नेताजी-८४

नेताजी-८४

ते़ज ऱफ़्तार के साथ आगे बढ़ रहे असहकार आन्दोलन को अचानक बिनाशर्त स्थगित कर देने के गाँधीजी के निर्णय की आलोचना करनेवाले सुभाषबाबू-विठ्ठलभाई के घोषणापत्र से भारतीय राजकीय वर्तुल में खलबली मच गयी। गाँधीजीसमर्थकों की राय से तो सुभाषबाबू गाँधीजीविरोधक ही थे, लेकिन विठ्ठलभाई भी उनका साथ देंगे यह किसीने सपने में भी नहीं सोचा […]

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नेताजी- ८३

नेताजी- ८३

सुभाषबाबू अब उत्सुक थे, विठ्ठलभाई से मिलने के लिए। मई महीने के प्रारम्भ में विठ्ठलभाई कूच ब कूच जब व्हिएन्ना पहुँचे, तब सेहत ठीक न होने के बावजूद भी उस सुबह की कड़ाके की ठण्ड़ में रेल्वे स्टेशन पर उनके स्वागत के लिए अकेले सुभाषबाबू ही आये थे। बीमार होने के कारण लाठी टेकते टेकते […]

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नेताजी-८२

नेताजी-८२

शरदबाबू की चिन्ता थोड़ीबहुत दूर हो जाते ही और स्वास्थ्य में थोड़ाबहुत सुधार होते ही सुभाषबाबू ने जोरशोर के साथ अपने कार्य की शुरुआत की। एक तऱफ जर्मन भाषा सीखना शुरू ही था। अब उन्होंने व्हिएन्ना की म्युनिसिपालिटी में जाना भी शुरू कर दिया। वहाँ की नगरपालिकाओं ने आम जनता की सुखसुविधाओं पर ग़ौर करते […]

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नेताजी- ८१

नेताजी- ८१

व्हेनिस में एक दिन रहने के बाद ७ मार्च १९३३ की रात को सुभाषबाबू व्हिएन्ना के लिए रवाना हुए। अब उनका पहला लक्ष्य था – तंदुरुस्ती। उनके आने की ख़बर वहाँ भी पहुँच ही चुकी थी। इसीलिए ८ मार्च को व्हिएन्ना पहुँचते ही वहाँ के भारतीय छात्रों ने उनका स्वागत किया। यहाँ भी उन्होंने ‘भारत […]

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नेताजी-८०

नेताजी-८०

आँखों से ओझल हो रहे भारत के किनारे को देखते समय सुभाषबाबू का मन विचारों के सैलाब से घिर चुका था। अपने प्रियजनों के, विशेषतः अपनी प्राणप्रिय मातृभूमि के वियोग के दुख की पहली लहर की तीव्रता के कुछ कम होते ही उनका मन आगे की सोचने लगा। पिछली मर्तबा आयसीएस परीक्षा देने के लिए […]

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नेताजी- ७९

नेताजी- ७९

इलाज के लिए विदेशगमन करने से पहले कोलकाता जाकर अपने वृद्ध मातापिता से मिलने की सुभाषबाबू की दऱख्वास्त सरकार द्वारा नकार दी जाने के बाद, कम से कम मुझे अपने मेजदा से – शरदबाबू से तो मिलने दिया जाये, ऐसा तक़ाज़ा सुभाषबाबू ने खतों के जरिये सरकार के पास लगाया। आख़िर उनके प्रयास सफ़ल हुए […]

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नेताजी-७८

नेताजी-७८

सेवनी की नरकप्रद जेल के बाद जबलपूर फौजी अस्पताल, वहाँ से मद्रास जेल, फिर भोवाली क्षयरोग-उपचार केन्द्र, उसके बाद लखनौ का बलरामपूर अस्पताल इस तरह, सेहद ख़राब हो चुके सुभाषबाबू को यहाँ से वहाँ ले जाया जा रहा था। उन्हें भारत का अपना नं. १ का दुश्मन माननेवाली अँग्रे़ज सरकार का उनकी सेहद से कोई […]

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नेताजी-७७

नेताजी-७७

गाँधीजी द्वारा पुनः शुरू किये जा रहे सविनय क़ायदाभंग के आन्दोलन की योजनाओं को मन में साकार करते हुए ही सुभाषबाबू मुंबई से कोलकाता जा रही मेल में बैठे थे। घण्टेभर में ही कल्याण स्टेशन आया और यकायक चारों तऱफ से पुलीस की सीटियों की आवा़ज सुनायी देने लगी। क्या हुआ है, यह समझने से […]

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नेताजी-७६

नेताजी-७६

आयर्विन के बाद व्हाईसरॉय के रूप में भारत आया विलिंग्डन तो दिल्ली समझौते से लगभग पलट ही गया था। उस समझौते पर हस्ताक्षर करनेवाले दोनों व्यक्ति – आयर्विन की मोहलत ख़त्म होने के कारण, वहीं गाँधीजी दूसरी गोल मे़ज परिषद में उपस्थित रहने के लिए – इंग्लैंड़ जाने के कारण सरकार की तो मानो दसों […]

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नेताजी-७५

नेताजी-७५

गाँधीजी और सुभाषबाबू को दिल्ली ले जानेवाली गाड़ी जैसे जैसे उत्तरी भारत में जा रही थी, वैसे वैसे भगतसिंगजी के प्रति वहाँ के जनमत में रहनेवाली उत्कटता भी प्रतीत हो रही थी। गाड़ी के दिल्ली पहुँचने तक भगतसिंगजी आदि को फाँसी देने की तैयारी सरकार ने पूरी कर ली है ऐसी ख़बर आयी। दिल्ली उतरकर […]

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