शरणार्थियों पर यूरोप को साहसिक फैसला लेना होगा, यूरोपीय संघ प्रमुख का आवाहन

यूरोपीय संघ के प्रमुख जीन क्लॉड जंकर ने सदस्य देशों को याद दिलाया कि, यूरोपीय महाद्वीप भी शरणार्थियों से तैयार हुआ है और अब इस महाद्वीप की आबादी में तेजी से गिरावट आ रही है। उन्होंने आगे आवाहन किया कि, शरणार्थियों के मसले पर यूरोप को साहसिक फैसला लेने की जरूरत है। बुधवार को यूरोपीय संसद में किये वक्तव्य में जंकर द्वारा डेढ लाख से अधिक शरणार्थियों को अलग अलग देशों में पनाह देने का प्रस्ताव भी दिया गया। कुछ दिन पहले हि, जर्मनी के वाइस चैन्सेलर सिग्मार गॅब्रिएल ने बताया था कि, जर्मनी अगले कई सालों तक, हर वर्ष कम से कम पाँच लाख शरणार्थियों को संभाल सकता है। दूसरी ओर अमेरिका, रशिया तथा लैटिन अमेरिकी देशों द्वारा सिरियाई शरणार्थियों को जगह देने के लिए कदम उठाने के संकेत दिये गये हैं।Germany Migrants

वाइस चैन्सेलर सिग्मार गॅब्रिएल ने कहा कि, ‘मुझे लगता है कि आनेवाले कई सालों तक, हर वर्ष जर्मनी पाँच लाख शरणार्थियों को संभालने के लिए तैयार है। इस बारे में मुझे किसी भी तरह की आशंका नही, तथा मुझे लगता है कि हम इससे अधिक शरणार्थियों को भी जगह दे सकते है। जर्मनी आर्थिक रुप से एक सक्षम देश है और इसी वजह से हम ज्यादा शरणार्थियों को संभाल सकते है। पर यूरोप के अन्य देशों को भी अपनी जिम्मेदारी का एहसास हो जाना चाहिए। अन्य यूरोपीय देशों को भी शरणार्थियों को शरण देना चाहिए।’

जर्मन अधिकारियों का मानना है कि, इस साल जर्मनी में आठ लाख तक शरणार्थी आ सकते हैं। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले चार गुना ज्यादा है। लेकिन जर्मनी द्वारा बडी संख्या में शरणार्थियों का स्वीकार करने की तैयारी दिखाई गयी है। वाइस चैन्सेलर सिग्मार गॅब्रिएल  ने किये बयान से लग रहा है कि, जर्मनी आनेवाले समय में भी यही नीति कायम रखेगा।

जर्मनी की चैन्सेलर अँजेला मर्केल ने कुछ दिन पहले ही जर्मनी की हदें शरणार्थियों के लिए खुली रखने का फैसला लिया था। गॅब्रिएल के साथ हुए संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने इस फैसले का समर्थन किया। उन्होंने आगे कहा कि, देश में बडी तादाद में आ रहे शरणार्थी अगले कुछ सालों में देश को बदल सकते है। चैन्सेलर मर्केल ने चेतावनी दी कि, जो शरणार्थियों की जिम्मेदारी लेने को तैयार नही है, उन्हें इसके अंजाम भुगतने पडेंगे।

Germany Migrants 3जर्मनी, फ्रान्स, ऑस्ट्रिया, स्वीडन जैसे देश शरणार्थियों को शरण दे रहे हैं लेकिन ब्रिटन तथा हंगेरी जैसे देशों ने इस मसले पर तीखी आलोचना की है। अंतरराष्ट्रीय और अंतर्गत दबाव के बाद ब्रिटीश प्रधानमंत्री डेव्हिड कैमरॉन ने 20 हजार शरणार्थियों का स्वीकार करने का फैसला लिया है। लेकिन हंगेरी ने चेतावनी दी है कि, अगर यूरोप अपनी हदें सुरक्षित नही रख सकता तो शरणार्थियों के बढ़ते प्रवाह के मामले मे बोलने का कोई मकसद नही रहता।

इससे पहले फ्रान्स की विपक्षी नेता मरिन ली पेन ने आरोप लगाया है कि, जर्मनी जैसा देश शरणार्थियों को गुलाम के रुप में इस्तेमाल करने की सोच रखता है। वहीं एक जर्मन अर्थतज्ज्ञ रेनहार्ड क्रुसिअस द्वारा चेतावनी दी गई है कि, शरणार्थियों की समस्या के बाद पैदा होनेवाले संकट की वजह से यूरोपीय संघ के तुकड़े हो सकते है। एक तरफ यूरोपीय देशों में शरणार्थियों के मामले पर तीखे अंतर्गत  मतभेद सामने आ रहे हैं, वहीं अमेरिका और लैटिन अमेरिकी देशों में उन्हे पनाह देने के लिए कदम उठाये जा रहे है। अमेरिका में व्हाईट हाऊस के प्रवक्ता ने कहा कि, वैश्‍विक शरणार्थी संकट से निबटने के लिए अमेरिकी सरकार कई तरीकों पर विचार कर रही है। रशिया ने भी कहा कि, वे शरणार्थियों का स्वीकार करने के लिए तैयार है। लैटिन अमेरिका का प्रमुख देश ब्राझील द्वारा सिरियाई संघर्ष शुरु होने के बाद अब तक दो हजार से ज्यादा शरणार्थियों को पनाह दे दी गई है। चिली ने भी शरणार्थियों को जगह देने के लिए पूरी तरह तैयार होने का दावा किया है।

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