तुर्की विद्रोह से जुड़े २० हज़ार गिरफ़्तार; अमरीका-तुर्की में तनाव बढ़ा

इस्तंबूल/वॉशिंग्टन, दि. १९ (वृत्तसंस्था) – तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने विद्रोहियों के खिलाफ कार्यवाही तीव्र करते हुए लगभग २० हज़ार लोगों को हिरासत में ले लिया है| इनमें सेना के ६००० जवान, ९००० पुलीस कर्मचारी, ३००० न्यायाधीश, ३० गवर्नर, १०० से भी अधिक जनरल और ऍडमिरल पद के अधिकारी और राजनीतिक अधिकारी तथा व्यापारी भी शामिल हैं|

turkey-erdogan- तुर्की

इस कार्यवाही से तुर्की में उथलपुथल मची है, वहीं एर्दोगन सरकार ने विद्रोहियों की सूचि पहले से ही बनाकर रखी थी, ऐसा आरोप युरोपीय महासंघ द्वारा किया गया है|

तुर्की की राजधानी अंकारा और इस्तंबूल से सबसे अधिक गिरफ़्तारियाँ की गई हैं| ६००० सेना के जवान और ८००० पुलिसकर्मियों की गिरफ़्तारी के बाद, तुर्की की सुरक्षा एजन्सियों में ही सरकार के खिलाफ नाराज़गी बढ़ी हुई नज़र आ रही है| इसका परिणाम तुर्की की अन्दरूनी सुरक्षा पर होने की संभावना जताई जा रही है| वहीं, विद्रोहियों की सहायता करने के आरोपों पर तुर्की वित्त मंत्रालय से जुड़े लगभग १५०० कर्मचारियों को भी सेवा से निकाला गया है| पिछले सप्ताह हुए विद्रोह का परिणाम तुर्की की वित्तव्यवस्था पर होने की चिंता जताई जा रही है| वहीं, एर्दोगन सरकार विद्रोह का फ़ायदा लेते हुए तुर्की पर अपनी पकड़ मजबूत कर रही है, ऐसा आरोप सीरियन मीड़िया से किया जा रहा है|

turkey-rebels1.jpgएर्दोगन सरकार ने विद्रोहियों के खिलाफ शुरू किए अभियान की युरोपीय महासंघ द्वारा आलोचना की जा रही है| महासंघ में तुर्की की सदस्यता के लिए कोशिश करनेवाले ‘जोहान्स हान’ ने ही एर्दोगन सरकार की हरकतों पर शंका जताई है| ‘शुक्रवार रात को किए गए हमले के बाद जितनी तत्परता से कार्यवाही की गई, उसे देखते हुए न्यायाधीश, राजनीतिक अधिकारी, व्यापारी इन सभी की सूचि पहले से ही तैयार थी, ऐसा प्रतीत होता है| तुर्की में अगर विद्रोह होता है, तो फिर सूचि में शामिल रहनेवाले लोगों को गिरफ़्तार किया जाये, ऐसी सूचना शायद पहले से दी गई हो, इस तरह से कार्यवाही शुरू है’ ऐसा आरोप जोहान्स द्वारा किया गया|

तुर्की की इस भूमिका पर अमरीका, नाटो और युरोपीय महासंघ द्वारा कड़ी चेतावनी दी गई| एर्दोगन सरकार विद्रोहियों पर कार्रवाई करते वक्त नियमों का आदर करें, साथ ही, लोकतंत्र के मूल्यों को अबाधित रखें, ऐसा आवाहन अमरिकी विदेशमंत्री जॉन केरी ने किया| तुर्की की हर कार्यवाही पर अमरीका और नाटो की बारिक़ी से नजर है| अगर तुर्की लोकतंत्र का अनादर करता है, तो फिर तुर्की को नाटो की सदस्यता से हटाया जाएगा, ऐसी चेतावनी अमरीका ने दी है| इससे पहले भी अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने तुर्की को फटकार लगाई थी|

turkey-rebelsअमरीका के साथ नाटो ने भी, तुर्की द्वारा विद्रोहियों के खिलाफ़ अपनायी गई भूमिका की आलोचना की| ‘ऐसे कठीन समय में नाटो तुर्की के साथ खड़ा है| लेकिन इस विद्रोह को कुचलने के लिए तुर्की द्वारा अमरिकी हवाईतल पर की गई कार्रवाई उचित नहीं थी| अगर तुर्की फिर से नाटो के सदस्य देश पर ऐसी कार्यवाही करेगा, तो फिर तुर्की को नाटो से निकाल बाहर कर दिया जाएगा, ऐसी चेतावनी नाटो के प्रमुख स्टोल्टनबर्ग ने दी| वहीं, युरोपीय महासंघ की वरिष्ठ विदेश सचिव फेड्रीका मोघेरिनी ने भी तुर्की को चेतावनी देते हुए, अगर एर्दोगन सरकार विद्रोहियों को फ़ाँसी देता है, तो फिर तुर्की के लिए महासंघ के दरवाज़े बंद हो जाएँगे, ऐसा धमकाया है|

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