रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर यूरोपिय देशों में अमेरिकी सैन्य तैनाती हुई कम – वर्ष २०२२ की तुलना में २० हजार सैनिकों को हटाया गया

वॉशिंग्टन/ब्रुसेल्स – रशिया-यूक्रेन युद्ध में यूक्रेन को हार की नामुष्की का सामना करना होगा, ऐसे संकेत पिछले कुछ दिनों की घटनाओं से प्राप्त हुई थी। इसके लिए अमेरिका के बायडेन प्रशासन ने किए निर्णयों से पुष्टि होती दिख रही है। पिछले साल शुरू हुए यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका ने यूरोप में लगभग एक लाख सैनिक तैनात किया है, ऐसा ऐलान ‘पेंटॅगॉन’ ने किया था। लेकिन, अमेरिकी संसद को प्रदान की हुई जानकारी के अनुसार इस तैनाती में अभ बड़ी गिरावट होने की जानकारी सामने आयी है।

रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर यूरोपिय देशों में अमेरिकी सैन्य तैनाती हुई कम - वर्ष २०२२ की तुलना में २० हजार सैनिकों को हटाया गयाराष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अमेरिकी संसद में पेश किया खत सामने आया है। इसमें पूरे विश्व में मौजूद अमेरिकी सैन्य तैनाती की जानकारी साझा की गई है। इसमें अमेरिकी फौज की यूरोपिय देशों में हुई तैनाती का भी जिक्र हैं। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने यह जानकारी साझा की है कि, यूरोप में अमेरिका के ८० हजार सैनिक तैनात हैं। रशिया के आक्रमण को रोककर यूरोप के सहयोगी देशों को आश्वस्त करने के लिए यह तैनाती करने का जिक्र बायडेन ने किया है।

अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने साझा की हुई इस जानकारी से यूरोप में अमेरिका ने अपनी तैनाती काफी कम करने की बात स्पष्ट हुई है। पिछले साल जून महीने में अमेरिकी रक्षा विभाग ने यूरोप में मौजूद अपनी तैनाती के आंकड़े सार्वजनिक किए थे। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर यूरोपिय देशों में अमेरिकी सैन्य तैनाती हुई कम - वर्ष २०२२ की तुलना में २० हजार सैनिकों को हटाया गयाइसमें अमेरिका ने यूरोप में एक लाख से भी अधिक सैनिक तैनात करने की बात कही गई थी। अमेरिका की अतिरिक्त तैनाती को आधार बनाकर यूरोप में नाटो की तैनाती तीन लाख तक बढ़ाने का ऐलान नाटो के प्रमुख जेन्स स्टॉल्टनबर्ग ने किया था।

यूरोप के पोलैण्ड और रशियन सीमा के करीबी बाल्टिक देशों ने भी अमेरिका से अपने देश में स्थायी तैनाती करने की गुहार लगाई थी। लेकिन, वास्तव में अमेरिका ने अपनी तैनाती कम करने की जानकारी सामने आने से आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। ‘पेंटॅगॉन’ ने अभी इस पर प्रतिक्रिया दर्ज नहीं की है।

अमेरिकी सैन्य तैनाती में हुई कटौती सामने आने के साथ ही नाटो और यूरोपिय देशों में डोनाल्ड ट्रम्प को लेकर हलचल होने का वृत्त अमेरिकी माध्यमों ने प्रसिद्ध किया है। डोनाल्ड ट्रम्प फिर से राष्ट्राध्यक्ष हुए तो अमेरिका नाटो से बाहर होने की प्रक्रिया गतिमान होगी, ऐसे संकेत ट्रम्प के करीबी सूत्र ने दिए हैं। रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर यूरोपिय देशों में अमेरिकी सैन्य तैनाती हुई कम - वर्ष २०२२ की तुलना में २० हजार सैनिकों को हटाया गयाअमेरिका के सियासी दायरे के पूर्व अधिकारी एवं विश्लेषकों ने भी इसकी पुष्टि की है।

अमेरिकी तैनाती में हुई कटौती और अमेरिका के नाटो से बाहर होने के निर्णय के कारण यूरोपिय देशों की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है और इसका लाभ रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन उठा सकते हैं, ऐसी संभावना भी विश्लेषकों ने जताई है। साथ ही नाटो और यूरोपिय महासंघ में यूक्रेन का समावेश करने की कोशिश को भी नुकसान पहुंच सकता है, ऐसा दावा भी किया जा रहा है।

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