अमरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिए खर्चे में कटौती का एक ही इलाज – अमरिकी निवेशक और विश्लेषक जिम रॉजर्स

वॉशिंग्टन – अमरिकी अर्थव्यवस्था की संभावित मंदी से बचना हैं तो बायडेन प्रशासन ने खर्चे में भारी कटौती करना ही एकमात्र मार्ग है, ऐसी सलाह अमरिकी निवेशक और विश्लेषक जिम रॉजर्स ने दी। लेकिन, बायडेन प्रशासन इसके लिए कभी भी तैयार नहीं होगा, ऐसी फटकार भी रॉजर्स ने लगाई। इस बार उन्होंने अमरीका-चीन व्यापार युद्ध की तीव्रता अधिक बढ़ने के संकेत देकर यह वास्तविक संघर्ष में तब्दिल होने की संभावना होने की चेतावनी भी दी। 

अमरीका में फिलहाल कर्ज मर्यादा का मुद्दा चर्चा का विषय बना है और इससे अमरीका के सियासी दायरे में जोरदार संघर्ष शुरू हुआ है। रिपब्लिकन पार्टी ने मर्यादा बढ़ाने के लिए हामी भरी है, फिर भी इसके लिए खर्चे में कटौती करने की शर्त रखी है। ऐसे में राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन और डेमोक्रैट पार्टी ने किसी भी तरह से खर्चे में कटौती ना करने का अड़ियल रवैया अपनाया है। पिछले महीने अमरिकी संसद के प्रतिनिधि सदन ने सरकार उठा रहे कर्जे की मर्यादा बढ़ाने का विधेयक पारित किया था। 

‘लिमिट, सेव्ह, ग्रो एक्ट’ नामक इस विधेयक में बायडेन प्रशासन के खर्चे में भारी कटौती की गई है। बायडेन प्रशासन ने खर्चे का स्तर कम करके वर्ष २०२२ उतना करना होगा, ऐसा प्रावधान में विधेयक में किया गया है। बायडेन प्रशासन का कुल खर्च ४.५ ट्रिलियन डॉलर्स कम किया गया है। इसमें छात्रों का कर्ज कम करने की योजना, स्वास्थ्य बीमा के लिए हो रही लागत, ऊर्जा क्षेत्र के लिए प्रदान कर सहुलियत और ‘आईआएस’ विभाग का निधी कम करने के प्रावधान है। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के साथ शासक डेमोक्रैट पार्टी ने यह विधेयक ठुकराया है और दोनों पक्षों में चर्चा के दौर शुरू हुए हैं। 

दूसरी ओर अमरिकी कोषागार का निधी जून महीने में खत्म होने की संभावना है, ऐसी चेतावनी वित्त मंत्री जैनेट येलेन ने दी है। तब तक कर्ज मर्यादा बढ़ाई नहीं गई तो अमरिकी अर्थव्यवस्था पर काफी खतरनाक संकट टूटेगा, यह ड़र भी येलेन ने जताया है। अमरीका के आर्थिक विशेषज्ञ एवं विश्लेषकों ने भी यदि कर्ज मर्यादा बढ़ाई नहीं तो आर्थिक मंदी के साथ अन्य कई संकटों का सामना करना होगा, ऐसी चेतावनी दी है। जिम रॉजर्स की सलाह भी इसी का हिसास बनती है।

‘बायडेन प्रशासन को पैसा खर्चना पसंत हैं। यह पैसा उनका ना भी हो फिर भी भारी मात्रा में वह जाया कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में मंदी के संकट से बचना हैं तो खर्च और करों में भारी कटौती करनी होगी। लेकिन, बायडेन प्रशासन ऐसा नहीं करेगा’, इन शब्दों में उन्होंने अमरिकी हुकूमत की आलोचना की। अमरीका लगातार छांप रहे डॉलर्स को लेकर भी उन्होंने नाराज़गी जताई। ‘जब कोई देश लगातार बड़ी मात्रा में करन्सी की छपाई शुरू रखता हैं तब महंगाई बढ़ती है और मुद्रा का मूल्य कम होता है। इतिहास ने यह बार बार दर्शाया है’, इसपर भी रॉजर्स ने ध्यान आकर्षित किया।

अमरिकी संसद ने इससे पहले दिसंबर २०२१ में ३१.४ ट्रिलियन डॉलर्स कर्ज मर्यादा निर्धारित की थी। १९ जनवरी, २०२३ के दिन संसद ने निर्धारित की हुई कर्ज मर्यादा पार हुई है। इसके बाद कोषागार विभाग ने ‘एक्स्ट्राऑर्डिनरी मेजर्स’ लागू किए गए हैं।

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