इटली, स्पेन, ग्रीस, सायप्रस व माल्टा ने शरणार्थियों के मुद्दे पर यूरोपिय महासंघ को किया आगाह

 माल्टामाल्टो – यूरोपिय महासंघ के अन्य सहयोगी देशों ने शरणार्थियों का स्वीकार करने से इन्कार किया तो इनका ज़िम्मे हमपर धकेल नहीं सकते, ऐसी आलोचना दक्षिण यूरोप के ‘मेड ५’ सदस्य देशों ने की। माल्टा की राजधानी वैलेटा में ‘मेड ५’ देशों के वरिष्ठ मंत्रियों के परिषद का आयोजन हुआ। इस दो दिन के परिषद में मौजूद मंत्रियों ने उत्तर और पश्चिम यूरोप के देशों ने शरणाथियों पर अपनाई भूमिका पर तीव्र नाराज़गी व्यक्त की। इटली में हाल ही में हुई जहाज़ दुर्घटना की पृष्ठभूमि पर यूरोप के शरणार्थियों का मुद्दा फिर से चर्चा का विषय बना है। इस पृष्ठभूमि पर हुई यह बैठक ध्यान आकर्षित करती है।

पिछले हफ्ते में ही इटली के दक्षिणी हिस्से के कैलाब्रिआ प्रांत की जहाज़ दुर्घटना मे करीबन ७० शरणार्थियों की मौत हुई थी। इस हादसे के वक्त जहाज़ पर करीबन १२० से १५० शरणार्थी थे। इनमें पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, ईरान और सोमालिया के नागरिकों का समावेश था। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिआ मेलोनी ने इस हादसे पर तीव्र शोक व्यक्त करते हुए मानवी तस्करी कर रहे गिरोह ऐसी दुखद घटनाओं के लिए ज़िम्मेदार होने पर ध्यान आकर्षित किया था। साल २०२२ में भूमध्य समुद्री क्षेत्र में करीबन डेढ़ हज़ार शरणार्थियों की जहाज़ दुर्घटना में मौत हुई थी। 

इस पृष्ठभूमि पर ‘मेड ५’ देशों की इस बैठक में अन्य यूरोपिय देशों को लेकर व्यक्त की गई नाराज़गी अहमियत रखती हैं। साल २०२१ में शरणार्थियों की अवैध घुसपैठ का मुद्दा आक्रामकता से उठाने के लिए दक्षिण यूरोप के पांच देशों ने स्वतंत्र गूट स्थापित किया था। शुक्रवार और शनिवार के दो दिन हुई इस बैठक में इटली, ग्रीस, स्पेन, सायप्रस और माल्टा के मंत्री और अधिकारी उपस्थित थे। इन सभी देशों ने शरणार्थियों की अवैध घुसपैठ पर तीव्र चिंता जताकर यूरोप के अन्य देशों ने शरणार्थियों के मुद्दे पर अपनाई भूमिका को लेकर नाराज़गी जताई। 

शरणार्थियों के सबसे अधिक झुंड़ों का सामना कर रहे देश इसके आगे अधिक ज़िम्मेदारी नहीं उठाएंगे और ना ही ऐसे निर्णय स्वीकारेंगे। यूरोप के अन्य देशों ने शरणार्थियों का उचित मात्रा में स्वीकार किए बिना हमें ज़िम्मेदारी के पाठ ना दे, ऐसा इशारा ग्रीस के माइग्रेशन मिनिस्टर नोतिस मितारांची ने दिया। स्पेन के मंत्री ने ऐसी आलोचना की है कि, अन्य देशों ने शरणार्थियों को स्वीकार ने की प्रक्रिया काफी धीमी और बड़ी मुश्किल की है। महासंघ की सीमा सुरक्षा यंत्रणा ‘फ्रंटेक्स’ ने अपनी कार्यपद्धती में सुधार करने की ज़रूरत होने की मांग भी दक्षिण यूरोपिय देशों ने की है।

ग्रीस, इटली और स्पेन जैसे देशों में अवैध शरणार्थियों के प्रचंड़ झुंड़ फिर से पहुंचना शुरू हुआ हैं। साल २०२२ में सिर्फ भूमध्य समुद्री मार्ग से लगभग १.६० लाख से भी अधिक शरणार्थियों ने दक्षिण यूरोपिय देशों में प्रवेश किया था। साल २०२१ की तुलना में शरणार्थियों की संख्या कुल ३० प्रतिशत बढ़ी थी। इस वर्ष भी यह स्थिति कायम हैं और अवैध शरणार्थी भारी मात्रा में पहुंच रहे हैं। इस वजह से यूरोप के शरणार्थियों का मुद्दा फिर से चर्चा का विषय बन रहा हैं और साथ ही महासंघ में बने मतभेद भी बड़ी स्पष्टता से सामने आते दिख रहे हैं।

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