सैन्य तैयारियों के लिए यूरोपिय देशों के हाथों में कम समय बचा है – जर्मनी के रक्षा मंत्री का इशारा

बर्लिन – रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर यूरोपिय देशों को नए फौजी खतरों का सामना करना पड़ सकता है और इसके लिए सैन्य तैयारियां करने के लिए हाथों में अब ज्यादा समय बचा नहीं है, ऐसा इशारा जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने दिया। आगे के समय में अमेरिका यूरोप के बजाय एशिया-पैसिफिक क्षेत्र पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगी, इस वजह से सैन्य स्तर पर अमेरिका का ज्यादा सहयोग प्राप्त नहीं होगा, इसका अहसास भी जर्मन रक्षा मंत्री ने कराया।

रशिया-यूक्रेन संघर्ष की पृष्ठभूमि पर अमेरिका और नाटो सदस्य देशों ने यूक्रेन को भारी मात्रा में शस्त्र सहायता प्रदान की है। सैन्य तैयारियों के लिए यूरोपिय देशों के हाथों में कम समय बचा है - जर्मनी के रक्षा मंत्री का इशाराइसमें बंदुक, बख्तरबंद वाहन, तोप, टैंक, रॉकेट सिस्टिम, मिसाइल और हेलीकॉप्टर का भी समावेश है। अमेरिका ने यूक्रेन को अब तक लगभग ५० अरब डॉलर से भी अधिक के शस्त्र एवं रक्षा सहायता प्रदान की है। अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, फ्रान्स और जर्मनी ने भी यूक्रेन को २५ अरब डॉलर से अधिक के हथियारों की आपूर्ति करने की बात कही जा रही है। यूरोप के अन्य देशों ने भी पांच से दस अरब डॉलर से अधिक की शस्त्र सहायता करने की जानकारी सामने आयी है।

अमेरिका और यूरोपिय देशों ने यूक्रेन को प्रदान किए अधिकांश हथियार और रक्षा यंत्रणा अपने मौजूदा भंड़ार से मुहैया किए हैं। यूक्रेन को हो रही इस हथियारों की आपूर्ति के कारण यूरोपिय देशों का शस्त्र भंड़ार तेज़ी से कम होने लगा था। छोटे बाल्कन एवं बाल्टिक देशों के साथ जर्मनी, पोलैण्ड जैसे देशों के शस्त्र भंड़ार में भी कुछ ही दिन के युद्ध के लिए पर्याप्त शस्त्र बचे होने की रपट सामने आयी है।

सैन्य तैयारियों के लिए यूरोपिय देशों के हाथों में कम समय बचा है - जर्मनी के रक्षा मंत्री का इशारायूक्रेन के कारण बनी यह कमी दूर करने के लिए यूरोपिय देशों ने अमेरिका के साथ अरबों डॉलर के शस्त्र खरीद ने के लिए समझौते किए हैं। पिछले साल जर्मन सरकार ने रक्षाबलों के आधुनिकीकरण के लिए १०० अरब युरो का प्रावधान करने का ऐलान किया था। लेकिन, इसके बावजूद यूरोप में रक्षा सामान के निर्माण की गति धीमी हुई है और यह रपट सामने आयी है कि, यूरोप में अब निर्धारित समय पर हथियार उपलब्ध नहीं हो रहे हैं।

इस पृष्ठभूमि पर जर्मन रक्षा मंत्री ने यूरोपिय देशों को सैन्य तैयारी की गति बढ़ाने का इशारा दिया है। कुछ दिन पहले ही जर्मन रक्षाबलों के पास पर्याप्त कार्यबल नहीं रहने का वृत्त भी प्रसिद्ध हुआ था।

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