‘फेडरल रिज़र्व’ ने ब्याजदर बढ़ाने के बाद, अमरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी से नुकसान पहुँचने की संभावना बढ़ी – आर्थिक विशेषज्ञ एवं विश्‍लेषकों का दावा

वॉशिंग्टन – फेडरल रिज़र्व ने किए ऐतिहासिक ब्याजदर बढ़ोतरी की पृष्ठभूमि पर, अमरिकी अर्थव्यवस्था मंदी के फेरे में जाने की संभावना अधिक बढ़ी हैं। अमरिकी माध्यमों में जारी हुए एक सर्वेक्षण में ७० प्रतिशत आर्थिक विशेषज्ञों ने यह अनुमान व्यक्त किया है कि अगले १२ से १८ महीनों में अमरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी से नुकसान पहुँचेगा। इसके अलावा ‘मॉर्गन स्टैन्ले’, ‘वेल्स फार्गो’ जैसीं प्रमुख वित्तसंस्थाओं एवं ‘ब्लूमबर्ग इकॉनॉमिक्स’ ने भी, करीबी दिनों में मंदी से नुकसान पहुँचने का अनुमान व्यक्त किया है। लेकिन, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने, अर्थव्यवस्था को मंदी का खतरा ना होने का बयान किया है।

‘फेडरल रिज़र्व’बुधवार को अमरीका के फेडरल रिज़र्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने ०.७५ प्रतिशत ब्याजदर बढ़ोतरी का ऐलान किया था। अमरीका में बढ़ी महंगाई कम करने के लिए यह कदम उठाने का बयान पॉवेल ने किया था। लेकिन, महंगाई काबू में करने की प्रक्रिया के दौरान, अमरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। फेड की ब्याजदर बढ़ोतरी के बाद अमरीका के शेअर बाज़ारों की ज़ोरदार गिरावट हुई है। इस वजह से निवेशकों के साथ उद्योगक्षेत्र में भी चिंता का माहौल बना है और मंदी का ड़र बढ़ने लगा है।

‘फेडरल रिज़र्व’अमरीका के प्रमुख माध्यमों ने इस विषय पर किए सर्वेक्षण के नतीज़े भी सामने आए हैं और इसमें ७० प्रतिशत आर्थिक विशेषज्ञों ने यह अनुमान व्यक्त किया है कि अगले छह महीनों में या साल २०२३ के अन्त तक अमरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी से नुकसान पहुँचेगा। ब्याजदर बढ़ोतरी की वजह से अमरिकी गृह क्षेत्र को बड़ा नुकसान पहुँचेगा और अन्य उत्पादनों की माँग भी कम होगी, ऐसा दावा विश्‍लेषक एवं विशेषज्ञों ने किया हैं। इससे पहले साल २००८-०९ में उभरी मंदी के लिए गृहनिर्माण क्षेत्र का संकट ही ज़िम्मेदार साबित हुआ था, इस ओर भी विश्‍लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया है।

अमरिकी वित्तसंस्थाएँ एवं ‘ब्लूमबर्ग इकॉनॉमिक्स’ जैसें गुट भी लगातार मंदी की संभावना बढ़ने का अहसास दे रहे हैं। लेकिन, आर्थिक विशेषज्ञ, विश्‍लेषक, वित्तसंस्था मंदी की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं और इस दौरान राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने फिर भी अलग ही सुर अलापा है। गुरुवार को दिए साक्षात्कार के दौरान राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने यह बयान किया कि अर्थव्यवस्था मंदी मे जाने की संभावना नहीं है। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के इस बयान के कारण राजनीतिक एवं आर्थिक दायरे में आश्‍चर्य व्यक्त किया जा रहा हैं। लेकिन, बायडेन ने पहले भी अहम मुद्दों पर वास्तवता का एहसास ना होनेवाले बयान किए थे, इस ओर विश्‍लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया।

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