नेताजी-६४

नेताजी-६४

सभी को लंबे अरसे तक याद रहे, इस तरह अध्यक्ष महोदय के शानदार ‘फ़ौजी’ स्वागत के बाद कार्यकर्ता काम में जुट गये। अब थोड़े ही समय में विषयनियामक समिति की मीटिंग शुरू होनेवाली थी। दूसरे दिन के खुले अधिवेशन में ‘नेहरू रिपोर्ट’ प्रस्तुत करने से पहले उसपर चर्चा की जानेवाली थी। ‘उपनिवेशीय स्वराज्य या संपूर्ण […]

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नेताजी-६३

नेताजी-६३

सन १९२८ के कोलकाता काँग्रेस के मंडप में ही संचालित किये गये युवक काँग्रेस के अधिवेशन में सुभाषबाबू द्वारा की गयी स्पष्टोक्ति की गूँज कई दिनों तक फ़ैली हुई थी। हालाँकि इस स्पष्टोक्ती से अरविंदबाबू तथा गांधीजी के समर्थक बहुत ही नारा़ज हो गये थे, लेकिन सुभाषबाबू का विरोध उन व्यक्तियों को नहीं, बल्कि मह़ज […]

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नेताजी- ६२

नेताजी- ६२

गाँधीजी के आदेश के अनुसार मोतीलालजी ने सन १९२८ की कोलकाता काँग्रेस के अध्यक्षस्थान का स्वीकार तो किया, लेकिन अपनी ‘नेहरू रिपोर्ट’ का क्या होगा, यह चिन्ता उन्हें सता रही थी। इस रिपोर्ट पर काँग्रेस कार्यकारिणी में हुई बहस में सुभाषबाबू के विरोधी सूर में उनके बेटे जवाहरलालजी ने मिलाया हुआ सूर और सुभाषबाबू के […]

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नेताजी-६१

नेताजी-६१

सुभाषबाबू ने जमशेदपूरस्थित टाटा स्टील कंपनी के म़जदूरों की जाय़ज माँगों के लिए व्यवस्थापन के साथ किया हुआ यशस्वी संघर्ष और लाहौर में सायमन कमिशन के खिला़फ़ निकाले गये निषेध मोरचे पर किये गये लाठीचार्ज में लालाजी का हुआ निधन इन घटनाओं को अपने में समेटकर १९२८ का वर्ष अपने अस्त की ओर बढ़ने लगा। […]

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नेताजी- ६०

नेताजी- ६०

गाँधीजी फिर से राजनीति में सक्रिय सहभाग लेकर कायदेभंग जैसा कोई राष्ट्रव्यापी आन्दोलन छेड़ें और सायमन कमिशन के खिला़फ भारत में ख़ौल उठे जनक्षोभ को उचित दिशा दे दें, यह ‘सुभाष-नीति’ नाक़ामयाब हो गयी। भारत के स्वतन्त्रतासंग्राम में आसमान की बुलंदी को छू लेनेवाले दो महामानवों के बीच की वैचारिक दरार अधिक सा़फ़ ऩजर आने […]

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नेताजी- ५९

नेताजी- ५९

सन १९२२ में गाँधीजी द्वारा असहकार आन्दोलन को अचानक से स्थगित कर देने के बाद, आगे के पाँच-छः सालों तक काँग्रेस के पास कोई भी ठोस कार्यक्रम नहीं था। लोग शिथिल हो गये थे। ऐसे समय सायमन कमिशन का भारत आना, यह सुभाषबाबू को स्वर्णिम अवसर जैसा प्रतीत हुआ। भारत में पहले से ही सायमन […]

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नेताजी-५८

नेताजी-५८

सन १९२७ के नवम्बर महीने में सभी जातिधर्मों के लोगों का सहभाग रहनेवाली ‘युनिटी कॉन्फ्रेंस’का आयोजन किया गया था और उसका कारण था, भारत के राजकीय माहौल का जाय़जा लेने, साल के अन्त में भारत आ रहा – सायमन कमिशन । सन १९१९ में हुए माँटेग्यू-चेम्सफर्ड सुधारों के अनुसार भारतीयों को धीरे धीरे सत्ता में […]

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नेताजी- ५७

नेताजी- ५७

बिगड़ी हुई तबियत को थोड़ी राहत मिलते ही सुभाषबाबू ने देश की और ख़ासकर बंगाल की परिस्थिति का जाय़जा लेना शुरू किया। बंगाल में – कोलकाता के मेयर, बंगाल असेंब्ली में काँग्रेस के नेता और बंगाल प्रान्तिक काँग्रेस के अध्यक्ष इस तेहरी जिम्मेदारी को समर्थ रूप से सँभालनेवाले दासबाबू का इसवी १९२५ में देहान्त हो […]

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नेताजी-५६

नेताजी-५६

गव्हर्नर के अधिकृत डॉक्टर का समावेश रहनेवाले पॅनेल ने गव्हर्नर की ख़ास बोट पर सुभाषबाबू की बारीक़ी से वैद्यकीय जाँच की और उसके बाद अपनी रिपोर्ट, उस समय दार्जिलिंग गये हुए गव्हर्नर को टेलिग्राम से भेज दी। सुभाषबाबू को वह दिन गव्हर्नर की बोट पर ही बिताना पड़ा। दूसरे दिन सुबह संबंधित पुलीस अधिकारी हाथ […]

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नेताजी-५५

नेताजी-५५

सुभाषबाबू के चुनाव जीतने की ख़बर मंडाले पहुँचते ही भारतीय कैदियों की ‘वंदे मातरम्’ की गूँज से सारा माहौल भर गया। लेकिन सरकार के सुभाषबाबू के प्रति रहनेवाले कुटिल रवैये के कारण यह जीत सुभाषबाबू को जेल से रिहा कराने में असमर्थ साबित हुई। इसी दौरान मंडाले की जलवायु के दुष्परिणाम उनके स्वास्थ्य पर साफ़ […]

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