स्नायुसंस्था – २१

स्नायुसंस्था – २१

अब तक हमने स्नायु संस्था के बारे में काफी जानकारी प्राप्त की। इस दौरान हमने देखा कि हमारे स्नायु ही हमारी कार्यशक्ती हैं। शरीर की बाह्य गतिविधियाँ तथा सभी अंतर्गत क्रियाएँ इस स्नायु संस्था पर निर्भर रहती है। हमने देखा कि हमारे शरीर में तीन प्रकार के स्नायु होते हैं। स्केलेटल, कारडियाक और स्मूथ। इन […]

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स्नायुसंस्था -२०

स्नायुसंस्था -२०

हम हृदय के स्नायुओं की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। उनके कार्य ही हृदय के कार्य हैं, इसीलिये हृदय से संबंधित कुछ बातों की जानकारी हम उनके कार्यों के साथ-साथ ही प्राप्त करते जा रहे हैं। हम सभी के द्वारा सुना हुआ हृदय से संबंधित एक शब्द है- E.C.G. । किसी के सीने में दर्द […]

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स्नायुसंस्था -१९

स्नायुसंस्था -१९

हमने हमारे हृदय में स्वयं स्पंदन निर्माण करने वाले सायनस तंतुओं का अध्ययन किया। अब हमें देखना हैं कि इन तंतुओं से निर्माण होनेवाले स्पंदन हृदय के अन्य हिस्सों तक कैसे पहुँचते हैं। सायनस नोड़ के तंतु सीधे एट्रिअल स्नायु तंतुओं से जुड़े होते हैं। इनमें निर्माण हुआ अ‍ॅक्शन पोटेंशिअल एट्रिआ के स्नायुओं में फ़ैलता […]

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स्नायुसंस्था भाग – १८

स्नायुसंस्था भाग – १८

हमारे हृदय को परमेश्‍वर ने एक विशेष गुणधर्म प्रदान किया है। हमारा हृदय निश्‍चित आवेग के स्पंदन स्वयं ही निर्माण करता है और इन स्पंदनों को संपूर्ण हृदय में वहन भी करता है। इन स्पंदनों पर हृदय के स्नायु आकुंचन-प्रसरण करते हैं। बिना किसी दोष के जब ये स्पंदन शुरू होते हैं तब एट्रिया वेंट्रिकल्स […]

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स्नायुसंस्था भाग – १७

स्नायुसंस्था भाग – १७

हम हृदय की क्रियाओं का अध्ययन कर रहे हैं। हमनें देखा कि हृदय के स्नायु किसी पंप की तरह कार्य करते हैं। इसीलिये हृदय के द्वारा रक्त की पंपिंग की जाती है। अब हमें देखना है कि हृदय के एक चक्र के पूरा होने पर कितना रक्त हृदय के अंदर-बाहर आता जाता है। हृदय के […]

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स्नायुसंस्था भाग – १६

स्नायुसंस्था भाग – १६

हम देख रहे थे कि हृदय का पंपिंग का कार्य कैसे होता है। हृदय की एक धड़कन (heart beat)से लेकर दूसरी धड़कन के बीच के समय को हृदय का चक्र कहा जाता है। इस समय में हृदय में कई घटनायें घटती हैं। हृदय के स्नायुओं की जानकारी प्राप्त करते समय हमने देखा कि हृदय की […]

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स्नायुसंस्था – १५

स्नायुसंस्था – १५

इस लेख से हम अपने हृदय के स्नायुओं का अध्ययन करने वाले हैं। हृदय लगभग पूरी तरह स्नायुओं का ही बना होता है। यदि हृदय के स्नायुओं के कार्यों का अध्ययन करना हो तो दो अलग-अलग चरणों में करना चाहिये। पहला चरण है- हृदय के स्नायुओं के आकुंचन एवं प्रसरण में एक तालबद्धता (Rythmicity) होती […]

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स्नायुसंस्था – १४

स्नायुसंस्था – १४

अब तक हमनें स्केलेटल स्नायु की रचना व कार्यो का अध्ययन किया। शरीर के आंतरिक अवयवों के स्मूथ स्नायुओं की रचना का हमनें अध्ययन किया। अब हम उनके कार्यो का अध्ययन करेंगे। कार्य व रचना के आधार पर स्मूथ स्नायुओं को दो भागों में विभाजित किया गया है। १)मल्टीयुनिट स्मूथ स्नायु व २)सिंगलयुनिट स्मूथ स्नायु […]

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स्नायुसंस्था – १३

स्नायुसंस्था – १३

हमारे शरीर की ज्यादातर गतिविधियों में एक से ज्यादा स्नायु तंतु सहभागी होते हैं। जोड़ों की गतिविधियों में तो ऐसे स्नायुओं के गट ही हैं। प्रत्येक गतिविधि में कोई विशिष्ट स्नायु की भूमिका के आधार पर उसको नाम दिया गया है। (यदि एक से ज्यादा स्नायु वही काम कर रहे होते हैं तो उस पूरे […]

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स्नायुसंस्था – १२

स्नायुसंस्था – १२

अब तक हमने स्केलेटल स्नायु का आकुंचन कैसे होता है, इसकी जानकारी प्राप्त की। स्नायु का यह आकुंचन / प्रसरण से एक प्रकार की शक्ती का निर्माण होता है। इस शक्ती का उपयोग शरीर की विभिन्न गतिविधियों के लिये होता है। हमने इससे पहले देखा है कि शरीर की विविध गतिविधियाँ अस्थियों के जोड़ों में […]

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