बायडेन ने पाकिस्तान के विरोध में किए बयान पर अमरीका के विदेश मंत्रालय द्वारा स्थिति को संभालने की कोशिश

वॉशिंग्टन –  अपने परमाणु हथियारों पर नियंत्रण ना रखनेवाला पाकिस्तान विश्‍व का सबसे घातक देश घोषित करके अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने सनसनी निर्माण की थी। लेकिन, इसके कुछ ही दिन बाद अमरिकी विदेश मंत्रालय ने यह खुलासा किया कि, पाकिस्तान अपने परमाणु अस्त्र की सुरक्षा केलिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही अमरीका के व्हाईट हाऊस ने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने पाकिस्तान पर किए बयानों की पुष्टी करके इसपर ज्यादा कुछ कहने जैसा ना होने की प्रतिक्रिया बयान की है। इस वजह से राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने किए बयानों का अमरीका की नीति पर कुछ भी प्रभाव ना होने की बात स्पष्ट दिख रही है।

विदेश मंत्रालययूक्रेन का युद्ध, उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण और परमाणु अस्त्रों के परीक्षण करने की धमकी, ताइवान के खिलाफ चीन की जारी उकसानेवाली हरकतों का मुद्दा चर्चा में होने की स्थिति में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। परमाणु अस्त्रों पर नियंत्रण ना रखनेवाला पाकिस्तान विश्‍व के घातक देशों में से एक होने का बयान राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने किया था। साथ ही पाकिस्तान के परमाणु हथियार गलत हाथों में जा सकते हैं, इसपर भी बायडेन ने गंभीर चिंता जताई। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के अधिकृत निवास स्थान व्हाईट हाऊस के माध्यम सचिव केरिन जीन-पेरी ने वार्तापरिषद में बायडेन ने जताई चिंता की पुष्टी की। राष्ट्राध्यक्ष ने किए बायनों से अधिक कुछ बोलने की ज़रूरत नहीं, इसमें अधिक नया कुछ ना होने का दावा जीन-पेरी ने वार्तापरिषद में किया।

अमरीका ने पहले भी पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर चिंता व्यक्त की थी। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने इससे अलग कुछ भी कहा नहीं हैं, ऐसें संकेत देने की कोशिश जीन पेरी ने दिए होने की बात कही जा रही है। लेकिन, अमरीका के विदेश मंत्रालय ने इसपर अलग भूमिका अपनाई हैं। पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं, ऐसा अमरिकी विदेश मंत्रालय के उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा। साथ ही पाकिस्तान अपने परमाणु अस्त्रों की सुरक्षा करने की क्षमता रखता हैं, यह विश्‍वास भी पटेल ने व्यक्त किया। इसके साथ ही अमरीका के हितसंबंधों के लिए पाकिस्तान काफी अहम देश हैं और पाकिस्तान के सहयोग अमरीका अहमियत देती रहेगी, ऐसा कह कर पटेल ने राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने किए बयान के बिल्कुल ही विरोधी भूमिका रखी।

राष्ट्राध्यक्ष बायडेन अपने भाषणों से कर रहें बयान और उनके प्रशासन की गतिविधियों का मेल नहीं हैं, ऐसी आलोचना लगातार हो रही हैं। को लेकर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन और उनके प्रशासन की नीति इस आलोचना की पुष्टी करनेवाली बात साबित होती है। एक ओर पाकिस्तान को सबसे घातक देश बता रहें राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के प्रशासन ने कुछ दिन पहलें पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू ‘एफ-१६’ विमानों के लिए ४५ करोड़ डॉलर्स का पैकेज घोषित किया था। यह सहाता आतंकवाद विरोधी कार्रवाईयों के लिए हैं, ऐसा दावा अमरिकी विदेशमंत्री ने किया था। ऐसें हास्यकारी खुलासे देकर अमरीका भारत को मर्ख नहीं बना सकती, ऐसें सख्त शब्दों में भारत के विदेशमंत्री जयशंकर ने अमरीका की मंशा पर ही सवाल किए थे।

इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने पाकिस्तान विरोधी बयान करके भारत को आश्‍वस्त किया हो, ऐसी संभावना भी जताई जा रही हैं। लेकिन, बायडेन प्रशासन पर अब उतना भरोसा नहीं रहा, ऐसें स्पष्ट संकेत भारत ने दिए हैं। इसी वजह से पाकिस्तान के विरोध में खोखलें बयान करके भारत का संतोष नहीं होगा, इसका अहसास अबतक बायडेन प्रशासन को हुआ होगा। इसी की छबि अमरिकी विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया में दिख रही हैं।

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