चीन की ‘हायपरसोनिक मिसाइल टेस्ट’ यानी ‘स्पुटनिक’ जैसी घटना – अमरीका के रक्षाबलप्रमुख का इशारा

‘हायपरसोनिक मिसाइल टेस्ट’वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन ने किया हुआ हायपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण ‘स्पुटनिक’ से तुलना करना संभव होने जैसीं चौकानेवाली घटना होने का इशारा अमरिकी रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिले ने दिया हैं। जनरल मिले के बाद अमरिकी रक्षाबल के उपप्रमुख जनरल हायटन ने भी चीन के हायपरसोनिक परीक्षण पर चिंता जताई हैं और चीन ने इस तकनीक के लगभग १०० परीक्षण किए होने का दावा किया। कुछ दिन पहले अमरीका के वरिष्ठ सिनेटर ने चीन ने किए परीक्षणों के मुद्दे पर संसद द्वारा रक्षा विभाग और गुप्तचर यंत्रणाओं के साथ शीघ्रता में एक बैठक करने की माँग भी की थी।

बीते हफ्ते ब्रिटेन के ‘फाइनान्शियल टाईम्स’ ने चीन के हायपरसोनिक मिसाइल का वृत्त प्रसिद्ध किया था। इसमें चीन ने दो हायपरसोनिक परमाणु मिसइलों का परीक्षण करने की जानकारी साझा की गई है। पहला परीक्षण जुलाई और दूसरा अगस्त में किया गया, यह जानकारी ‘फाइनान्शियल टाईम्स’ ने प्रदान की थी। पहला परीक्षण २७ जुलाई को किया गया और इस दौरान ‘हायपरसोनिक ग्लाईड वेहिकल’ का इस्तेमाल करने की बात कही गई है।

‘हायपरसोनिक मिसाइल टेस्ट’दूसरा परीक्षण १३ अगस्त को दिया गया। इन दोनों परीक्षणों के दौरान चीनी मिसाइल ने पृथ्वी की भ्रमण कक्षा (लो ऑर्बिट) से यात्रा करने की जानकारी सामने आयी है। दोनों परीक्षण अमरिकी यंत्रणाओं को पता लगने दिए बगैर करने की बात कही जा रही है। साथ ही इन परीक्षणों के दौरान चीनी मिसाइलों ने दिखाई क्षमता अमरिकी यंत्रणाओं को चौंकानेवाली साबित होने का दावा भी इस अखबार ने किया था। अमरिकी रक्षाबलप्रमुख का इशारा इसकी पुष्टी करनेवाला है।

‘हायपरसोनिक मिसाइल टेस्ट’‘चीन ने किया हायपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण तकनीकी नज़रिये से काफी अहम घटना है। यह घटना ‘स्पुटनिक’ की तरह ही है या नहीं, यह पुख्ता नहीं कहा जा सकता। लेकिन, यह परीक्षण इसके काफी करीब है। चीन ने विकसित किए हुए मिसाईल काफी बड़ी चिंता का मुद्दा है’, यह इशारा जनरल मार्क मिले ने दिया। मिले ने ‘स्पुटनिक’ का ज़िक्र ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित हुआ है। वर्ष १९५७ में रशिया ने अमरीका को चौंकाकर विश्‍व का पहला कृत्रिम ‘स्पुटनिक’ उपग्रह अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया था। यह घटना दो देशों में अंतरिक्ष स्पर्धा शुरू करनेवाली घटना साबित हुई थी।

जनरल मिले के बाद रक्षाबल के उप-प्रमुख ने भी चीन का यह परीक्षण गंभीर बात होने का इशारा दिया है। जनरल जॉन हायटन ने एक बैठक के दौरान चीन ने हायपरसोनिक तकनीक और मिसाइल के १०० से अधिक परीक्षण करने का अहसास कराया। अमरीका ने बीते पांच वर्षों में हायपरसोनिक तकनीक के मात्र ९ परीक्षण किए हैं, इसे ध्यान में रखें तो चीन के परीक्षण की अधिक चिंता की बात है, यह समझ आएगा, ऐसा हायटन ने कहा। जिस गति से चीन आगे बढ़ रहा है, उसे देखें तो अमरीका और रशिया को भी कुछ ही समय में पीछे छोड़ेगा, यह दावा भी रक्षाबलों के उप-प्रमुख ने किया।

अमरीका की शीर्ष रक्षा कंपनी ‘रेथॉन’ ने भी चीन की प्रगति की ओर ध्यान आकर्षित किया। हायपरसोनिक तकनीक को लेकर चीन की तुलतना में अमरीका कई वर्ष पिछड़ी है, ऐसा कंपनी के प्रमुख ने कहा होने की बात सामने आयी है।

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