बायडेन प्रशासन युक्रेन स्थित जैविक प्रयोगशालाओं का सच ना छिपाएँ – अमरीका की पूर्व काँग्रेस सदस्या तुलसी गबार्ड

वॉशिंग्टन – ‘युक्रेन में अमरीका के पैसों पर चलनेवालीं 25 से अधिक जैविक प्रयोगशालाएँ हैं। बायडेन प्रशासन को इस सच को छिपाने की कोई ज़रूरत नहीं है। उल्टे बायडेन प्रशासन रशिया, युक्रेन, नाटो और संयुक्त राष्ट्र संगठन की मदद से फौरन इन सभी जैविक प्रयोगशालाओं के पास संघर्ष बंदी लागू करें और जानलेवा वायरसों को नष्ट करें’, ऐसा आवाहन अमेरिकन काँग्रेस की पूर्व सदस्या तुलसी गबार्ड ने किया। इससे रशिया के इस आरोप को मज़बूती प्राप्त हुई है कि अमरीका युक्रेन में जैविक प्रयोगशालाएँ चला रही है।

बायडेन प्रशासन युक्रेन स्थित जैविक प्रयोगशालाओं का सच ना छिपाएँ - अमरीका की पूर्व काँग्रेस सदस्या तुलसी गबार्डराष्ट्राध्यक्षपद की पूर्व उम्मीदवार और काँग्रेस की पूर्व सदस्या तुलसी गबार्ड ने दो दिन पहले सोशल मीडिया पर जारी किए वीडियो में युक्रेन स्थित जैविक प्रयोगशालाओं का मुद्दा उपस्थित किया। ‘युक्रेन में अमेरिका की निधि पर चलाई जानेवालीं 25 से 30 जैविक प्रयोगशालाए हैं। अमरिकी सरकार की जानकारी के अनुसार, इन जैविक प्रयोगशालाओं में खतरनाक वायरसों पर संशोधन जारी है। युक्रेन यह फिलहाल संघर्ष में फँसा होकर, इस देश में कई स्थानों पर हवाई हमले, तोपों तथा मोर्टर्स के हमले शुरु हैं’, इसका एहसास गबार्ड ने करा दिया।

‘रशिया-युक्रेन संघर्ष में इन प्रयोगशालाओं को नुकसान ना पहुँचें अथवा वे गलत हाथों में ना जाएँ, क्योंकि यहाँ के वायरस खुले में उत्सर्जित किए जा सकते हैं। कोरोना की तरह ये वायरस भी देश की सीमाएँ नहीं जानते। अगर ऐसे ये वायरस अनजाने में अथवा जानबूझकर बाहर छोड़ दिए, तो युरोप, अमरीका समेत दुनिया भर में फैलेंगे और उससे कल्पना भी नहीं की जा सकती, ऐसी बीमारियाँ निर्माण होंगी और कइयों की मृत्यु होगी’, ऐसी चेतावनी गबार्ड ने दी।

‘ इस कारण अमेरिकन जनता, युरोप और दुनिया भर के नागरिकों की सुरक्षा के लिए बायडेन प्रशासन युक्रेन स्थित यह जैविक प्रयोगशालाएँ फौरन बंद करें और यहाँ के वायरस नष्ट करें’, ऐसी माँग गबार्ड ने अपने वीडियो में की। इतना ही नहीं बल्कि अमरीका की निधि की सहायता से दुनियाभर में लगभग 300 से अधिक प्रयोगशालाओं में खतरनाक वायरसों पर काम शुरू होने का दावा गबार्ड ने किया। बायडेन प्रशासन युक्रेन स्थित जैविक प्रयोगशालाओं का सच ना छिपाएँ - अमरीका की पूर्व काँग्रेस सदस्या तुलसी गबार्डअमेरिकन सीनेट के वरिष्ठ सदस्य मिट रूम्नी ने, गबार्ड के इन आरोपों पर ऐतराज़ जताया। साथ ही, गबार्ड बायडेन प्रशासन पर बेबुनियाद आरोप कर रहीं होने का पलटवार रूम्नी ने किया।

तुलसी गबार्ड यह अमरीका की सत्ताधारी डेमोक्रॅट पार्टी की ही पूर्व सदस्या हैं। इस कारण गबार्ड के इन आरोपों को बहुत ही गंभीरतापूर्वक लिया जा रहा है। अमरीका के विपक्ष रिपब्लिकन के नेता भी यह दोषारोपण कर रहे हैं कि बायडेन प्रशासन युक्रेन स्थित जैविक प्रयोगशालाओं की सुरक्षा के बारे में कुछ भी नहीं कर रहा है। वहीं, कुछ साल पहले तक युक्रेन का ही भाग होने वाले क्रीमिया के संसदीय नेताओं ने अमरीका पर बड़ा आरोप किया। रशिया ने क्रीमिया पर कब्ज़ा करने से पहले अमरीका ने क्रीमिया के सिमफेरोपोल में जैविक प्रयोगशाला का निर्माण करने की कोशिश की थी, ऐसा दोषारोपण क्रीमियन नेता ने किया। रशिया ने क्रीमिया पर कब्ज़ा करने के कारण अमरीका की साज़िश नाकाम हुई, ऐसा दावा इस नेता ने किया।

इसी बीच, युक्रेन स्थित जैविक प्रयोगशालाओं के बारे में रशिया ने किए आरोप अमरीका ने ठुकराया है। उल्टे रशिया ही युक्रेन में रासायनिक हमला कराने की तैयारी में है, सा प्रत्यारोप अमरीका ने किया।

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