रक्त एवं रक्तघटक – ६०

रक्त एवं रक्तघटक – ६०

आज हम रक्त के कुछ महत्त्वपूर्ण घटकों के बारे में जानकारी लेंगें। रक्तस्राव होने (खून बहने) के बाद रक्त के जमने की प्रक्रिया कैसे होती है, इसकी आज हम जानकारी लेंगे। किसी भी व्यक्ति को ज़ख्म होने पर रक्तस्राव होता है, यह हम सबका सार्वत्रिक अनुभव है। सामान्यत: ज़ख्म दो प्रकार के होते हैं। पहले […]

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रक्त एवं रक्तघटक – ५९

रक्त एवं रक्तघटक – ५९

रक्त के बारे में अधिकांश जानकारी हम प्राप्त कर चुके हैं। पिछले दो लेखों में हमनें हमारे विभिन्न रक्त समूहों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस जानकारी में हमने देखा की किसी भी व्यक्ति को उसके रक्तसमूह से मेल खानेवाला रक्त ही चढ़ाना पड़ता है। रक्त से मेल खानेवाला रक्त इस से क्या तात्पर्य […]

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रक्त एवं रक्तघटक – ५८

रक्त एवं रक्तघटक – ५८

पिछले लेख में हमने रक्तसमूह के बारे में जानकारी प्राप्त की। किसी भी व्यक्ति को खून चढ़ाते समय उसी के रक्तसमूह वाला रक्त चढ़ाना पड़ता है अन्यथा उस व्यक्ति के प्राणों का खतरा उत्पन्न हो जाता है। O-A-B रक्तसमूह की तरह दूसरा Rh समूह भी उतना ही महत्त्वपूर्ण होता है। खून चढ़ाते समय उस व्यक्ति […]

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रक्त एवं रक्तघटक -५७

रक्त एवं रक्तघटक -५७

आज तक हमने रक्त की विभिन्न पेशियों की जानकारी प्राप्त की। उनके कार्यों को समझा। रक्तपेशियों की सविस्तर जानकारी प्राप्त की। अब हम रक्त से संबंधित अन्य बातों की जानकारी प्राप्त करेंगे। ‘रक्त’ शब्द सुनते ही या पढ़ते ही हमें रक्तस्त्राव, रक्त-दान इत्यादि की याद आ जाती है। इसी के साथ एक और बात याद […]

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रक्त एवं रक्तघटक – ५६

रक्त एवं रक्तघटक – ५६

हमने पिछले लेख में देखा कि शरीर के संरक्षण के लिये अँटिबॉडीज का निर्माण होता है। अँटबॉडिज को निर्माण करने का काम लिंफ़ोसाइट पेशियां करती हैं। प्रत्येक जीवाणु के लिए अलग अँटिबॉडीज तैयार होती हैं। यानी ये अँटिबॉडीज स्पेसिफ़ीक होती हैं। उदा. पोलिओ के विषाणुओं के विरुद्ध लड़नेवाली अँटिबॉडिज स़िर्फ़ पोलिओ के विषाणुओं को ही […]

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रक्त एवं रक्तघटक – ५५

रक्त एवं रक्तघटक – ५५

सफ़ेद पेशियों की जानकारी लेते समय हमने शरीर की प्रतिकारशक्ति, इम्युनिटी, अ‍ॅलर्जी इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त की। शरीर पर आक्रमण करनेवाले विभिन्न जीवाणु एवं अन्य विषैले पदार्थ, जो पेशी एवं अवयवों को नुकसान करते हैं, उनसे लड़ने की क्षमता हमारे शरीर में होती हैं। इस क्षमता को ही ‘इम्युनिटी’ कहते हैं। इस क्षमता […]

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रक्त एवं रक्तघटक – ५४

रक्त एवं रक्तघटक – ५४

पिछले लेख में हम ने देखा कि ‘मवाद’ क्या है और कैसे बनता है। ग्रॅन्युलोसाइटस् पेशियों में से अन्य दो पेशियों की जानकारी हम आज प्राप्त करेंगे। साथ ही साथ रक्त में होनेवाली सफ़ेद पेशियों की कमी और अधिकता का अर्थ एवं उसके कारणों की जानकारी प्राप्त करेंगे। इओसिनोफ़िल (Eosinophil) पेशी – इनकी मात्रा रक्त […]

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रक्त एवं रक्तघटक – ५३

रक्त एवं रक्तघटक – ५३

इसके पहले के लेख में हमने देखा कि सफेद रक्तपेशियां सिर्फ़ जीवाणुओं, विषाणुओं को ही कैसे नष्ट करती हैं। शरीर के बाहरी या अंदरूनी भागों में किन्हीं कारणों से जख़्म हो जाने पर शरीर में एक विशिष्ट घटनाक्रम शुरू हो जाता है। वह जख़्म यह किसी भी प्रकार की चोट, रासायनिक पदार्थ, उष्णता, जीवाणु में […]

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रक्त एवं रक्तघटक – ५२

रक्त एवं रक्तघटक – ५२

हमारे शरीर की रक्तवाहिनियों को चोट लगने से जो रक्तस्राव होता है, वह किस तरह रुकता है, इसकी जानकारी हम प्राप्त कर रहें हैं। अब तक हमने देखा कि इस क्रिया को हिमोस्टेसिस कहते हैं। हमने हिमास्टेसिस का पहला पड़ाव पार कर लिया। अब हम अगली क्रियाओं की जानकारी प्राप्त करेंगें। २) प्लेटलेट पेशी की […]

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रक्त एवं रक्तघटक – ५१

रक्त एवं रक्तघटक – ५१

हम अपने रक्त की सफ़ेद पेशियों की जानकारी ले रहे हैं। हमारे शरीर में ‘हल्लाबोल’ करनेवाले विभिन्न जीवजंतुओं का प्रतिकार करने का और शरीर को उनके दुष्परिणामों से बचाने का कार्य ये पेशियां करती हैं। इन पेशियों की प्रतिकार करने की पद्धति अलग होती है। आज हम सबसे पहले न्युट्रोफ़िल पेशी और मोनोसाइट पेशी उर्फ़ […]

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