यूरोपिय देश रशिया के ईंधन पर निर्भर – माध्यम और विश्‍लेषकों ने यूरोप समेत अमरीका की मर्यादा स्पष्ट की

वॉशिंग्टन – यूक्रैन पर हमला करने वाली रशिया पर अमरीका और अन्य पश्‍चिमी देशों ने सख्त प्रतिबंध लगाए हैं| लेकिन, अभी भी अमरीका और यूरोपिय देशों को रशिया के ईंधन गैस की आवश्यकता महसूस हो रही हैं| इसी कारण से यूरोपिय देशों ने रशिया के विरोध में कितनी भी आग उगली तो भी रशिया के ईंधन गैस पर पाबंदी लगाने का साहस अभी दिखाया नहीं हैं| इसके अलावा अमरीका ने भी रशिया से हो रही ईंधन गैस की आपूर्ति पर रोक नहीं लगाई हैं| अमरीका के कुछ राजनीतिक नेता एवं माध्यम इस विरोधी स्थिति पर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं|

यूरोप में फिलहाल ईंधन वायू की बड़ी किल्लत महसूस हो रही हैं| यूक्रैन में जारी युद्ध की वजह से ईंधन गैस की कीमतों में बड़ा उछाल हुआ हैं और प्रति हज़ार घनमीटर ईंधन वायू का दर फिलहाल २ हज़ार डॉलर्स तक जा पहुँचा हैं| पहले के दिनों में यही कीमत हज़ार डॉलर्स के पास थी| अब दोगुनी हुई यह कीमत यूरोपिय देशों का तनाव बढ़ा रही हैं| ऐशी स्थिति में रशिया से निर्यात हो रहें ईंधन गैस पर प्रतिबंध लगाने का साहस यूरोपिय नहीं कर सकते| अमरीका को भी यह मुमकिन नहीं| व्हाईट हाऊस की प्रवक्ता जेन साकी ने बेबसी में यह स्वीकारने के लिए मज़बूर हुई|

रशिया की ईंधन निर्यात पर पाबंदी लगाने का विचार अमरीका नहीं कर रही हैं, यह जेन साकी ने हाल ही में स्पष्ट किया था| यह एक बात ईंधन के लिए यूरोपिय देशों की रशिया पर निर्भरता दिखाती हैं| ऐसी स्थिति में यूक्रैन के मुद्दे पर रशिया के विरोध में लगाए अन्य प्रतिबंध एवं किए सख्त प्रावधानों की उतनी अहमियत नहीं रहती, इसपर अमरिकी वृत्तसंस्था एवं विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं|

ईंधन के लिए यूरोपिय देशों की रशिया पर रही निर्भरता अमरीका दूर नहीं कर सकती| अमरीका और यूरोपिय देशों ने इस दिशा में अब ही शीघ्रता से कोशिश करना तय किया तो भी वह मुमकिन नहीं| क्यों कि, फिलहाल रशिया से ईंधन गैस प्राप्त नहीं हुआ तो यूरोपिय देशों की स्थिति अधिक खराब हो जाएगी| रशिया के अलावा अन्य दूसरें देश से ईंधन की आयात करना यूरोपिय देशों को मुमकिन नहीं| अमरीका ने ईंधन से भरें सैकड़ो जहाज़ यूरोपिय देशों के बंदरगाहों में उतारकर रशिया के ईंधन को विकल्प देने की कोशिश की तो भी यह मुमकिन नहीं  होगा| क्यों कि, यूरोपिय देश इसका भंड़ारण करने के लिए आवश्यक यंत्रणा भी नहीं रखते, इसपर भी विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं|

इसके बावजूद अन्य देशों से जहाज़ों में भरकर ईंधन गैस प्राप्त करने का निर्णय किया तो भी वह यूरोपिय देशों के लिए काफी महंगा विकल्प साबित होगा| क्यों कि, रशिया की पाइपलाइन से आपूर्ति हो रहें ईंधन गैस की तुलना में जहाज़ से आपूर्ति होनेवाले ईंधन का भंड़ारण और सप्लाई करने के लिए यूरोप को ७० अरब यूरो खर्च करना होगा| यूरोप यह क्षमता नहीं रखता, इस बात पर विश्‍लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं|

रशिया का विकल्प देने के लिए अमरीका ने यूरोप को ईंधन की आपूर्ति करने के लिए कतार, यूएई, अल्जेरिया और अज़रबैजान से संपर्क किया था| लेकिन, यूरोपिय देशों को ईंधन प्राप्त करने के लिए रशिया के अलावा अन्य कोई भी व्यवहार विकल्प नहीं हो सकता, यह इन देशों ने अमरीका को स्पष्ट तौर पर का हैं, ऐसा दावा माध्यमों ने किया हैं| साथ ही कोयला और परमाणु ऊर्जा ही ऊर्जा के अन्य स्रोत हैं| लेकिन, पर्यावरण और सुरक्षा के मुद्दे पर इसका विरोध हो रहा हैं|

इसपर गौर करके यूरोपिय देश एक मर्यादा के बाहर जाकर रशिया को चुनौती देने का निर्णय नहीं कर सकते| अमरीका के व्हाईट हाऊस की प्रवक्ता ने रशिया पर लगाए  प्रतिबंधों में ईंधन का समावेश नहीं किया हैं, यह कहकर इसकी कबुली भी देती दिख रही हैं| यह बात रशिया की अहमियत रेखांकित करने वाली हैं|

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