पश्‍चिमी देशों के सख्त प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि पर रशियन अर्थव्यवस्था की गिरावट शुरू

मास्को – पश्‍चिमी देशों ने लगाए सख्त प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि पर रशियन अर्थव्यवस्था की शुरू हुई गिरगावट कायम होने की बात सामने आ रही हैं| एक अमरिकी डॉलर के लिए ११७ रुबल चुकाना पड़ रहा हैं और रशियन बांड़ के कारोबार पूरी तरह से बंद होने की बात कही जा रही हैं| रशिया के प्रमुख शेअर बाज़ार ‘मास्को स्टॉक एक्सेंज’ लगातार चौथे दिन बंद रखा गया हैं| इस पृष्ठभूमि पर रशियन अर्थव्यवस्था पर १९९० या १९१८ की तरह गंभीर संकट टूट सकतका हैं, यह इशारा सैक्सिमिलन हेस नामक विश्‍लेषक ने दिया हैं|

रशिया ने यूक्रैन पर किए हमले के १० दिन पूरे हो रहे हैं और पश्‍चिमी देश हर रोज नए प्रतिबंधों का ऐलान कर रहे हैं| पिछले हफ्ते अमरीका समेत यूरोपिय मित्रदेशों ने अंतरराष्ट्रीय ‘स्वीफ्ट’ यंत्रणा से कुछ रशियन बैंकों को बाहर किया था| इसके बाद अमरीका, यूरोपिय महासंघ और ब्रिटेन ने रशिया की सेंट्रल बैंक के निधी का प्रावधान करने के लिए जारी कारोबार पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया था| रशियन उद्यमीयों की विदेशों में स्थित संपत्ति जब्त करने की एवं कुर्क करने की कार्रवाई शुरू हुई हैं| रशिया के अंतरीक्ष, तकनीक एवं हवाई क्षेत्र पर भी बड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं|

इस सबका बड़ा असर रशियन अर्थव्यवस्था पर दिखने लगा हैं| पश्‍चिमी देशों ने लगाए प्रतिबंधों के बाद रशिया की सेंट्रल बैंक ने अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए शीघ्रता से गतिविधियॉं शुरू की थी| लेकिन, रशियन जनता में ड़र का माहौल कायम हैं और बैंक एवं एटीएम से बड़ी मात्रा में पैसें निकाले जा रहे हैं| हज़ारों रशियन नागरिकों ने विदेशी मुद्रा खरीदना शुरू करने से रुबल के मुल्य की भारी गिरावट हुई हैं| रशिया समेत अन्य देशों में अमरिकी डॉलर एवं यूरो खरीदने के लिए ११५ से १२५ रूबल देना पड़ रहा हैं| अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्था एवं निवेशकों ने रशियन बांड़ की खरीद बंद करने का वृत्त भी सामने आ रहा हैं|

इस पृष्ठभूमि पर रशियन अर्थव्यवस्था को पिछले सदी के साल १९१८ या १९९० के आर्थिक संकट की तरह भयानक आपत्ति का सामना करना पड़ेगा, यह इशारा लंदन स्थित मैक्सिमिलन हेस ने दिया| नए आर्थिक संकट का सामना करने के लिए रशिया के पास पर्याप्त विकल्प मौजूद नहीं हैं, यह दावा भी हेस ने किया|

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