रेड सी में हौथी विद्रोहियों की जारी गतिविधियों से चीन को फायदा – चीन के सैन्य विश्लेषकों का दावा

बीजिंग/तेल अवीव – गाजा पट्टी में हमास के टनेल नेटवर्क में इस्रायली सेना ने चीन के बनाए हथियारों का बड़ा भंड़ार बरामद करने की जानकारी सामने आ रही है। हमास के आतंकवादियों ने इस्रायल पर हमले करने के लिए इन हथियारों का इस्तेमाल करने का दावा भी किया जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर येमन के हौथी विद्रोहियों ने ‘रेड सी’ में व्यापारिक जहाजों की यातायात रोक कर अमेरिका के समुद्री वर्चस्व को चुनौती देकर चीन को फायदा पहुंचाने की बात दिख रही है। हौथी के इन हमलों के कारण समुद्री यातायात से अधिक चीन के प्रस्तावित यूरोप को जोड़नेवाला ‘बेल्ट ॲण्ड रोड इनिशिएटिव’ (बीआरआई) एक सुरक्षित विकल्प होने की बात साबित करने में चीन कामयाब होने लगा है। इस वजह से हौथी के जारी यह हमले चीन के लिए फायदा पहुंचाने वाले साबित हुए हैं, ऐसा दावा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े युनिवर्सिटी के सैन्य विश्लेषक ने किया है।

हमास के आतंकवादियों ने ७ अक्टूबर को इस्रायल में घुसकर किए भीषण हत्याकांड़ पर विश्व के प्रमुख और ज़िम्मेदार देशों ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की है। लेकिन, तब चीन ने इस मुद्दे पर कोई भी बयान करना टाल दिया था। रेड सी में हौथी विद्रोहियों की जारी गतिविधियों से चीन को फायदा - चीन के सैन्य विश्लेषकों का दावाहमास की पूरे विश्व में आलोचना हो रही थी तब भी चीन ने इस मामले को लेकर चुप्पी बनाई थी। लेकिन, इस्रायल ने हमास के विरोध में सैन्य कार्रवाई शुरू करने के बाद चीन ने इसकी नींदा की थी। इस्रायल मानव अधिकारों का उल्लंघन कर रहा हैं, यह आरोप भी चीन ने लगाया था। उसी दौरान हमास के आतंकवादियों ने इस्रायल पर हमले करने के लिए चीनी हथियार इस्तेमाल करने के फोटो इस्रायल के सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हुए थे। इसके बाद हमास ने ईरान की सहायता से चीनी हथियारों की तस्करी करने की संभावना भी जताई गई थी।

‘चैनल १२’ नामक इस्रायली समाचार चैनल ने सैन्य अधिकारी के दाखिले से जारी की हुई खबर में यह कहा था कि, गाजा पट्टी में पाए गए हमास के टनेल में चीनी हथियारों का बड़ा भंड़ार बरामद हुआ है। इन चीनी हथियारों की तस्करी नहीं की गई है, बल्कि इन्हें ठिक तरिके से प्रदान किया गया होगा, यह दावा इस समाचार चैनल ने किया है। किसी दूसरें देश के माध्यम से इन चीनी हथियारों का भंड़ार गाजा की हमास के आतंकवादियों तक पहुंचाया गया होगा, ऐसी संभावना भी जताई जा रही हैं। इससे पहले इस्रायल पर हमले करने की योजना बनाने वाले हमास के वरिष्ठ कमांडर ‘मोहम्मद दईफ’ को चीन के सैन्य ठिकाने पर प्रशिक्षण प्राप्त होने की खबरें भी सामने आयी थी। इस वजह से इस्रायल पर हमला करने की साज़िश में चीन भी शामिल होने के आरोपों को मज़बूती प्राप्त हुई थी।

इसी बीच, बीजिंग में चीन के पिपल्स लिबरेशन आर्मी के ‘नैशनल डिफेन्स युनिवर्सिटी’ के वरिष्ठ प्राध्यापक शियाओ युनहान ने यह दावा किया कि, रेड सी में हौथी विद्रोहियों के जारी हमले चीन को लाभ पहुंचा रहे हैं। रेड सी में हौथी विद्रोहियों की जारी गतिविधियों से चीन को फायदा - चीन के सैन्य विश्लेषकों का दावाअमेरिका के समुद्री वर्चस्व को चुनौती देने के लिए चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने मध्य एशिया से सीधे यूरोप को जोड़ने वाले ‘बीआरआई’ प्रकल्प का ऐलान किया ता। लेकिन, चीन का यह प्रकल्प कामयाब नहीं हो सका था। लेकिन, येमन के हौथी विद्रोहियों ने रेड सी में इस्रायली जहाजों को लक्ष्य करके अमेरिका के समुद्री वर्चस्व को ही चुनौती दी। अब येमन के यही विद्रोही इस्रायल के साथ अमेरिकी जहाजों को भी लक्ष्य कर रहे हैं और इस वजह से चीन का ‘बीआरआई’ एक बेहतर विकल्प हो सकता हैं। इस वजह से हौथी के हमलों से अमेरिका के वर्चस्व को नुकसान पहुंचाने की सफल नीति चीन अपना रहा हैं, यह दावा भी विश्लेषक शियाओ ने किया। चीन के सोशल मीडिया पर शियाओ के इस दावे का बड़ा समर्थन किया जा रहा है।

इसी बीच, बीजिंग की नैशनल डिफेन्स युनिवर्सिटी चीन के केंद्रीय सैन्यकी समिती के हाथों में हैं और इसका नेतृत्व राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के हाथों में होने की बात होने लगी हैं। इससे शियाओ ने हौथी विद्रोहियों पर बयान करते हुए किया दावा बड़ा गंभीर हैं। इस्रायल पर हमास ने हमला करना और बाद में हौथी विद्रोहियों ने रेड सी की घेराबंदी करने के पीछे चीन की साज़िश होने के आसार दिख रहे हैं। कुछ महीने पहले चीन ने जारी किए विश्व के नक्शे में इस्रायल का समावेश नहीं था, इस ओर भी कुछ अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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