बेलारूस शरणार्थियों को ‘लिविंग वेपन’ की तरह इस्तेमाल कर रहा है – पोलैण्ड का आरोप

वॉर्सा/मिन्स्क – ऑलिम्पिक स्पर्धक को आश्रय देने का प्रतिशोध लेने के लिए बेलारूस शरणार्थियों को जीवित हथियार की तरह इस्तेमाल करके उन्हें पोलैण्ड में घुसा रहा है, ऐसा सनसनीखेज़ आरोप पोलैण्ड ने लगाया है। शरणार्थियों के माध्यम से बेलारूस यूरोपिय महासंघ के खिलाफ ‘हायब्रिड वॉर’ कर रहा है, यह इशारा भी पोलैण्ड ने इस दौरान दिया। पोलैण्ड से पहले लिथुआनिया ने भी बेलारूस के खिलाफ शरणार्थियों की घुसपैठ पर गंभीर आरोप लगाए थे। पोलैण्ड और लिथुआनिया ने इस मुद्दे पर संयुक्त निवेदन जारी किया है और यूरोपिय महासंघ इस पर पुख्ता कार्रवाई करें, यह माँग भी आग्रह के साथ रखी है।

‘लिविंग वेपन’टोकियो ऑलिम्पिक में उतरी बेलारूस की महिला एथलीट क्रिस्तसिना त्सिमानोस्काया ने कुछ दिन पहले ही पोलैण्ड के दूतावास में प्रवेश करके सनसनी निर्माण की थी। इस घटना के बाद पोलैण्ड की सरकार ने क्रिस्तसिना को मानवीय भूमिका से आश्रय देने का निर्णय किया था। इस घटना पर बेलारूस ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ की थी। इस घटना के बाद बेलारूस-पोलैण्ड की सीमा पर पहुँच रहें शरणार्थियों के झुड़ों की संख्या बढ़ना शुरू हुआ, यह दावा पोलैण्ड ने किया हैं।

एथलीट को आश्रय देने के दो दिन बाद ही बेलारूस की सीमा पर कुल १३३ शरणार्थियों ने पोलैण्ड में घुसपैठ करने की कोशिश की। बीते वर्ष से इस सीमा से मात्र १२२ शरणार्थी दाखिल हुए थे। यह बात ध्यान में रखकर बीते दो दिनों में १३३ शरणार्थियों का पहुँचना गंभीर बात साबित होने की ओर पोलैण्ड ने ध्यान आकर्षित किया है। ‘अवैध शरणार्थियों के माध्यम से बेलारूस की हुकूमत यूरोपिय महासंघ के खिलाफ ‘हायब्रिड वॉर’ लड़ रही है। बेलारूस से दाखिल हो रहे शरणार्थियों में छोटे बच्चे, महिलाएं और युवकों का भी समावेश है। बेलारूस इन शरणार्थियों को जीवित हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है’, ऐसा तीखा आरोप पोलैण्ड के अंदरुनि सुरक्षा उपमंत्री मैसिज वासिक ने लगाया।

‘लिविंग वेपन’

पोलैण्ड और लिथुआनिया की सरकार ने इस मुद्दे पर संयुक्त निवेदन भी जारी किया है। ‘बेलारूस की लुकाशेन्को हुकूमत अवैध शरणार्थियों को हथियारों की तरह इस्तेमाल कर रही हैं। इसके पीछे यूरोपिय महासंघ और सदस्य देशों पर राजनीतिक दबाव ड़ालने की मंशा है’, यह इशारा इस संयुक्त निवेदन में दिया गया है। साथ ही यूरोपिय महासंघ इस मुद्दे पर तुरंत बैठक बुलाए और कार्रवाई करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाएँ, यह माँग भी दोनों देशों ने की है।

यूरोपिय महासंघ ने बेलारूस पर लगाए प्रतिबंधों को प्रत्युत्तर देने के लिए शरणार्थियों के झुंड़ों का इस्तेमाल किया जा रहा हैं, यह दावा लिथुआनिया ने किया हैं। रशिया और बेलारूस साज़िश के तहत शरणार्थियों की तस्करी कर रहे गुनाहगारों के गुटों की सहायता कर रहे हैं, यह आरोप भी लगाया गया है। शरणार्थियों के इन झुंड़ों को रोकने के लिए लिथुआनिया ने सीमा पर नई बाड़ का निर्माण करना शुरू किया है और अतिरिक्त सुरक्षा बल की भी तैनाती की है।

महासंघ के प्रमुख सदस्य देश ऑस्ट्रिया ने भी बीते महीने इसी मुद्दे पर महासंघ का ध्यान आकर्षित किया था। ‘बेलारूस जैसे देश शरणार्थियों का इस्तेमाल यूरोपिय महासंघ के खिलाफ हथियार की तरह करने की मंशा रखते हैं। महासंघ ने इस बात का अहसास करके आगे कदम उठाने होंगे। महासंघ और यूरोपिय कमिशन को इस मुद्दे पर जागृत होने की ज़रूरत है। महासंघ और संबंधित यंत्रणाओं ने आर्थिक, राजनीतिक या व्यापारी स्तर पर जो कार्रवाई मुमकिन है, इसे करने के लिए गतिविधियाँ शुरू करनी पड़ेंगी’, यह माँग ऑस्ट्रिया के विदेशमंत्री अलेक्झांक्जांडर शॉलनबर्ग ने की थी।

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