स्नायुसंस्था भाग – ११

स्नायुसंस्था भाग – ११

आज के लेख में हम स्केलेटल स्नायु के आकुंचन के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगें। स्नायु की आकुंचन प्रक्रिया के बारे में जानने से पहले, एक बार फ़ीर से स्नायु की रचना के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करेंगे। प्रत्येक स्नायु, अनेक स्नायु तंतुओं से बना होता है। प्रत्येक स्नायुतंतु के ऊपर आवरण होता है। […]

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स्नायुसंस्था भाग – १०

स्नायुसंस्था भाग – १०

हम स्नायुतंतु व चेतातंतु में होनेवाली संदेश वहन की प्रक्रिया का अध्ययन कर रहे हैं। इसके लिये हम कुछ बेसिक बातों की जानकारी हासिल करने वाले हैं। हमारे शरीर की प्रत्येक पेशी के आवरण के दोनों ओर विद्युतभार होता है। आवरण के दोनों ओर का विद्युतभार एक-दूसरे के विरुद्ध होता है। यानी पेशी-आवरण के बाहर […]

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स्नायुसंस्था भाग – ०९

स्नायुसंस्था  भाग – ०९

पिछले लेख में हमने देखा कि पेशी आवरण स्निग्ध पदार्थों से बना होता है। यह आवरण पेशी के बाहरी तथा पेशी के अंदरूनी इन दोनों द्रावों में मिलनेवाला अथवा पिघलने वाला नहीं होता है। पानी एवं पानी में पिघलने वाले पदार्थ इसमें सरलता से अंदर-बाहर नहीं आते जाते। स्निग्ध द्रव्यों में पिघलने वाले (lipid soluble) […]

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स्नायुसंस्था भाग – ०८

स्नायुसंस्था भाग – ०८

हमने अपने शरीर के विभिन्न स्नायुओं की रचना देखी। अब हम स्नायु के कार्यों का यानी स्नायुओं का आकुंचन एवं प्रसरण कैसे होता है, इसका अध्ययन करेंगें। प्राय: स्नायु के कार्यो में उसके चेतातंतुओं का सहभाग होता है। हमने स्नायु की रचना में देखा कि प्रत्येक स्नायुतंतु पर न्यूरोमसक्युलर अर्थात चेतातंतु-स्नायुतंतु का जोड़ (जंक्शन) होता […]

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स्नायुसंस्था भाग – ०७

स्नायुसंस्था भाग – ०७

हमारे शरीर के स्केलेटल स्नायु किसी न किसी हड्डी से जुड़े होते हैं। इसीलिये इनको स्केलेटल अथवा पंजर का स्नायु कहते हैं। स्नायु के आकुंचन से निर्माण होनेवाला फ़ोर्स अथवा ताकत हड्डियों पर संक्रामित (ट्रान्सफ़र) होती है। स्नायु को अस्थि से जोड़ने एवं इस ताकत को ट्रान्सफ़र करने का काम वैशिष्टयपूर्ण संधिनी पेशियाँ करती हैं। […]

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स्नायुसंस्था भाग – ०६

स्नायुसंस्था भाग – ०६

आज हम अपने शरीर की तीसरी प्रकार की स्नायु संस्था की जानकारी प्राप्त करने वाले है। स्थूल मसल्स अथवा स्नायु। इन स्नायुपेशियों में आकुंचन की प्रथिने ठराविक पद्धति से रची हुयी नहीं होती है। साथ ही साथ इनमें सारकोमिअर्स भी नहीं होते हैं। इसके कारण सूक्ष्मदर्शी में ये पेशियां सीधी अथवा स्मूथ दिखायी देती हैं। […]

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स्नायुसंस्था भाग – ०५

स्नायुसंस्था भाग – ०५

  अब हम हृदय के स्नायुओं का अध्ययन करेंगे। गर्भावस्था के दूसरे माह से जन्म से लेकर मृत्यु तक हृदय निरंतर कार्यरत रहता है। जोर-जोर से हृदय के ‘लब-डब’ की आवाज हमें प्रतीत होती है और कभी-कभी सुनायी भी देती है(बिना किसी भी यंत्र की सहायता से)। लब-ड़ब यह ध्वनि हृदय के एक आकुंचन-प्रसरण के […]

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स्नायुसंस्था भाग – ०४

स्नायुसंस्था भाग – ०४

हम अपनी स्केलेटल की स्नायुओं के बारे में अध्ययन कर रहे हैं।  हमने स्नायुओं को होने वाली रक्त-आपूर्ति का अध्ययन किया। अब हम आगे की जानकारी लेंगे। स्नायु के चेतातंतु : प्रत्येक स्नायु के लिये एक चेतातंतु होता है। हाथ, पैर, चेहरा के प्रत्येक स्नायु के लिये स्थायी रुप से एक ही चेतातंतु होता है। […]

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स्नायुसंस्था भाग – ०३

स्नायुसंस्था भाग – ०३

कल के लेख में हमनें देखा कि हमारे स्नायु तीन प्रकार के होते हैं। आज से हम इन तीनों प्रकार के स्नायुओं की रचना, उनके जन्म व विकास के बारे में जानकारी लेंगे। स्केलेटल स्नायु : स्केलेटल स्नायु स्नायुतंतुओं से बने होते हैं। इन्हें मसल फायबर्स (muscle fibres) कहते हैं। ये तंतु अथवा रज्जू दंडगोलाकार […]

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स्नायुसंस्था भाग – ०२

स्नायुसंस्था भाग – ०२

हमने अपनी स्नायुसंस्था के बारे में जानकारी प्राप्त करने की शुरुवात की हैं। हमें अपनी स्नायुपेशियों की विशेषताओं का अध्ययन करना है। कल के लेख में हमनें देखा कि प्रत्येक पेशी में एक पेशीपंजर (cytoskeleton) होता है। यह पंजर अपना आकार बदलता रहता है। इसी के अनुसार पेशी का आकार बदलता रहता है। प्रत्येक पेशी […]

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