रक्त एवं रक्तघटक – ४०

रक्त एवं रक्तघटक – ४०

पिछले लेख में हमनें रक्त के बारे में सर्वसाधारण संक्षिप्त जानकारी प्राप्त की। इसके बारे में और कुछ जानकारी प्राप्त करते हैं। हमारा रक्त यह एक अपारदर्शक थोड़ा गाढ़ा द्राव है (fluid) है। गाढ़ा यानी पानी की अपेक्षा थोड़ासा गाढ़ा। शरीर की आरटरीज़ का ऑक्सिजनेटेड रक्त गहरा लाल रंग का अथवा bright Scaslet रंग का […]

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रक्त एवं रक्तघटक – ३९

रक्त एवं रक्तघटक – ३९

आज तक हमने रक्ताभिसरण के बारे में यानी शरीर में रक्त के प्रवास के बारे में जानकारी प्राप्त की। हृदय के कार्यों की जानकारी प्राप्त की। हृदय की बीमारियों के बारे में जानकारी प्राप्त की। हमारे शरीर की सभी पेशियों के कार्य सुचारु रूप से चलाने के लिए उचित मात्रा में प्राणवायु की आपूर्ति आवश्यक […]

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हृदय व रक्ताभिसरण संस्था – ३८

हृदय व रक्ताभिसरण संस्था – ३८

मायोकार्डिअल इनफार्कशन या हार्ट अटॅक एक गंभीर बीमारी है। इसकी गंभीरता सर्वविदित है। बहुधा इस बीमारी की मृत्यु हो जाती है। कौन सी घटना प्राणघातक साबित होती है, अब हम उसका अध्ययन करेंगे। १) कार्डिआक आऊटपुट का कम होना :- हृदय के स्नायु इनफार्कटेड होते हैं। वे या तो अकार्यक्षम हो जाते हैं अथवा मृत […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – ३७

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – ३७

करोनरी रक्तवाहनियों में रक्तप्रवाह में रुकावट पैदा होने पर उस व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ जाता है, हृदयविकार का झटका आता है। यह बाधा कैसे निर्माण होती है, इस की जानकारी अब हम प्राप्त करेंगें। अचानक निर्माण होनेवाली रुकावट को Acute coronary occlusion कहते हैं। इसका अर्थ है करोनरी रक्तवाहनियों में रक्त का प्रवाह […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – ३६

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – ३६

‘हृदय’ हमारे शरीर का एक महत्त्वपूर्ण अवयव है। हम हृदय के रक्ताभिसरण का अध्ययन कर रहे हैं। अब हम यह देखेंगे कि हृदय को होनेवाली रक्त आपूर्ति और हृदय विकार इनका क्या संबंध हैं। हृदय की बीमारियाँ यानी हृदयविकार अनेक प्रकार के होते हैं। परन्तु सर्वसामान्य रूप से हम जिसे हृदय विकार कहते हैं वो […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – ३५

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – ३५

पिछले लेख में हम ने स्केलेटल स्नायुओं को होनेवाली रक्त आपूर्ति की जानकारी प्राप्त की। आज हम प्रत्यक्ष हृदय के रक्ताभिसरण की जानकारी प्राप्त करनेवाले हैं। हृदय के रक्ताभिसरण को करोनरी रक्ताभिसरण (Coronary Circulation) कहते हैं। हृदय की रक्तवाहनियों को करोनरी आरटरीज कहते हैं। बांयी व दांयी ऐसी दो प्रकार की आरटरीज हृदय को रक्त […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था– ३४

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था– ३४

अब हम यह देखेंगे कि व्यायाम के दौरान रक्त की आपूर्ति किस तरह नियंत्रित की जाती है। अ) स्थानिक नियंत्रण (Local regulation) व्यायाम करते समय स्नायुओं के कार्य बढ़ने के बाद स्थानिक रासायनिक घटक रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं। अपने कार्यों के दौरान स्नायु प्राणवायु का इस्तेमाल करते हैं। फ़लस्वरूप प्राणवायु की कमी […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – ३३

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – ३३

पिछले लेख में हमनें कार्डिआक आऊटपुट का महत्त्व देखा। हमने देखा कि वेनस रिटर्न के आधार पर कार्डिआक आऊटपुट तय होता है। पेशियों के अवयवों की आवश्यकता के अनुसार कार्डिआक आऊटपुट बढ़ जाता है, ऐसी जानकारी हमनें प्राप्त की। उदा. यदि कोई व्यक्ति व्यायाम कर रहा हो तो स्नायुओं की बढ़ी हुयी आवश्यकतानुसार कार्डिआक आऊटपुट […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – ३२

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था – ३२

हृदय एवं रक्ताभिसरण कार्य की जानकारी लेते समय हम ने अनेक बातों की जानकारी प्राप्त कर ली। हमने देखा कि रक्तदाब (रक्तचाप) क्या होता है? उसका क्या महत्त्व है? रक्तदाब पर नियंत्रण कैसे किया जाता है इत्यादि के बारे में हम ने जानकारी प्राप्त की। रक्ताभिसरण का अर्थ है- संपूर्ण शरीर में होनेवाला रक्त का […]

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हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था- ३१

हृदय एवं रक्ताभिसरण संस्था- ३१

हम ने इसेंसियल हायपरटेंशन की जानकारी प्राप्त की। इसके बारे में और थोड़ी जानकारी हम प्राप्त करते हैं। उच्च रक्तदाबवाले लगभग ९० से ९५.५ लोगों में इस विकार के मूल कारण का पता ही नहीं चलता। फिर भी यह बीमारी एक गंभीर विकार है। सामान्य लोगों में इसकी अनभिज्ञता काफी दिखायी देती है। कई बार […]

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