के जहाज़ को अपने बंदरगाह में रोक रखा है और बिजली की सप्लाई रोकने का इशारा भी दिया है। ब्रिटेन ने भी फ्रेंच राजदूत को समन्स भेजे हैं और कानूनन शिकायत दर्ज़ करने का इशारा भी दिया है।

uk-france-brexit-1बीते वर्ष के अन्त में ब्रिटेन यूरोपिय महासंघ से बाहर निकला था। इसके बावजूद ब्रिटेन और महासंघ के बीच हुए समझौते पर अमल करने को लेकर नए-नए विवाद सामने आ रहे हैं। ‘ब्रेक्ज़िट डील’ के अनुसार ब्रिटेन के समुद्री क्षेत्र में प्रवेश कर रहे यूरोपिय देशों के मछुआरों के जहाज़ों को ब्रिटीश यंत्रणाओं द्वारा लायसन्स प्रदान किए जाएँगे। इसके लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं। इन शर्तों को पूरा ना करनेवाले फ्रेंच जहाज़ों को लायसन्स प्रदान करने से इन्कार किया गया है। इससे फ्रान्स में तीव्र नाराज़गी छाई है और फ्रेंच नेतृत्व ने यह मुद्दा यूरोप की प्रतिष्ठा का होने का दावा किया है।

uk-france-brexit-3फ्रान्स की सरकार ने यूरोप से ‘इंग्लिश चैनल’ के मार्ग से ब्रिटेन में दाखिल हो रहे सामान का परिवहन रोकने के साथ ही ब्रिटेन को सप्लाई होनेवाली बिजली खंड़ित करने का इशारा दिया है। फ्रान्स की सरकार ने यूरोपिय महासंघ को एक खत लिखा है और इसमें महासंघ को छोड़कर जानेवालों का कैसे नुकसान होता है, यह दिखाने की ज़रूरत है, यह आक्रामक स्वर आलापा है। ब्रिटेन ‘ब्रेक्ज़िट’ के समझौते की शर्तों का पालन करे, इसके लिए महासंघ को सख्त निर्धार व्यक्त करने पड़ेंगे, यह माँग भी फ्रान्स ने की है।

फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने यह इशारा दिया है कि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मछली पकड़ने के मामले में ब्रिटेन की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। इसके बाद फ्रेंच सीमा में मछली पकड़ने वाले ब्रिटेन के जहाज़ को फ्रेंच यंत्रणाओं ने हिरासत में लिया है। इस जहाज़ के लिए लायसन्स प्रदान नहीं हुआ था, यह दावा करके फ्रेंच यंत्रणाओं ने ब्रिटीश जहाज़ को ‘ली हैवर’ तट पर रोक रखा है। इसी बीच, फ्रान्स के मछुआरों के संगठन ने दोनों देशों के विवाद अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुँचा सकते है, यह चिंता जताई है।

फ्रान्स की आक्रामक गतिविधियों पर ब्रिटेन से भी तीव्र प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है। ब्रिटेन ने फ्रेंच राजदूत को समन्स थमाए है और फ्रान्स की सरकार से इशारों पर खुलासे की माँग की है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने आरोप लगाया है कि, फ्रान्स ने समझौते का भंग किया है। इसके अलावा, फ्रान्स ने उकसानेवाली गतिविधियाँ जारी रखीं तो कानूनन शिकायत दर्ज़ करके कार्रवाई करेंगे, यह इशारा भी प्रधानमंत्री जॉन्सन ने दिया। इससे पहले ब्रिटेन ने फ्रान्स के साथ अन्य यूरोपिय देशों के जहाज़ों को रोकने के लिए चार युद्धपोत तैनात करने की जानकारी भी सामने आयी थी।

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