सायबर जासूसी करनेवाले चीनपर प्रतिबंध लगाने की अमेरिका की तैयारी, अमेरिकी अखबार का दावा

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चीनद्वारा अमेरिका में सायबर हमलों के जरिये आर्थिक जासूसी की जा रही है और इसकी जवाबी कारवाई में चीनपर प्रतिबंध डाले जा सकते है। अमेरिकी अखबार ‘द वॉशिंग्टन पोस्ट’ने प्रकाशित किये खबर में ऐसे संकेतों की जानकारी दे दी गई है। इस खबर में व्हाईट हाऊस के सूत्रों का हवाला दिया गया है तथा चीनपर आर्थिक प्रतिबंधो की संभावना जतायी गई है। चीन के राष्ट्रपति इस महीने अमेरिका की भेंट पर आ रहे हैं। ऐसे वक्त पर प्रतिबंधो की कारवाई होना दो देशों के बीच के तनाव को और बढावा दे सकता है।

जुलाई महीने में अमेरिका की मुख्य जांच एजन्सी ‘फेडरल ब्युरो ऑफ इन्व्हेस्टिगेशन’(एफबीआय)ने अपने रिपोर्ट में दावा किया था कि, देश में होनेवाले आर्थिक तथा व्यावसायिक जासूसी के पिछे चीन ही मुख्य अपराधी है। ‘एफबीआय’ने अपने रिपोर्ट में कहा था कि, अमेरिकी कंपनियों के राज चुराये जाने के मामले में करीब 95 प्रतिशत मामलों के पिछे चीन का हाथ होने की जानकारी सामने आयी है। इस रिपोर्ट के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा गुप्तचर विभाग तथा सायबर सुरक्षा क्षेत्र से जुडे प्रमुख अधिकारियों की विशेष बैठक बुलायी गयी थी।

इस बैठक में चीन के सायबर हमले तथा जासूसी पर जवाबी कारवाई के लिए विभिन्न योजनाएँ सामने रखी गयी थीं। इन योजनाओं में चीन पर उल्टा सायबर हमला, चीन के सायबर क्षेत्र से जुडे ‘फायरवॉल’ में घुसपैठ और आर्थिक प्रतिबंध शामिल थे। ‘ द वॉशिंग्टन पोस्ट’ ने अपनी खबर में दावा किया है कि, इनमें से आर्थिक प्रतिबंध की योजना पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा अप्रैल महीने में एक कार्यकारी आदेश जारी किया गया था। इस आदेश में अमेरिका पर होनेवाले सायबरहमलों के खिलाफ प्रतिबंध डालने का हुक्म दिया गया था। अमेरिका के सायबर क्षेत्र में धोखा पैदा करनेवाले व्यक्ति तथा गुटों पर प्रतिबंध डालने का प्रावधान भी है। यह आदेश अमेरिका द्वारा सायबर हमलों के खिलाफ लिया गया बडा महत्त्वपूर्ण कदम माना जाता है। चीन के खिलाफ प्रतिबंध के संकेत देनेवाला अमेरिका राष्ट्रपति के इस आदेश का उपयोग कर सकता है।

व्हाईट हाऊस के वरिष्ठ अधिकारियों ने दिये जानकारी के अनुसार, उन चीनी कंपनियों तथा उन लोगों पर प्रतिबंध डाले जायेंगे जिन्हें सायबर हमलों और जासूसी से फायदा हुआ है। उन्होंने आगे बताया कि, इस मामले पर जल्द फैसला लिया जायेगा और शायद दो हफ्तों के बीच प्रतिबंध लगाये जाने की संभावना भी है। अधिकारियों ने चेतावनी भी दी है कि, ये प्रतिबंध चीन के लिए सायबर हमलों के मामले में?बडा संदेश होगा और प्रतिबंधो द्वारा चीन को बताया जायेगा कि, अमेरिका सायबर हमलों के खिलाफ कडी कारवाई कर सकता है।

इस महीने में चीन के राष्ट्रपति झी जिनपिंग अमेरिका भेंट पर आ रहे है। इसके पहले प्रतिबंधो की बात छेडना महत्त्वपूर्ण और गंभीर संकेत माना जाता है। दो साल पहले भी चीन के राष्ट्रपति ने अमेरिका को भेंट दी थी। इस भेंट में अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा ने जिनपिंग के साथ हुई चर्चा में सायबरहमलों का मामला उठाया था। लेकिन इसके बावजूद, चीन द्वारा अमेरिका पर सायबर हमले हो रहे है। इसलिए अब निर्णायकी कारवाई का रूप में आर्थिक प्रतिबंधो की चेतावनी दी जा रही है।

अमेरिका स्थित कई सायबर सुरक्षा कंपनियों ने अपने रिपोर्ट में, देश पर होनेवाले सायबर हमलों के लिए चीन को ही जिम्मेदार ठहराया था। ‘एफबीआय’ तथा अन्य अमेरिकी एजन्सियों ने भी जासूसी के कई मामलों में चीन का हाथ होने के स्पष्ट सबूत दिये थे। अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री तथा राष्ट्रपति पद चुनाव की उम्मीदवार हिलरी क्लिंटन ने आरोप लगाया था कि, चीन अमेरिका की हर तरह की खुफिया जानकारी तथा राज हासिल करने की कोशिश कर रहा है।

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