श्‍वसनसंस्था – १६

श्‍वसनसंस्था – १६

फेफडों में वायु के आवागमन की जानकारी हमने प्राप्त की। श्‍वसनसंस्था का मुख्य कार्य वायु का आदान-प्रदान करना है। इस कार्य में संपूर्ण श्‍वसनसंस्था मदद करती है। वायु का आदान-प्रदान अलविओल्स में होता है। अलविओल्स की बाहरी सतह पर फेफड़ों की छोटी-छोटी केशवाहनियाँ होती हैं। इन रक्त-वाहनियों में जो रक्त होता है उसमें कर्बद्विप्राणिल (कार्बन […]

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श्‍वसनसंस्था – १५

श्‍वसनसंस्था – १५

श्‍वसन कार्य, प्रत्येक साँस के साथ अंदर-बाहर करनेवाली हवा की मात्रा और उसका महत्त्व हमने देखा। श्‍वसन मार्ग से फेफड़ों में आनेवाली और बाहर जानेवाली हवा का महत्त्व क्या है? फेफड़ों में जहाँ वायु का आदान-प्रदान होता है और जहाँ पर फेफड़ों की पेशियों के बिलकुल नज़दीक फेफड़ों की रक्तवाहनियाँ होती हैं, वहाँ तक लगातार […]

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श्‍वसनसंस्था – १४

श्‍वसनसंस्था – १४

पिछले लेख में हमने देखा कि हमारी श्‍वसन क्रिया किस तरह चलती है। हमने देखा कि प्रत्येक श्‍वासोच्छ्वास में हम कुछ मात्रा में हवा अंदर लेते हैं और कुछ मात्रा में हवा बाहर निकालते हैं। यह मात्रा कितनी होती है? क्या यह प्रत्येक व्यक्ति में एक जैसी ही होती है? दो श्‍वासों के दरम्यान कितनी […]

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श्‍वसनसंस्था – १३

श्‍वसनसंस्था – १३

हमारे फेफड़ों में से हवा का अंदर-बाहर प्रवास कैसे होता है, इसकी जानकारी हमने प्राप्त की। इस प्रवास में अनेक घटकों का समावेश होता है। श्‍वसन संस्था के सभी भाग, छाती का पिंजरा, उसकी क्रिया में शामिल होनेवाले स्नायु इत्यादि सभी के ‘कार्य’ श्‍वसन क्रिया को आसान बनाते हैं। श्‍वसन क्रिया में सहायता करनेवाले सभी […]

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श्‍वसनसंस्था – १२

श्‍वसनसंस्था – १२

हमारे फेफड़े हवा से किस तरह भरे होते हैं और पूरी तरह क्यों नहीं सिकुडते, इसकी जानकारी हम प्राप्त कर रहे हैं। पिछले लेख में हमने हवा के प्रवाह को नियंत्रित करनेवाले घटकों का अध्ययन किया। आज हम फेफड़ों के दो गुणधर्मों का अध्ययन करेंगे। फेफड़ों का काँपलायन्स : पिछले लेख में हमनें ट्रान्सपलमनरी दबाव […]

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श्‍वसनसंस्था- ११

श्‍वसनसंस्था- ११

हम अपनी श्‍वसनसंस्था के कार्यों की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। फेफड़ों के अंदर बाहर होनेवाले वायुप्रवास (Pulmonary Ventilation) के बारे में अध्ययन कर रहे हैं। श्‍वास और उच्छ्वास के दौरान फेफड़े छोटे-बड़े कैसे होते हैं, इसका अध्ययन हमनें किया। छाती के पिंजरे से जुडे हुए स्नायु और द्विभाजक परदे के महत्त्व को जाना। स्नायु […]

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श्‍वसनसंस्था- १०

श्‍वसनसंस्था- १०

हम श्‍वसनसंस्था के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। पिछले लेख में हमने श्‍वसनसंस्था की रचना का अध्ययन किया। आज से हम उसके कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करनेवाले हैं। हमारे श्‍वसन का कार्य क्या है? यदि कोई ऐसा प्रश्‍न पूछें तो हम फौरन उत्तर देंगे कि शरीर को प्राणवायु की आपूर्ति करने […]

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श्‍वसनसंस्था- ९

श्‍वसनसंस्था- ९

पिछले भाग में हमने क्षयरोग के लक्षणों तथा उनके कारण होनेवाले शारीरिक परिवर्तनों का अध्ययन किया। आज के लेख में हम क्षयरोग के कारण होनेवाली अन्य बीमारियों तथा क्षयरोग की जाँच के बारे में अध्ययन करनेवाले हैं (complications & Lab diagnosis of Tuberculosis) क्षयरोग का पता चलने के बाद जल्द से जल्द उपचार करने पर […]

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श्‍वसनसंस्था- ८

श्‍वसनसंस्था- ८

हमारे श्‍वसन का मुख्य आधार हैं, हमारे फ़ेफ़ड़े । हम इस बारे में अध्ययन कर रहे हैं। प्रत्येक फ़ेफ़ड़े में ब्रोंकोपलमनरी सेगमेंटस् होते हैं, यह हमने देखा। प्रत्येक ब्रोंकोपलमनरी सेगमेंट स्वतंत्र रूप से श्‍वसन का कार्य कर सकती हैं। ऐसे प्रत्येक सेंगमेंट को एक-एक सेगमेंटल ब्रोंकस हवा की आपूर्ति करता रहता है। फ़ेफ़ड़े में प्रवेश […]

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श्‍वसनसंस्था- ७

श्‍वसनसंस्था- ७

अब हम श्‍वसननलिका के अंतिम परन्तु महत्त्वपूर्ण भाग के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। इस भाग को फ़ेफ़ड़ा कहते हैं। फ़ेफ़ड़ा यह श्‍वसनक्रिया का अनिवार्य अंग है। हमारे हृदय के दोनों ओर एक-एक फ़ेफ़ड़ा होता है। फ़ेफ़ड़े के ऊपर पतले परदे का आवरण होता है। इस आवरण को ‘प्लुरा’ कहते हैं। इस आवरण के अंदर […]

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