बायडेन प्रशासन ईरान को खोखली धमकियां दे रहा है अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन

iran-raise-biden-us-threats-1वॉशिंग्टन – व्यवहार द्वारा परमाणु कार्यक्रम रोकने में असफल होने पर लश्करी कार्यवाही की जाएगी, ऐसा इशारा बायडेन प्रशासन ने ईरान को दिया था। मगर बायडेन प्रशासन द्वारा दी जा रही धमकियां खोखली होने की टीका अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने की है। हर शर्त पर ईरान के साथ परमाणु समझौते के लिए बायडेन प्रशासन भरसक कोशिशें कर रहा है, ऐसा गंभीर आरोप बोल्टन ने लगाया है।

मंगलवार से वियना में परमाणु समझौते पर चर्चा में गति आई हुई दिख रही है। पिछले सप्ताह बायडेन प्रशासन ने ईरान पर से कुछ प्रतिबंध हटाने की तैयारी की थी। मगर अमेरिका तथा पश्चिमी राष्ट्रों ने ठोस कदम उठाए बगैर हम परमाणु समझौते में शामिल नहीं होंगे, ऐसा ईरान दृडता से कह रहा है। ईरान ऐसी डीठ भूमिका अपना रहा है, मगर बायडेन प्रशासन स्पष्टरूप से झुकता हुआ दिखाई दे रहा है। इस पर अमेरिका से तीव्र प्रतिक्रियाएं उमडने लगी हैं।

मगर बायडेन प्रशासन में से ही कुछ अधिकारी, सत्ताधारी डेमोक्रैट पक्ष के वरिष्ठ सिनेट तथा बायडेन के विरोधक इस बात पर कडी टीका कर रहे हैं। अमेरिका के भूतपूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भी ईरान पर प्रतिबंध शिथिल करने वाले बायडेन प्रशासन की प्रताडना की है। 

’कितनी भी कीमत चुकानी पडे तब भी ईरान के साथ परमाणु समझौता करना ही है, यह बायडेन प्रशासन ने ठान लिया है। इसलिए ईरान को हर तरह की सहुलियतें देने के लिए बायडेन प्रशासन बेसब्र हो चुका है, ऐसी तीखी टीका बोल्टन ने की।

iran-raise-biden-us-threats-2सहुलतें देने के बावजूद ईरान परमाणु समझौता ना करना चाहे तो लश्करी कार्यवाहियों का विकल्प अपने पास होने का इशारा बायडेन प्रशासन ने कुछ दिनों पूर्व दिया था। मगर भूतपूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोल्टन ने कहा कि, इस इशारे में कोई दम नहीं है। ’यह खोखली धमकी है। बायडेन प्रशासन ने ऐसे लश्करी कार्यवाही की कोई तैयारी नहीं की है। बायडेन प्रशासन को पहचानने वाला ईरान ऐसी धमकियों की कोई पर्वाह नहीं करता’, ऐसा बोल्टन ने कहा।

कुछ दिन पहले बायडेन के ही डेमोक्रैट्स पक्ष के वरिष्ठ सिनेटर रॉबर्ट मेनेंडेस ने ईरान के साथ जारी व्यवहार पर प्रश्न उठाया था। वियना में परमाणु समझौता सफल हो जाए तो ईरान अपने बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में बदलाव नहीं करेगा अथवा खाडी स्थित आतंकी संगठनों का समर्थन नहीं करेगा, इसका अहसास मेनेंडेस ने दिलाया था। इसलिए सत्ताधारी डेमोक्रैट पक्ष के वरिष्ठ सिनेटर ही बायडेन प्रशासन की भूमिका से सहमत नहीं है, ऐसा प्रतीत हो रहा है।

तो, ईरान का परमाणु कार्यक्रम ’ब्रेकआऊट टाइम’ पर पहुंचा है ऐसा दावा अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं। परमाणु समझौते के बिना अगले कुछ सप्ताहों में ईरान परमाणु बम के निर्माण के लिए आवश्यक सामग्री इकठ्ठी करगा, ऐसा इशारा विश्लेषक दे रहे हैं। वियना में परमाणु समझौते के बाद भी ईरान यह क्षमता अगले वर्षभर में पा लेगा, ऐसा इन विश्लेषकों का कहना है। अमेरिका के आघाडी के दैनिक ने कुछ दिन पहले यह इशारा प्रसिद्ध किया था।

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