पश्‍चिमी जनता को रशिया पर लगाए गए प्रतिबंधों की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी

– ब्रिटेन के पूर्व अधिकारी का इशारा

western-people-russia-sanctions-2लंदन/मास्को – यूक्रैन युद्ध को लेकर पश्‍चिमी देश और जनता की मानसिकता गलत है और रशिया पर लगाए गए प्रतिबंधों की बड़ी कीमत पश्‍चिमी जनता को लंबे समय तक चुकानी पड़ेगी, यह इशारा ब्रिटेन के पूर्व रक्षा अधिकारी जोनाथन शॉ ने दिया| फिलहाल पश्‍चिमी नेतृत्व ने अर्थव्यवस्था के बजाय भू-राजनीतिक गणितों को ज्यादा अहमियत दी हुई है, यह दावा भी उन्होंने किया| इसी बीच, रशियन उद्योग एवं अरबपतियों पर लगाए गए प्रतिबंधों से रशिया की हुकूमत पर कोई असर नहीं पडेगा, ऐसा बयान रशिया के ‘सिक्युरिटी कौन्सिल’ के उपाध्यक्ष दिमित्रि मेदवेदेव ने किया है|

western-people-russia-sanctions-3रशिया ने यूक्रैन पर हमले शुरू करके एक महीने से अधिक समय बीत चुका है| इस दौरान अमरीका और यूरोप के साथ मित्रदेशों ने रशिया के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगाए हैं| इन प्रतिबंधों का प्रत्युत्तर देने के लिए रशिया ने भी कदम उठाए हैं| इसका असर भी सामने आने लगा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन, ऊर्जा, अनाज, धातू के अलावा कई चीज़ों की कीमतें विक्रमी स्तर पर जा पहुँची हैं| इसकी वजह से अमरीका और यूरोप के साथ कई देशों में महंगाई का विस्फोट हुआ है और सरकारी प्रावधान भी नाकाम हुए हैं|

इस पृष्ठभूमि पर पूर्व ब्रिटीश अफसरों की भूमिका ध्यान आकर्षित कर रही है| जोनाथन शॉ ने ब्रिटीश रक्षाबलों के सह-प्रमुख पद का ज़िम्मा संभाला है| इसके बावजूद उनकी पश्‍चिमी देशों की भूमिका पर लगाई गई फटकार अहमियत रखती है| ‘पश्‍चिमी देशों की जनता को यूक्रैन युद्ध में मानवीय संकट और यूक्रैनी जनता की तकलीफ दिखाई देती है| यह बात टीवी पर देखने तक के लिए ठीक है लेकिन, वास्तव में स्थिति इससे अधिक गंभीर है, इसका अहसास रखना होगा’, ऐसा शॉ ने कहा है|

western-people-russia-sanctions-1-e1648449454414‘ब्रिटेन के साथ अन्य पश्‍चिमी देशों के राजनीतिक नेतृत्व ने अपनी जनता को परिणामों का सही अहसास नही कराया है| रशिया विरोधि संघर्ष लंबे समय तक चल सकता है और पश्‍चिमी देशों की जनता के रहनसहन पर इससे बड़ा असर पड़ सकता है| बड़े लंबे समय के लिए जनता को यह कष्ट उठाने पड़ेंगे| इसके लिए मानसिक तैयारी की आवश्यकता है’, इस पर शॉ ने ध्यान आकर्षित किया| ब्रिटेन के साथ अन्य पश्‍चिमी देशों का रहनसहन रशिया समेत अन्य देशों से कम कीमत में प्राप्त हो रहें ईंधन एवं अन्य सामान पर निर्भर है, यह दावा भी उन्होंने किया|

इसी बीच, रशिया के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष और सिक्युरिटी कौन्सिल के उपाध्यक्ष दिमित्रि मेदवेदेव ने रशियन उद्योग एवं अरबपतियों पर लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से हुकूमत पर असर पड़ेगा, यह समझना मूर्खता है, ऐसी फटकार लगाई| प्रतिबंधों की वजह से हुकूमत के खिलाफ असंतोष निर्माण होने की संभावना बिल्कुल नहीं है बल्कि, रशियन जनता अधिक एकजुट होगी, यह दावा भी उन्होंने किया| रशिया के विदेशमंत्री सर्जेई लैवरोव ने देश पर लगाए गए प्रतिबंध यानी पश्‍चिमी देशों ने शुरू किया हुआ ‘हायब्रिड वॉर’ होने का इशारा दिया है|

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