रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरिकी अर्थव्यवस्था की डेढ़ प्रतिशत गिरावट

अमरिकी अर्थव्यवस्थावॉशिंग्टन – रशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर बढ़ रही महंगाई, सरकारी खर्चे में कमी और व्यापारी घाटे की बढ़ोतरी की वजह से अमरिकी अर्थव्यवस्था में कुल डेढ़ प्रतिशत गिरावट आई है। साल २०२१ की अंतिम तीमाही के दौरान अर्थव्यवस्था की ६.९ प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज़ हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर अर्थव्यवस्था की यह गिरावट काफी चौंकानेवाली साबित हुई है। हाल ही के दिनों में अमरिकी शेअर बाज़ार को भी बड़ा नुकसान पहुँचा था। शेअर बाज़ार की गिरावट, बढ़ती महंगाई और जीडीपी की गिरावट की वजह से करीबी दिनों में अमरिकी अर्थव्यवस्था मंदी से घिर जाएगी, ऐसे संकेत विश्लेषकों ने दिए हैं।

अमरीका के ‘ब्युरो ऑफ इकॉनॉमिक एनालिसिस’ ने गुरूवार को अमरिकी अर्थव्यवस्था से संबंधित रपट जारी की। इसमें साल २०२२ के जनवरी से मार्च की तीमाहि में विकास दर की डेढ़ प्रतिशत गिरावट होने की बात कही गयी। इस गिरावट के पीछे महंगाई, सरकारी खर्चे में कमी, निजी क्षेत्र ने निवेश करने के साथ-साथ बढ़ता हुआ व्यापारी घाटा ज़िम्मेदार होने की बात ‘ब्युरो ऑफ एनालिसिस’ ने स्पष्ट की।

अमरिकी अर्थव्यवस्थाजनवरी से मार्च के दौरान अमरीका का आयात निर्यात से अधिक रहा। इस वजह से अमरीका का व्यापारी घाटा विक्रमी स्तर पर पहुँचा है। इस घाटे की वजह से विकास दर को तीन प्रतिशत से अधिक नुकसान पहुँचा है, ऐसा इस रपट में कहा गया है। अमरीका का आयात बढ़ा है, फिर भी बड़े उद्योगों के सामान का भंड़ारण करने की प्रक्रिया धीमी हुई है। इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा है, ऐसा ‘ब्युरो ऑफ इकॉनॉमिक एनालिसिस’ ने दर्ज़ किया है।

अमरिकी अर्थव्यवस्थारशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर अमरीका की महंगाई पहले ही विक्रमी उछाल पर है। अप्रैल में भी महंगाई निदेशांक आठ प्रतिशत से अधिक दर्ज़ हुआ। रशिया-यूक्रेन युद्ध और चीन में कोरोना के विस्फोट की वजह से अमरिकी उद्योगक्षेत्र को नुकसान पहुँच रहा है। वैश्विक सप्लाई चेन बाधित होने का असर अमरिकी कंपनियों पर पड रहा है। कोरोना का दायरा कम होने के साथ ही सरकारी खर्च भी कम हुआ है। यह मुद्दा भी जीडीपी पर असर करनेवाला है, यह कहा जा रहा है। अमरिकी अर्थव्यवस्था की यह गिरावट साल २०२० के बाद पहली ही गिरावट है।

कुछ दिन पहले अमरीका के फेडरल रिज़र्व्ह के पूर्व प्रमुख बेन बर्नांके ने अमरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी का खतरा होने का इशारा दिया था। देश में महंगाई का जोरदार विस्फोट हुआ है और बेरोज़गारी की मात्रा भी बढ़ती जा रही है और यह स्थिति अगले एक-दो साल कायम रह सकती है, ऐसा कहकर बर्नांके ने अमरिकी अर्थव्यवस्था की गिरावट पर ध्यान आकर्षित किया था। बर्नांके से पहले ‘गोल्डमन सैक्स’ के प्रमुख लॉईड ब्लैंकफेन, फैनी माए और ‘बैंक ऑफ अमरीका’ जैसी वित्तसंस्थाओं ने भी मंदी के इशारे दिए हैं।

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