अगले वर्ष अमरीका एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी से नुकसान होगा – ‘जेपी मॉर्गन’ के प्रमुख जेमी डिमोन की चेतावनी

‘जेपी मॉर्गन’वॉशिंग्टन – महंगाई में उछाल, बढ़ते ब्याजदर एवं रशिया-यूक्रेन युद्ध का अर्थव्यवस्था पर भारी असर हो रहा है और अगले छह से नौं महीनों में अमरीका के अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी मंदी से नुकसान होगा, ऐसी चेतावनी ‘जेपी मॉर्गन’ के प्रमुख जेमी डिमॉन ने दी। डिमॉन पिछले कुछ समय से लगातार अमरीका में मंदी के आसार का अहसास करा रहे हैं। इस बार उन्होंने अमरीका के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था भी मंदी की चपेट में होने का अनुमान व्यक्त करके ध्यान आकर्षित किया है।

‘असल में फिलहाल अमरीका की अर्थव्यवस्था ठीकठाक प्रदर्शन कर रही है। लेकिन, अर्थव्यवस्था पर बोलते समय भविष्य का विचार करना आवश्यक होता है। बढ़ती महंगाई, उम्मीद से अधिक बढ़े ब्याजदर, आर्थिक नीति में बदलाव और रशिया-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव खतरे की घंटी बजानेवाले मुद्दे हैं। यह काफी गंभीर मुद्दे हैं और यह अमरीका के अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी मंदी की ओर ले जानेवाले साबित होंगे। अगले छह से नौं महीनों में हमें मंदी का सामना करना पडेगा। यूरोपिय अर्थव्यवस्था पहले से ही मंदी का सामना कर रही है’, ऐसी चेतावनी डिमॉन ने दी।

‘जेपी मॉर्गन’अमरीका की सबसे बड़ी बैंक ‘जेपी मॉर्गन चेस’ के प्रमुख ने इस बार ‘फेडरल रिज़र्व ’ की आलोचना की। अमरीका की सेंट्रल बैंक ने महंगाई के खिलाफ काफी देर से कदम उठाए, ऐसा आरोप डिमोन ने लगाया। अब वह तेज़ गति से ब्याजदर बढ़ा रही है और उम्मीद है कि उन्हें महंगाई पर काबू पाने में सफलता हासिल होगा और इससे अर्थव्यवस्था को काफी सौम्य झटका लगेगा, यह भी उन्होंने कहा। अनुमान लगाना कठीन है लेकिन, अमरिकी जनता तैयार रहे, यह चेतावनी भी डिमोन ने दी।

‘जेपी मॉर्गन’पिछले कुछ हफ्तों से अंतरराष्ट्रीय वित्तसंस्था, आर्थिक विशेषज्ञ एवं विश्लेषक लगातार मंदी की संभावना पर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष एवं वर्ल्ड बैंक की सोमवार को संयुक्त बैठक में यह स्पष्ट इशारा दिया कि, सन २०२३ में विश्व को मंदी की वजह से नुकसान पहुँचेगा। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र संगठन की रपट में यह चेतावनी दी गई थी कि, यह मंदी सन २००७ से अधिक खराब होगी। डिमोन के बयान ने इसका समर्थन किया है।

कोरोना की महामारी के दौर में विश्व की कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा था। इस साल की शुरूआत में महामारी की तीव्रता कम होने से अर्थव्यवस्था फिर से प्रगति की राह पर होगी, ऐसे अनुमान लगाए गए थे। लेकिन, रशिया-यूक्रेन युद्ध ने सभी आर्थिक गणित बदल दिए और वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ी उथल-पुथल हो रही है। इसी बीच वैश्विक चेन में उभरी बाधाएँ और चीन की ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था को लगातार नुकसान पहुँच रहा है। विश्व के प्रमुख देशों के विकास दर में लगातार गिरावट आ रही है। लेकिन, अमरीका जैसे देश मंदी को स्वीकारने से इन्कार कर रहे हैं। लेकिन, ऐसी नीति से स्थिति में बदलाव नहीं आएगा, यही संकेत डिमोन के बयान से प्राप्त हो रहे हैं।

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